सदियों से दूर्वा यानी दुब को शुभ कार्यों में जैसे शादी, नामकरण संस्कार, गृह प्रवेश, मुंडन आदि में प्रयोग किया जाता हैं। हिंदू धर्म में दूर्वा को बहुत ही पवित्र और पूजनीय माना गया है। दूर्वा विघ्नहर्ता भगवान गणेश को बेहद प्रिय है। कहा जाता है कि बिना दूर्वा के भगवान गणेश की पूजा अधूरी मानी जाती है।
दुर्वा एक पवित्र घास है और जब भगवान गणेश की बात आती है तो इसका विशेष महत्व होता है। ‘दूर्वा’ शब्द ‘दुहु’ और ‘अवम’ शब्दों से बना है। ‘दुहु’ का अर्थ है, जो दूर है और ‘अवम’ का अर्थ है जो निकट लाता है। इस प्रकार एक तरह से हम कह सकते हैं कि दूर्वा घास गणेश भक्तों को अपने करीब लाती है। देवता को दूर्वा चढ़ाए बिना कोई भी पूजा पूर्ण नहीं मानी जाती है।
जब आप गणेश पूजा करते हैं तो यह विशेष रूप से एक महत्वपूर्ण भेंट होती है। दुर्वा घास में तीन धारी जैसी पत्तियां होती हैं, जो आदि शिव, आदि शक्ति और आदि गणेश के तीन सिद्धांतों का प्रतिनिधित्व करते हैं। कहा जाता है कि दूर्वा में गणेश सिद्धांत को आकर्षित करने की उच्चतम क्षमता है, जो बताता है कि यह भगवान गणेश को चढ़ाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण प्रसाद क्यों है। इसके साथ ही दूर्वा के कुछ उपाय भी बेहद चमत्कारी माने गए हैं। चलिए जानते हैं दूर्वा के इन चमत्कारी उपायों के बारे में….
आर्थिक संकट दूर करने के लिये करें ये उपाय
यदि आपके घर में पैसा नहीं टिक रहा हैं और घर पर आर्थिक संकट बना हुआ है, तो बुधवार के दिन भगवान श्री गणेश जी की पूजा के दौरान उनको दूर्वा अर्पित करने से वे बहुत ही शीघ्र प्रसन्न होते हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। ऐसा करने से आपको आर्थिक संकट से शीघ्र ही छुटकारा मिलेगा। आपको ऐसा लगातार सात बुधवार तक करना है। बस आपको ध्यान रखना होगा कि जिस जगह से आप दूर्वा ले रहे हो वो बिल्कुल साफ सुथरी हो।
घर में लगाएं दूर्वा
माना जाता है कि दूर्वा घर में लगाने से घर के अंदर सकारात्मक ऊर्जा आती है और इस पौधे की देखभाल करने पर घर में सुख-समृद्धि का वास भी होता है। मान्यता है कि लंबे समय से कोई काम पूरा नहीं हो पा रहा है, तो दूर्वा को गाय के दूध में मिलकर उसका लेप बनाकर माथे पर उसका तिलक लगाएं इससे आपकी मनोकमना जल्द ही पूरी हो सकती है। परिवार में अपनापन बना रहे, घर की सुख-शांति भंग न हो इसके लिए बुधवार के दिन गाय को दूर्वा की हरी घास खिलाना शुभ माना जाता है।