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तहसीलदार, पटवारी, गिरदावर और जेईएन समेत सात लोग डेढ लाख रुपये की रिश्वत लेते गिरफ्तार

तहसीलदार, पटवारी, गिरदावर और जेईएन समेत सात लोग डेढ लाख रुपये की रिश्वत लेते गिरफ्तार

तहसीलदार, पटवारी, गिरदावर और जेईएन समेत सात लोग डेढ लाख रुपये की रिश्वत लेते गिरफ्तार

जयपुर, 23 अगस्त (हि.स.)। जयपुर विकास प्राधिकरण घूसखोरी का अड्डा बन गया है। शुक्रवार को जेडीए में चल रहे भ्रष्टाचार की एक जड़ पर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने वार किया। एसीबी ने जोन-नौ में परिवादी से रिश्वत लेते हुए सात लोगों को गिरफ्तार कर डेढ़ लाख रुपये की राशि जब्त की है। एसीबी ने रिश्वत के खेल का पर्दाफाश कर एक पटवारी, एक जेईएन, तीन गिरदावर, एक तहसीलदार और एक दलाल को गिरफ्तार किया है। एसीबी ने कार्रवाई के दौरान जोन-9 में मौजूद अन्य अधिकारियों के भी मोबाइल जब्त कर लिए थे। कार्रवाई के दौरान एसीबी ने पूरे जोन को सीज कर दिया। कार्रवाई चलने के दौरान वहां पर मौजूद पचास से अधिक अधिकारियों और कर्मचारियों को कार्यालय में ही रोक लिया गया। फिलहाल एसीबी की टीम आरोपितों से पूछताछ करने में जुटी है।

एसीबी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हिमांशु कुलदीप ने बताया कि जयपुर विकास प्राधिकरण के जोन नंबर-नौ के तहसीलदार लक्ष्मीकांत गुप्ता, गिरदावर रुकमणी (पटवारी का चार्ज),गिरदावर श्रीराम शर्मा, पटवारी रविकांत शर्मा, जेईएन खेमराज मीणा, पटवारी विमला और उसके पति महेश मीणा (दलाल) को डेढ लाख रुपये की रिश्वत लेते गिरफ्तार है। जिनके पास से एसीबी की टीम ने डेढ़ लाख रुपये की रिश्वत भी जब्त की है। इसके अलावा एसीबी टीम को एक लाख रुपये अलग से नगद मिले हैं। इन सभी आरोपितों के घरों पर तलाशी की जा रही है।

पुलिस अधीक्षक हिमांशु कुलदीप ने बताया कि भूमि कंवर्जन के काम को लेकर सितंबर 2023 में एक पीड़ित से रुपये की मांग की जा रही थी। पीड़ित ने जोन नंबर नौ के पटवारी, तहसीलदार, जेईएन, गिरदावर से कई बार मुलाकात कर काम करने के लिए कहा। इसके बाद उससे लगातार रुपये की मांग को लेकर परेशान किया जा रहा था। इस दौरान पटवारी विमला मीणा का पति महेश ने काम कराने के लिए बारह से तेरह लाख रुपये की डिमांड रखी। कई बार बात करने के बाद डेढ लाख रुपये में सौदा तय हुआ। रिश्वत को लेकर परेशान चल रहे पीड़ित ने एसीबी कार्यालय जयपुर में शिकायत की। एसीबी ने शिकायत का सत्यापन ट्रेप की कार्रवाई करते हुए शुक्रवार देर शाम को परिवादी को रिश्वत के डेढ लाख रुपये लेकर भेजा गया। रिश्वत की राशि सभी को बंटने के बाद एसीबी ने छापेमारी की। एसीबी टीम को देखकर रिश्वतखोर अधिकारियों ने रुपये अलमारी के पीछे दीवार की तरफ और अपने अंडरगार्मेंट्स में छुपा लिए। एसीबी कार्रवाई के दौरान जोन नंबर नौ के कार्यालय में पचास से अधिक अधिकारी और कर्मचारी मौजूद थे। ढाई घंटे चली कार्रवाई के दौरान एसीबी ने रिश्वत में शामिल नहीं मिलने वाले अधिकारी और कर्मचारियों को अकेले में एक-एककर पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया। इसके बाद रिश्वत मामले में तहसीलदार लक्ष्मीकांत गुप्ता, गिरदावर रुकमणी (पटवारी का चार्ज),गिरदावर श्रीराम शर्मा, पटवारी रविकांत शर्मा, जेईएन खेमराज मीणा, पटवारी विमला और उसके पति महेश मीणा (दलाल) को गिरफ्तार है। एसीबी की टीम आरोपितों के ठिकानों पर सर्च अभियान चला रखा है।

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