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तीसरी बार शाम को ही शपथ क्‍यों लेंगे प्रधानमंत्री मोदी? ज्‍योतिषी ने बताया या फिर….

ऐसे में क्‍या पीएम मोदी के शाम को ही शपथ ग्रहण करने के पीछे कोई ज्‍योतिषीय कारण है या ऐसा कोई नियम है कि शाम को ही प्रधानमंत्री शपथ लेंगे और इसका प्रोटोकॉल निर्धारित है. आइए जानते हैं.

देश के जाने माने वरिष्‍ठ पत्रकार न्‍यूज18 हिंदी से बातचीत में बताते हैं कि प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद के गठन के लिए सांसदों का चुनाव सरकार बनाने वाली पार्टी पहले ही कर लेती है. उसके बाद राष्‍ट्रपति के द्वारा इन सभी को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई जाती है. जिसके बाद वे विधिवत तरीके से मंत्रिमंडल का हिस्‍सा बनकर देश के लिए काम करते हैं.

नहीं होता कोई प्रोटोकॉल..
साल 2014 में और 2019 के लोकसभा चुनावों में जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शाम को ही पीएम पद की शपथ ली थी. इस बार भी शाम का ही वक्‍त चुना गया है. दरअसल शपथ ग्रहण की तारीख तय हो जाने के बाद समय चुनने को लेकर संविधान या विधायिका की ओर से कोई प्रोटोकॉल नहीं है. इसका चुनाव विजेता पार्टी के नेता और आयोजक अपने मन से करते हैं. हालांकि इसे चुनने के पीछे कई वजहें हो सकती हैं.

मई-जून की गर्मी..
2014 और 2019 में भी मोदी सरकार मई-जून के महीनों में ही बनी थी. वहीं इस बार भी जून की चिलचिलाती गर्मी है. चूंकि यह पूरा आयोजन राष्‍ट्रपति भवन में होता है. जहां इसमें शामिल होने के लिए न केवल प्रधानमंत्री, मंत्रिमंडल के सदस्‍य बल्कि विपक्ष के लोग, देश और विदेशों से आए हुए मेहमान, चुने गए सांसद, राज्‍यों के मुख्‍यमंत्री, पद्म पुरस्‍कारों से सम्‍मानित लोग, कला और साहित्‍य जगत की हस्तियां, प्रियजन और परिवारीजन शामिल होते हैं. ऐसे में राष्‍ट्रपति भवन के खुले हिस्‍से में इतनी बड़ी संख्‍या में आने वाले लोगों की व्‍यवस्‍था को देखा जाता है. शाम में धूप भी नहीं होती है, लिहाजा आयोजन के लिए इसलिए भी यह समय चुना जाता है.

राष्‍ट्रपति भवन में भोज
शपथ ग्रहण समारोह के आयोजन के तुरंत बाद आए हुए सभी मेहमानों के लिए राष्‍ट्रपति भवन में रात के भोज की व्‍यवस्‍था होती है. यह भी एक कारण है कि शपथ ग्रहण के तुरंत बाद सभी लोग राष्‍ट्रपति भवन के डिनर में शामिल हो जाते हैं. इसलिए शपथ ग्रहण के लिए शाम का समय चुना जाता है.

मुहूर्त और ज्‍योतिष…
किसी भी शुभ काम को करने के लिए अच्‍छा मुहूर्त निकलवाया जाता है. ऐसे में देश में सरकार बनाने के दौरान भी ग्रह-दशाओं को देखकर समय तय किया जाता है. कई नेता ज्‍योतिष पर गहरा विश्‍वास करते हैं और इसी के अनुसार वक्‍त का निर्धारण होता है. पीएम मोदी के मामले में भी यह संभव है. शाम का वक्‍त चुनने के पीछे यह भी वजह हो सकती है कि पीएम मोदी की राशि वृश्चिक है और इसीलिए उन्‍होंने 9 जून को शाम को वृश्चिक लग्‍न को ही शपथ ग्रहण के लिए चुना है. ताकि पूरे पांच साल सत्‍ता पक्ष मजबूत बना रहे. यहां त‍क कि यूपीए सरकार में प्रधानमंत्री बने मनमोहन सिंह को ज्‍योतिष पर भरोसा नहीं था लेकिन उनके साथ जुड़े कई वरिष्‍ठ नेता मुहूर्त और ज्‍योतिष को मानते थे.

गौधूलि बेला और शुभ संकेत..
चूंकि शाम को सूर्यास्‍त के समय गौधूलि बेला आरंभ होती है. सूर्योदय के बाद यह दिन का सबसे शुभ समय होता है. इस समय माना जाता है कि गाय, पक्षी, इंसान सभी अपने-अपने घर लौट रहे होते हैं, यह शुभ और मिलन की बेला होती है और देश के प्रधानमंत्री अपने प्रियजनों यानि जनता के समक्ष, उसकी उन्‍नति और विकास के लिए शपथ लेंगे. ऐसे में यह भी एक वजह है कि शपथ ग्रहण के लिए शाम का समय चुना गया है.

पीएम मोदी के फैसले
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब से पीएम बने हैं, उन्‍होंने कई बड़े फैसले अपने दोनों कार्यकाल में किए. आपने शायद महसूस किया हो कि ये सभी फैसले भी अक्‍सर 8 बजे या शाम को ही जनता के सामने घोषित किए गए. फिर चाहे वह 2016 में की गई नोटबंदी हो, कोरोना के दौरान लॉकडाउन की घोषणा हो या देश को किसी महत्‍वपूर्ण मुद्दे पर संबोधित करना हो. ऐसे में शाम का समय पीएम मोदी के लिए शुभ है.

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