दिवाली पर सफाई करनी है आ जाओ… बुजुर्ग ने ऑनलाइन कराई बुकिंग, तभी हो गई छोटी सी चूक, फिर…

You have to do cleaning on Diwali, come here... The elderly made the booking online, then a small mistake happened, then...

नई दिल्‍ली. क्‍या आप भी अक्‍सर घर के छोटे-मोटे काम के लिए ऑनलाइन ई-कॉमर्स साइट पर जाकर बुकिंग कराना पसंद करते हैं. चाहे घर की सफाई हो या फिर बिजली-पानी से जुड़ा रिपेयर का काम. घर बैठे-बैठे मेकअप कराना हो या हेयर स्‍टाइल बनवाना हो, सब कुछ महज मोबाइल ऐप पर एक क्लिक पर हो जाता है. मुंबई की रहने वाली 55 साल की एक बुजुर्ग महिला के लिए ऐप पर दिवाली की सफाई बुकिंग कराना भारी पड़ गया. उनको ऐसी चपत लग गई कि अब वो थाने के चक्‍कर काटने को मजबूर हैं. पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है.

प्राप्‍त जानकारी के मुताबिक महिला के घर में रखी अलमारी से चार लाख रुपये की कीमत के गहने निकाल लिए गए. इस मामले में पुलिस ने 27 वर्षीय युवक अरबाज खान को अरेस्‍ट कर लिया है. साथ ही पूछताछ के लिए दो अन्य कर्मचारियों को हिरासत में ले लिया गया है. फ्री प्रेस जरनल की रिपोर्ट के अनुसार मुंबई के दहिसर इलाके में स्थित ऋषिकेश सोसाइटी में रहने वाली लीना म्हात्रे ने नोब्रोकर ऐप के जरिए दिवाली सफाई की बुकिंग करवाई थी. 21 अक्टूबर को बुकिंग कराई गई, जिसके बाद अगले दिन सुबह करीब 9 बजे दो युवक सफाई के लिए घर पहुंच गए.

खुली मिली घर की अलमारी
बुजुर्ग महिला का दावा है कि जब वे घर की सफाई कर रहे थे, तभी उन्‍होंने पाया कि उसकी अलमारी खुली हुई थी और उसके सोने के गहने गायब थे. सफाईकर्मियों के जाने के बाद ही बुजुर्ग को चोरी का एहसास हुआ. म्हात्रे ने तुरंत पुलिस से संपर्क कर शिकायत दर्ज कराई. अधिकारियों ने चोरी के मुख्य संदिग्ध के रूप में पहचाने गए 27 वर्षीय अरबाज खान को गिरफ्तार कर लिया है. सोसायटी से सीसीटीवी फुटेज की जांच करने के बाद, पुलिस ने दो अन्य व्यक्तियों संतोष ओमप्रकाश यादव और सूफियान नजीर अहमद सौदार की पहचान की, जिनसे फिलहाल पूछताछ की जा रही है.

कर्मचारियों का वेरिफिकेशन हुआ था या नहीं?
फिलहाल इस बात की जांच की जा रही है कि नोब्रोकर ऐप ने इन दोनों कर्मचारियों को काम पर रखने से पहले उनका बैकग्राउंड वेरिफिकेशन करवाया था या नहीं. अधिकारी संदीप गोर्डे ने कहा कि नियमों के अनुसार सफाई कर्मचारियों सहित सभी सेवा कर्मचारियों को काम पर रखने से पहले उनका वेरिफिकेशन करना जरूरी होता है. वारदात का पता लगने के बाद कंपनी ने अपनी ऐप से दोनों कर्मचारियों के आईडी को ब्लॉक कर दिया है.

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