शास्त्रों में इस बात का उल्लेख किया गया है कि नंदी भगवान शिव के प्रिय गणों में से एक हैं। नंदी भगवान शिव जी के परम भक्त हैं। इसी वजह से भगवान शंकर जी के साथ हमेशा ही नंदी महाराज रहते हैं। हर शिव मंदिर में द्वारपाल के तौर पर नंदी जरूर विराजमान रहते हैं। बिना नंदी की पूजा किए बिना शिवजी की पूजा भी अधूरी मानी जाती है। जब भी भक्त शिवजी के मंदिर में जाते हैं तो वहां पर नंदी के कान में कुछ बोलते हैं।

ऐसा कहा जाता है कि नंदी के कान में धीरे से अपनी मनोकामना बोली जाए तो वह भगवान शिव तक पहुंच जाती है और इच्छा जल्द से जल्द पूरी होती है। लेकिन जानकारी के अभाव में ज्यादातर लोग नंदी के कान में मनोकामना बोलने का सही तरीका नहीं जानते हैं। आज हम आपको इसी बारे में बताएंगे।

नंदी के कान में मनोकामना बोलने का सही तरीका

1. धर्म शास्त्रों में इस बात का जिक्र किया गया है कि नंदी के कान में अपनी मनोकामना बोलने का भी सही तरीका होता है। अगर व्यक्ति इस तरीके को अपनाता है, तो उसकी मनोकामना जल्द से जल्द पूरी हो जाती है। जब भी आप शिव जी के मंदिर में जाते हैं, तो नंदी जी की पूजा जरूर कीजिए क्योंकि बिना नंदी की पूजा किए अगर आप शिवलिंग की पूजा करते हैं, तो इससे आपको पूरा पुण्य प्राप्त नहीं हो पाता है।

2. आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि पूजा-आरती करने के बाद किसी से भी बातचीत मत कीजिए। आप अपनी मनोकामना नंदी भगवान के कान में बोल दें। ऐसी मान्यता है कि शिव जी ने खुद नंदी भगवान को यह वरदान दिया था कि जो व्यक्ति तुम्हारे कान में अपनी मनोकामना कहेगा उसकी इच्छा जरूर पूरी होगी। ऐसा माना जाता है कि नंदी के कान में बोली गई हर मनोकामना वह शिवजी तक पहुंचा देते हैं क्योंकि भगवान शिवजी ज्यादातर तपस्या में लीन रहते हैं और उनकी तपस्या में विघ्न ना पड़े इसलिए लोग अपनी समस्या नंदी के कान में बोल कर चले जाते हैं।

3. जब आप नंदी भगवान के कान में अपनी मनोकामना बोल रहे हैं तो उस समय आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि नंदी जी के बाएं कान में ही अपनी मनोकामना बोलें। इसमें मनोकामना बोलना अत्यधिक शुभ माना गया है।

4. अपनी मनोकामना बोलने के बाद नंदी के सामने पैसे, फल या मिठाई आदि कुछ अर्पित जरूर कीजिए। वहीं आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि किसी भी व्यक्ति का बुरा या अहित हो, ऐसी कोई भी मनोकामना नंदी जी के कान में ना कहें।