Satellite Based Tolling System: अगर आप भी हाइवे पर कार या बस से सफर करते हैं तो यह खबर पढ़कर आप खुश हो जाएंगे. वाहनों के टोल के लिए फास्टैग सिस्टम लागू होने के बाद भी टोल प्लाजा पर निकलने में काफी समय लग जाता है. लेकिन अब मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के दौरान इस समस्या से आपको छुटकारा मिलने की उम्मीद है. जी हां, एनएचएआई (NHAI) की तरफ से ऐसे सिस्टम पर काम किया जा रहा है, जिससे आपको टोल प्लाजा पर समय नहीं लगेगा और आसानी से टोल का भुगतान हो जाएगा. मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में इस सिस्टम के पूरी तरह से लागू होने की उम्मीद है.
बैरियर नहीं मिलेगा और कार फर्राटे से निकल जाएगी
इस सिस्टम के लागू होने के बाद आपको टोल पर किसी तरह का बैरियर नहीं मिलेगा और आपकी कार फर्राटे से निकल जाएगी. इसको ध्यान में रखते हुए एनएचएआई (NHAI) ने बिना रुके टोल कलेक्शन करने के लिए दुनियाभर की नई तकनीक वाली कंपनियों से एक्सप्रेसन ऑफ इंटरेस्ट (EOI) मंगाया है. इसका मकसद इलेक्ट्रॉनिक टोल वसूली सिस्टम बनाना है, जो ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (GNSS) पर बेस्ड होगा. इससे वाहनों से टोल वसूली का काम आसान हो जाएगा. NHAI मौजूदा फास्टैग सिस्टम के साथ ही इसे मिलाकर नया इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन सिस्टम लाने का प्लान कर रही है.
शुरुआत में दोनों सिस्टम साथ-साथ काम करेंगे
यह पूरा सिस्टम ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (GNSS) पर बेस्ड होगा. शुरुआत में दोनों सिस्टम साथ-साथ काम करेंगे. यानी गाड़ियों में अभी जो फास्टैग लगे हैं वो भी काम करेंगे और नए GNSS वाले सिस्टम भी यूज होंगे. जिन गाड़ियों में GNSS बेस्ड सिस्टम एक्टिव होगा उनके लिए टोल प्लाजा पर अलग लेन होगी. इस लेन से कार निकालते समय आपको रुकने की जरूरत नहीं होगी. जैसे-जैसे गाड़ियों में नया सिस्टम शुरू होगा, वैसे-वैसे टोल प्लाजा पर पुरानी लेन खत्म होती जाएंगी और केवल GNSS लेन ही एक्टिव रहेंगी.
22 जुलाई तक भेज सकेंगे एक्सप्रेसन ऑफ इंटरेस्ट
नई GNSS टेक्निक का फायदा उठाने के लिए एनएचएआई (NHAI) दुनियाभर में उन कंपनियों की तलाश कर रहा है जो बेहतर टोल वसूली सॉफ्टवेयर बनाकर तैयार कर सकें. आसान शब्दों में कहें तो यह सॉफ्टवेयर गाड़ियों का पता लगाकर उनसे सफर किए गए रास्ते के हिसाब से टोल की राशि वसूलने में अहम भूमिका निभाएगा. NHAI की तरफ से इस प्लान को लागू करने की पूरी योजना भी जारी की गई है और इसमें सुझाव भी आमंत्रित किये गए हैं. इस पूरे प्लान में दिलचस्पी रखने वाली कंपनियां 22 जुलाई को शाम 3 बजे तक tenders@ihmcl.com पर ईमेल करके अपने इंटरेस्ट के बारे में बता सकती हैं.
देश में GNSS बेस्ड इलेक्ट्रॉनिक टोलिंग सिस्टम लागू होने से हाइवे पर गाड़ियों का आवागमन आसान हो जाएगा. इससे गाड़ी चलाने की बिना किसी रुकावट के टोल वसूली हो सकेगी. साथ ही टोल सिर्फ उतने ही रास्ते के लिए लगेगा, जितने पर गाड़ी चली है पूरे हाइवे के लिए टोल नहीं देना होगा.