राजधानी में चलती ट्रेन में चोरी की एक अनोखी वारदात का खुलासा हुआ है, जो लोगों को हैरान कर देने वाला है। ये चोर किसी साधारण तरीके से चोरी नहीं करते थे, बल्कि पूरी प्लानिंग के साथ ट्रेन की एसी कोच में सफर करते थे। खास बात यह थी कि ये चोर बाकायदा टिकट खरीदकर यात्रा करते थे और किसी को भी शक नहीं होता कि एसी कोच में सफर करने वाले ये लोग असल में यात्री नहीं, बल्कि पेशेवर चोर हैं। जब भोपाल जीआरपी ने इन्हें गिरफ्तार किया, तो मामला सुनकर लोग चौंक गए। यह गिरोह ट्रेन में सफर करने वाले वीआईपी यात्रियों का सामान चुराता था, और इनकी चोरी करने की योजना इतनी सटीक थी कि इन्हें पकड़ पाना आसान नहीं था।
चलती ट्रेन में एसी कोच में सफर करने वाले चोरों का खुलासा
भोपाल जीआरपी ने इस चोरी का पर्दाफाश करते हुए बिहार के पटना निवासी तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया। इनके पास से 17 लाख 52 हजार रुपए का सामान बरामद किया गया है, जो उन्होंने यात्रियों से चुराया था। इन चोरों की खासियत यह थी कि वे कभी भी उसी कोच में चोरी नहीं करते थे, जिसमें उनका रिजर्वेशन होता था। वे पहले एक कोच में टिकट लेते थे और फिर दूसरे कोच में जाकर चोरी की वारदात को अंजाम देते थे। इनका यह तरीका उन्हें लंबे समय तक बचाए रखता था, लेकिन अंत में जीआरपी की सतर्कता से इनका भंडाफोड़ हो गया।
भोपाल जीआरपी ने पकड़े तीन शातिर आरोपी
इस चोरी का खुलासा तब हुआ जब नायडू कॉलोनी, घाटकोपर, मुंबई के निवासी दीनदयाल नगरिया अपने परिवार के साथ 30 अगस्त को पनवेल गोरखपुर एक्सप्रेस के ए2 कोच में सफर कर रहे थे। जब ट्रेन भोपाल से विदिशा पहुंची, तो उन्हें पता चला कि उनका ट्रॉली बैग चोरी हो चुका है। इस ट्रॉली बैग में सोने की चूड़ियां और अन्य जेवरात के साथ करीब 15 लाख रुपए का सामान था। उन्होंने तुरंत झांसी जीआरपी में इसकी शिकायत की, और मामला भोपाल जीआरपी तक पहुंच गया।
रिजर्वेशन के बावजूद दूसरी कोच में करते थे चोरी
भोपाल जीआरपी ने इस मामले में सीसीटीवी फुटेज और रिजर्वेशन चार्ट की जांच की, जिससे उन्हें तीन संदिग्ध यात्रियों पर शक हुआ। ये तीनों यात्री बिहार के निवासी सोमू कुमार, मोनू कुमार, और प्रमोद कुमार थे। पुलिस ने इनकी मोबाइल सीडीआर और स्विच्ड टेलीफोन नेटवर्क की जानकारी हासिल की, जिससे यह साबित हुआ कि तीनों ने एक्सप्रेस के B5 कोच में रिजर्वेशन कराया था। पुलिस ने उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ की, तो उन्होंने चोरी की बात कबूल कर ली।
मुंबई के यात्री की शिकायत से हुआ पर्दाफाश
यह चोर बेहद शातिर थे और हर बार एक नई योजना बनाकर चोरी करते थे। वे पहले बैग की क्वालिटी देखकर उसमें रखे सामान का अनुमान लगाते थे और फिर उसे चुराते थे। इनकी यह चालाकी उन्हें लंबे समय तक पुलिस की पकड़ से बचाए रखी। कई बार ये आरोपी जनरल टिकट लेकर ट्रेन में चढ़ते थे और फिर टीसी के जरिए एसी का टिकट बनवाते थे, ताकि वे रिजर्वेशन चार्ट में दर्ज न हो सकें। जीआरपी ने इस मामले का खुलासा करके एक बड़ी सफलता हासिल की है, और पुलिस को उम्मीद है कि वे जल्द ही इसी तरह की अन्य वारदातों का भी खुलासा करेंगे।