दुर्घटना में पति का पैर टूट गया तो उसकी पत्नी और भाई के बीच नज़दीकियां बढ़ने लग गयी, दोनों अवसर देख कर रिश्ता बनाते थे और एक रात दोनों बच्चों को लेकर भाग गए | आइये जानते हैं क्या है मामला
बिहार के भागलपुर में चौंकाने वाला मामला सामने आया जहां एक महिला अपने पति को छोड़कर देवर के साथ फरार हो गई। इस महिला के तीन बच्चे भी हैं, लेकिन उसने उनके बारे में भी नहीं सोचा। तीनों बच्चों और पति को छोड़कर ये महिला प्रेमी देवर के साथ घर से भाग गई। जैसे ही ये मामला सामने आया पीड़ित पति ने थाने में गुहार लगाई है। उन्होंने पुलिस से अपनी पत्नी को खोजने की अपील की है।
देवर के साथ गई पत्नी, पति लगा रहा वापसी की गुहार
मामला भागलपुर जिले के संहौला प्रखंड का है। पीड़ित पति का नाम मो कुद्रतुल्लाह है। उन्होंने बताया कि 6 साल पहले झारखंड के गोड्डा जिले में उनकी शादी हुई थी। उनकी पत्नी का नाम अंगूरी खातून है। उनका मायका बलबद्दा थाना क्षेत्र में था। कुद्रतुल्लाह और अंगूरी खातून का मुस्लिम रीति रिवाज के तहत निकाह हुआ था। महिला से उनके तीन बच्चे भी हैं।
6 साल पहले हुआ निकाह, एक हादसे से बदल गया सबकुछ
पीड़ित पति ने बताया कि शादी के बाद उनका वैवाहिक जीवन हंसी-खुशी चल रहा था। इसी दौरान करीब 3 साल पहले एक हादसा हुआ। कुद्रतुल्लाह ने बताया कि आम के पेड़ पर चढ़ने के दौरान वो गिर गए जिसमें उनका दोनों पैर टूट गया। चलने-फिरने दिक्कत होने लगी। इधर घटना के बाद घर की माली हालत बिगड़ने लगी। पैसे का अभाव होने से इलाज भी नहीं करा सके। जिसके चलते उनका चलना फिरना बंद हो गया और व्हीलचेयर पर आ गए।
पति का टूटा पैर, उधर देवर-भाभी में बढ़ी नजदकियां
दोनों पैर गंवा चुके कुद्रतुल्लाह ने पुलिस से बताया कि इसी बीच पता नहीं उनकी पत्नी और उसके भाई के बीच करीबी बढ़ी। फिर वो अपने देवर के साथ फरार हो गई। महिला के पति ने सनोखर थाने में शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने कहा कि मेरा भाई ही फिल्मी आंदज में आंखों के सामने मेरी पत्नी को भगाकर ले गया। उन्होंने कहा कि मैं दिव्यांग होने के कारण कुछ नहीं कर पाया।
बीवी को वापस लाने के लिए पति की थाने में गुहार
उधर खबर ये भी है कि अपने पति और बच्चों को छोड़ फरार महिला अपने देवर के साथ मायके में शादी करना चाहती थी। हालांकि, वहां के लोगों को इस बात का पता चला तो उन्होंने इस शादी का विरोध कर दिया। महिला को न घरवालों का साथ मिला न ही स्थानीय लोगों का। वहां के मौलाना ने भी निकाह पढ़ना उचित नहीं समझा। जिसके चलते चाहकर वो लोग शादी नहीं कर सके।