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पत्नी चाहती है की उसके पति में हो कुत्ते के ये 8 गुण, पार्टनर रहता है एकदम संतुष्ट

पत्नी चाहती है की उसके पति में हो कुत्ते के ये 8 गुण, पार्टनर रहता है एकदम संतुष्ट
पत्नी चाहती है की उसके पति में हो कुत्ते के ये 8 गुण, पार्टनर रहता है एकदम संतुष्ट

Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य जिन्हें न केवल भारत बल्कि पूरे विश्व में एक महान दार्शनिक और कूटनीतिज्ञ के रूप में जाना जाता है. आचार्य चाणक्य ने करीब 3 हजार साल पहले ‘चाणक्य नीति’ नामक ग्रंथ की रचना की थी. इस पुस्तक में उन्होंने मनुष्यों को कुत्तों की सात आदतें अपनाने की सलाह दी थी जो आज भी समाज में बेहद प्रासंगिक हैं. ये आदतें न केवल हमें अपने जीवन को सुधारने में मदद करती हैं बल्कि एक खुशहाल और संतोषजनक जीवन जीने की कला भी सिखाती हैं.

जिज्ञासु प्रवृत्ति

कुत्तों की एक प्रमुख विशेषता उनकी जिज्ञासु प्रवृत्ति होती है. वे हर नई चीज के प्रति उत्साहित रहते हैं और उसे जानने के लिए अधीर होते हैं. चाणक्य के अनुसार मनुष्यों को भी हमेशा नई चीजें सीखने की इच्छा रखनी चाहिए और ज्ञान की खोज में सदैव तत्पर रहना चाहिए. यह उनके व्यक्तित्व विकास और बौद्धिक उन्नति को बढ़ावा देता है.

वफादारी

कुत्ते की वफादारी किसी से छिपी नहीं है. वे अपने मालिक के प्रति अत्यंत निष्ठावान होते हैं. चाणक्य की दृष्टि में मनुष्यों को भी अपने जीवन के हर क्षेत्र में—चाहे वह कार्य हो या निजी संबंध—वफादार रहना चाहिए. यह वफादारी उन्हें सच्चाई के रास्ते पर चलने में मदद करती है और उनके चरित्र को मजबूती प्रदान करती है.

खुशी और उत्साह

कुत्ते छोटी से छोटी चीज़ में खुशी ढूंढ लेते हैं. चाहे वह खेलना हो या नए व्यक्ति का स्वागत करना. चाणक्य का मानना है कि मनुष्यों को भी जीवन की छोटी छोटी खुशियों का जश्न मनाना चाहिए और हर परिस्थिति में खुश रहना सीखना चाहिए.

हमेशा रहें निडर

कुत्ते जब भी अपने स्वामी पर कोई संकट देखते हैं तो बिना डरे उसका सामना करते हैं. चाणक्य ने सिखाया है कि मनुष्यों को भी बिना भय के जीवन की चुनौतियों का सामना करना चाहिए. निडरता से ही विकट से विकट समस्या का समाधान संभव है.

नींद में भी सतर्क

कुत्तों की यह विशेषता होती है कि वे जरा सी आहट पर तुरंत जाग जाते हैं. चाणक्य के अनुसार मनुष्यों को भी सतर्क रहना चाहिए और हर समय अपने आस-पास के माहौल के प्रति चौकस रहना चाहिए.

दिखाएं संयम

चाणक्य बताते हैं कि कुत्ते अनावश्यक रूप से नहीं खाते हैं और उनका आहार संयमित होता है. मनुष्यों को भी भोजन में संयम बरतना चाहिए और केवल आवश्यकतानुसार ही भोजन करना चाहिए.

खिलंदड़ स्वभाव

खेलकूद न केवल कुत्तों को आनंद देता है बल्कि उन्हें फिट भी रखता है. चाणक्य का कहना है कि मनुष्यों को भी अपनी जिंदगी में खेलकूद को महत्व देना चाहिए जिससे वे न केवल फिट रहेंगे बल्कि उनका मन भी प्रसन्न रहेगा. इसे भी जरूर देखें –

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