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पत्नी ने 9 साल तक रखा सेक्स से दूर! कोर्ट गया ‘बेचारा’ पति तो क्या हुआ, जान लीजिए…

पत्नी ने 9 साल तक रखा सेक्स से दूर! कोर्ट गया ‘बेचारा’ पति तो क्या हुआ, जान लीजिए…
पत्नी ने 9 साल तक रखा सेक्स से दूर! कोर्ट गया ‘बेचारा’ पति तो क्या हुआ, जान लीजिए…
Wife kept away from sex for 9 years! What happened when the ‘poor’ husband went to the court, know

वो पति-पत्नी थे… एक खुशहाल कपल। सोसाइटी में उठना-बैठना, अच्छा परिवार, समाज के सामने एक हैप्पी कपल की तस्वीर, लेकिन ये हकीकत नहीं थी। समाज के सामने बेशक वो आम पति-पत्नी की तरह नजर आते थे, लेकिन उनके बीच वो सबकुछ नहीं था जो एक हसबैंड वाइफ के बीच होना चाहिए। 9 साल से साथ रहने के बावजूद लड़की ने अपने पति के साथ एक बार भी शारीरिक संबंध नहीं बनाए थे। सोसायटी के सामने अच्छे कपल की तरह नजर आने वाले इस कपल के बीच से सेक्स गायब था

शादी की लेकिन सेक्स नहीं तो फिर…

ये बात सामने आई 9 साल बाद जब इस पति ने कोर्ट की शरण ली। याचिकाकर्ता ने साल 2014 में एक लड़की से शादी की। दोनों एक पोर्टल के जरिए मिले थे। दोनों में करीब एक साल अफेयर चला और फिर दोनों ने शादी करने का फैसला किया। लव मैरिज होने के बावजूद लड़की ने अपने पति के साथ शादी के बाद कोई शारीरिक संबंध नहीं बनाया। पति ने बच्चे की मंशा जताई तब भी पत्नी पति के साथ सेक्स के लिए तैयार नहीं हुई। लंबे समय तक ये शख्स अपनी पत्नी का इंतजार करता रहा, लेकिन अब इसने दिल्ली की एक अदालत में जाने का फैसला किया।

शादी के बाद पार्टनर को सेक्स से रोकना मानसिक क्रूरता

अब इस मामले में कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है। कोर्ट ने इसे मानसिक क्रूरता करार दिया है। कोर्ट के मुताबिक 9 साल तक पति को शारीरिक संबंध बनाने देने से रोकना मानसिक क्रूरता है। अदालत ने कहा कि संभोग या सेक्स विवाह की नींव है। सामंजस्यपूर्ण यौन गतिविधि के बिना, किसी भी विवाह का लंबे समय तक जारी रहना असंभव होगा क्योंकि यह विवाह की नींव पर आघात करता है। यानी अगर कोई भी पार्टनर अपने दूसरे पार्टनर को सेक्स करने देने की इजाजत नहीं देता तो शादी के खतरनाक है।

शादी के बाद शारीरिक संबंध न बनाना अपराध है?
तो सवाल ये है कि क्या शादी के बाद अगर पति-पत्नी के बीच सेक्सुअल रिलेशन नहीं है तो ये अपराध की श्रेणी में आएगा? इसका जवाब है नहीं। अगर पति-पत्नी दोनों की इच्छा के मुताबिक सेक्स नहीं करते या शारीरिक संबंध नहीं बनाते तो इसे अपराध नहीं कहा जा सकता। यहां तक कि अगर कोई महिला या पुरुष भी दूसरे पार्टनर को ऐसा करने से रोकता है तो भी वो किसी सजा को पाने का हकदार नहीं है। हां इस तरह की शादी को तुरंत खत्म किया जा सकता है यानी ये तलाक का आधार हो सकता है।

ये हो सकता है तलाक का अहम आधार
हालांकि ये पहला मामला नहीं है जब इस तरह का केस कोर्ट में गया हो। कर्नाटक की एक अदालत में साल 2020 में एक इसी तरह का मामला सामने आया था। जिसमें पत्नी ने पति पर शादी के बाद शारीरिक संबंध न बनाने के आरोप लगाए थे और निचली अदालत ने इसे क्रूरता करार दिया था। बाद में इस मामले में पति के खिलाफ आपराधिक केस दर्ज हुआ था। इस केस के दर्ज होने के बाद पति ने हाईकोर्ट का सहारा लिया था। जहां कोर्ट ने पति खिलाफ दायर आपराधिक मामले को रद्द करने के आदेश दिए थे। कोर्ट ने कहा था कि शादी के बाद पति की ओर से शारीरिक संबंध बनाने से मना करने को आईपीसी की धारा 498 A के तहत अपराध क्रूरता नहीं होती है। कर्नाटक हाईकोर्ट ने ये जरूर माना कि हिंदू मैरिज एक्ट-1995 के तहत ये क्रूरता जरूर है। यानी ऐसे मामलों में कोर्ट का रुख साफ है। शादी के बाद पति-पत्नी के बीच अगर एक पार्टनर के चाहते हुए भी सेक्स नहीं होता तो दूसरा पार्टनर तलाक की मांग कर सकता है, लेकिन इसे अपराध की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता।

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