Chanakya Niti: परिवार में एकता व सुख समृद्धि बनी रहे इसके लिए परिवार में मुखिया का होना अत्यंत आवश्यक है। ‘चाणक्य नीति’ में आचार्य चाणक्य ने मुखिया के कुछ विशेष गुण बताए हैं।
आज के आलेख में हम आपको बताएंगे कि आचार्य चाणक्य के अनुसार घर के मुखिया में कौन-कौन से गुण होने आवश्यक हैं।
निर्णय लेने की क्षमता
घर के मुखिया में निर्णय लेने की क्षमता सबसे मजबूत होनी चाहिए। निर्णय लेते हुए परिवार के हर एक सदस्य का ध्यान रखना चाहिए और यह सोचकर निर्णय लेना चाहिए कि किसी भी सदस्य की भावनाएं आहत न हो, अन्यथा परिवार टूटने का खतरा बना रहेगा।
न करें ये गलती
यदि घर में किसी भी सदस्य के साथ किसी का भी मतभेद होता है तो उसमें दोनों पक्षों की बातों को ध्यान से सुनकर ही कोई फैसला लेना चाहिए , मुखिया को कभी भी किसी एक पक्ष के साथ नहीं खड़े रहना चाहिए और ना ही पक्षपात करना चाहिए।
होने चाहिए ये गुण
मुखिया को परिवार के सदस्यों को फिजूल खर्च करने से रोकना चाहिए। उसके साथ ही साथ उनके ऊपर नियंत्रण रखना चाहिए ताकि वे आपस में एक दूसरे के साथ सामंजस्य बना के रहे। एक मुखिया को परिवार में अनुशासन रखना चाहिए।