नई दिल्ली। महाराष्ट्र में छत्रपति शिवाजी की प्रतिमा गिरने का मामला कई दिनों से सुर्खियों में है. इसे लेकर राज्य सरकार से लेकर केंद्र सरकार तक लगातार घिर रही है. शुक्रवार को जब पीएम मोदी महाराष्ट्र के पालघर पहुंचे तो यहां उन्होंने अपने संबोधन के बीच इस वाकये का जिक्र किया और मंच से हाथ जोड़कर सिर झुकाते हुए कहा कि, ‘शिवाजी की प्रतिमा गिरने पर सिर झुकाकर माफी मांगता हूं.’

पीएम मोदी ने क्या कहा?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को महाराष्ट्र का दौरा किया. इस दौरान उन्होंने पालघर में एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार, केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने उनका अभिनंदन किया. पीएम मोदी ने यहां 76,000 करोड़ रुपये की वाधवन बंदरगाह की आधारशिला रखी. उन्होंने लगभग 1,560 करोड़ रुपये की 218 मत्स्य पालन परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी किया. इससे पहले उन्होंने मुंबई में ग्लोबल फिनटेक फेस्ट 2024 को भी संबोधित किया. इसी दौरान अपने संबोधन के बीच उन्होंने बीते दिनों क्षत्रपति शिवाजी की प्रतिमा गिरने को लेकर अफसोस जताया और कहा कि, ‘शिवाजी की प्रतिमा गिरने पर सिर झुकाकर माफी मांगता हूं.’

‘पीएम मोदी ही करेंगे उद्घाटन’

महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा, ‘आज मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वधवन बंदरगाह के शिलान्यास समारोह में उपस्थित सभी लोगों का स्वागत करता हूं. यह पूरे महाराष्ट्र के लिए स्वर्णिम दिन है. यह एक गेम चेंजर प्रोजेक्ट है. इसका मुख्य लाभ पालघर के लोगों को मिलेगा. बंदरगाह का पहला चरण 2029 तक खुल जाएगा. शिलान्यास पीएम मोदी द्वारा किया जा रहा है और मैं आपको बता दूं कि उद्घाटन भी पीएम मोदी ही करेंगे. वधवन देश का सबसे बड़ा बंदरगाह होगा और भारत पूरी दुनिया के शीर्ष दस बंदरगाहों की सूची में शामिल होगा. यह पूरे देश के लिए गर्व का क्षण है.’

‘विकास के लिए हमें थोड़ा बहुत एडजस्ट करना होगा’

इस दौरान उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा, ‘आज का दिन बहुत महत्वपूर्ण है. आज जब शिलान्यास किया जा रहा है, हमने परियोजना के खिलाफ विरोध की कुछ खबरें देखी हैं. हमें समझना होगा कि विकास के लिए हमें थोड़ा बहुत एडजस्ट करना होगा. सभी का ख्याल रखा जाएगा. मैं पीएम और सीएम के सामने आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि कोई भी पीछे नहीं रहेगा. सभी को साथ लेकर चला जाएगा और पीढ़ियों को फायदा होगा. बंदरगाह से न केवल महाराष्ट्र बल्कि पूरे देश को फायदा होगा.’

देवेंद्र फडणवीस ने कहा, ‘आज का दिन स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा. वधवन बंदरगाह जेएनपीटी से तीन गुना बड़ा होगा. अगले 50 सालों तक महाराष्ट्र वधवन बंदरगाह की वजह से नंबर वन रहेगा. 1980 में वधवन बंदरगाह का विजन बनाया गया था. इसकी प्राकृतिक गहराई 20 मीटर है. यह सपना आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वजह से पूरा हो रहा है. ​वधवन बंदरगाह के फायदों की वजह से पीएम मोदी जी को अगले 200 सालों तक याद किया जाएगा.’

सीएम शिंदे भी मांग चुके हैं माफी
बता दें कि प्रतिमा गिरने के मुद्दे पर इससे पहले सीएम एकनाथ शिंदे भी माफी मांग चुके हैं. लगातार हो रही आलोचनाओं से घिरे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने गुरुवार को कहा था कि अगर जरूरत पड़ी तो वह महान पराक्रमी शासक के 100 बार पैर छूने और घटना के लिए माफी मांगने में संकोच नहीं करेंगे. विपक्ष के पास राजनीति करने के लिए अन्य मुद्दे भी हैं, लेकिन महाराष्ट्र में पूजनीय शिवाजी महाराज को इससे दूर रखा जाना चाहिए. उधर, सिंधुदुर्ग जिले में हाल ही में मूर्ति गिरने की घटना के कारण पैदा हुई गर्मागर्मी के बीच राज्य सरकार ने हादसे के कारणों का पता लगाने के लिए एक तकनीकी समिति गठित की है. इसे भी जरूर पढ़ें –