स्वस्थ शरीर के लिए नियमित अभ्यास करना महत्वपूर्ण होता है. अधिकांश समय आप वर्कआउट ( work out ) के लिए तैयार रहते हैं तो कई बार ऐसा होता है कि आप अभ्यास करना नहीं चाहते हैं. आपके मन में अभ्यास करें या न करें जैसे सवाल आने लगते हैं. जानते हैं कि ऐसी हालात में क्या करना चाहिए :-
आलस महसूस होने पर?
कभी-कभार ऐसा होने पर जिम न जाएं लेकिन आदत बना लेना गलत है. घर में ही हल्की अभ्यास करें.
पेट फूला हो या गैस जैसा महसूस होने पर?
नींबू पानी या अन्य कोई तरीका के बाद वर्कआउट के लिए जरूर जाना चाहिए.
बहुत ज्यादा पैदल चले हों?
मैराथन या किसी अन्य कारण आप ज्यादा पैदल चले हैं तो एक दिन आराम कर सकते हैं लेकिन थोड़ा वॉक जरूर करें.
कब अभ्यास न करें
चोट : अगर ज्यादा चोट लगी हो तो अभ्यास नहीं करनी चाहिए. इससे चोट पर उल्टा प्रभाव पड़ सकता है व उसे अच्छा होने में निर्धारित समय से अधिक समय लग सकता है. इस हालातमें आराम करना चाहिए.
दर्द होने पर : अधिक अभ्यास करने पर भी शरीर में दर्द होने लगता है. तब वर्कआउट न करें. एक दिन के आराम से मसल्स को अच्छा होने का समय दें.
नींद पूरी न होने : नींद पूरी न होने पर जबरदस्ती वर्कआउट करना अच्छा नहीं है. स्वस्थ शरीर के लिए अच्छी नींद व आराम भी महत्वपूर्ण है. रिलैक्स होकर अभ्यास करना ही ठीक उपायहोता है.
रोजाना व्यायाम क्यों
– व्यस्त दिनचर्या से अगर प्रातः काल 15 मिनट का वक्त ( ) भी निकालते हैं तो भी लाभकारी है. इसमें 15 मिनट में आप एक-एक मिनट दौड़ने, कूदने, क्रंच, प्लांक, सीढ़ी चढऩा व उतरना आदि एक्टिविटी कर सकते हैं.
– हफ्ते में एक दिन अपने शरीर को आराम देना महत्वपूर्ण है. इससे मसल्स की थकान दूर होती है व आप ज्यादा फ्रेश व ऊर्जावान महसूस करते हैं.
– कुछ दिनों के लिए अगर आप घर से बाहर है तो अपना वर्कआउट रुटीन पूरी तरह से छोड़ देना ठीक नहीं है. जहां हैं वहीं हल्की अभ्यास जरूर करें.