बताया जा रहा है कि सीएम योगी ने पेपर लीक पर लगाम लगाने का एक फुल प्रुफ प्लान बना लिया है और अगर योगी के इसी प्लान के तहत आगामी परीक्षाएं कराई जाएंगी तो पेपर लीक जैसी घटनाएं होंगी ही नहीं। क्या है सीएम योगी का पूरा प्लान आइए जानते हैं।
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पेपर माफियाओं की दुकान को बंद करने के लिए और परीक्षा को निष्पक्ष तरीके से आयोजित कराने के लिए सीएम योगी (Yogi government) ने प्लान बनाया है कि अब किसी भी परीक्षा की जिम्मेदारी को चार एजेंसियों में बांट दिया जाएगा। हर एक एजेंसी को अलग अलग काम दिया जाएगा जैसे की-
- एजेंसी A का काम होगा प्रशन पत्रों को तैयार करवाना, छपाई का काम करवाना और छपे हुए प्रशनपत्रों को सभी जिलों में कोषागार तक अपनी निगरानी में सुरक्षित पहुंचाना।
- एजेंसी B की जिम्मेदीरी होगी परीक्षा आयोजित करवाना, प्रश्नपत्रों को कोषागार से सेंटर तक सुरक्षित पहुंचाना और परीक्षा होने के बाद उत्तरपुस्तिकाओं या फिर OMR शीट को बोर्ड और आयोग तक सुरक्षित पहुंचाना ।
- परीक्षा केंद्रों पर सिक्योरिटी का पूरा जिम्मा एजेंसी C के पास होगा। यानी की सेंटर पर चेकिंग, बायोमैट्रिक कैप्चरिंग, सीसीटीवी से निगरानी और कंट्रोल रुम की भी पूरी व्यवस्था देखना इसी एजेंसी का काम होगा।
- एजेंसी D का काम होगा ओएमआर शीट की स्कैनिंग आयोग व बोर्ड परिसर में ही करवाकर परीक्षा का स्कोर चयन संस्था को उपलब्ध करवाना।
प्रिंटिग प्रेस पर रहेगी Yogi government की पैनी नजर
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पेपर लीक जैसी घटनाओं को देखें तो सबसे बड़ी चूक होती है प्रिंटिग प्रेस में। क्योंकी यहीं से पेपर लीक होने की सबसे ज्यादा संभावना रहती है लेकिन योगी सरकार ने इसके लिए भी पूरा प्लान तैयार कर लिया है दरअसल। योगी सरकार (Yogi government) के प्लान के मुताबिक अब प्रिटिंग प्रेस के चयन में भी काफी सावधानी और गोपनियता बरती जाएगी। छपाई के दौरान प्रिटिंग प्रेस में आने जाने वाले लोगों की बरीकी से चेकिंग की जाएगी। प्रिटिंग प्रेस की सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जाएगी, प्रिटिंग प्रेस के अंदर स्मार्टफोन और कैमरा ले जाना पूरी तरह प्रतिबंधित होगा। इसके अलावा सीसीटीवी की रिकॉर्डिंग को पूरे 1 साल तक सुरक्षित रखा जाएगा।
डीएम करेगा सेंटर का चयन
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जहां पहले परीक्षा आयोजित कराने वाली संस्था ही परीक्षा का सेंटर तय करती थी तो वहीं अब योगी सरकार (Yogi government) ने परीक्षा सेंटर के चयन का फैसला डीएम को सौंप दिया है। जी हां, नए प्लान के तहत योगी सरकार ने सेंटर चुनने की पूरी जिम्मेदारी अब सीधे डीएम को सौंपी है और डीएम की अध्यक्षता में कमेटी का गठन कर सेंटर का चयन किया जाएगा।
यानी की अगर सेंटर पर कोई भी गड़बड़ी होती है तो इसका जिम्मेदार सीधा डीएम को माना जाएगा। इसके साथ ही सेंटर का चयन कैसे किया जाए इसके लिए भी कुछ क्राइटेरिया सेट किए गए हैं। नए प्लान के मुताबिक जहां पूर्व में कभी गड़बड़ी हुई है ऐसे सेंटरों को ब्लैक लिस्ट में रखा जाएगा और उन्हें सेंटर नहीं बनाया जाएगा एवं इसके अलावा सेंटर का सेलेक्शन CLASS-1 और CLASS-2 के हिसाब से किया जाएगा।