इजरायली सेना के जुल्म के शिकार युवकों के नाम मुजाहिद अबादी बलास और 23 वर्षीय समीर डबाया है। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, दोनों ने अस्पताल में भर्ती के दौरान खुलासा किया कि कैसे इजरायली सेना ने उनके साथ बेहद बुरा सलूक किया। दोनों युवकों का कहना है कि कुछ दिन पहले सेना ने उनके साथ ऐसा बर्ताव किया था। ऐसी जानकारी मिली है कि आईडीएफ ने एक ही नंबर की कार पर दोनों युवकों को अलग-अलग समय पर बोनट पर लेटाकर परेड कराई थी। यह घटना सेना के ऑपरेशन वाली जगह जेनिन के बाहरी इलाक़े जबारियात पर अंजाम दी गई थी।
पैर पर गोली मारी और फिर पैंट उतरवाई
समीर ने बताया कि इजरायली सेना ने उन पर पीछे से गोली मारी। गोली उसके पैर पर लगी थी। वह जब जमीन पर लेटा था और खून लगातार बह रहा था तो सेना के जवानों ने उसकी बिल्कुल सुध नहीं ली। कुछ देर में जवान उसके पास आए और लात-घूंसों से मारने लगे। जब उसने उठने की कोशिश की तो बंदूक के पिछले हिस्से से उसके सिर और शरीर के बाकी हिस्से पर कई बार मारा गया। इसके बाद उसे जबरन खड़ा करवाया। पैंट उतरवाई और पूरी तरह से नंगा कर दिया। इसके बाद उन्हें कार के बोनट पर लेटने को कहा
आईडीएफ ने युवकों के साथ की घिनौनी करतूत
समीर ने आगे बताया कि सेना ने जब उसे कार के बोनट पर लेटने को कहा तो कार का आगे का हिस्सा काफी गर्म था। इतना कि वह सहन तक नहीं हो पा रहा था। इस दौरान वह सेना के जवानों के आगे गिड़गिड़ा रहा था लेकिन, जवानों का दिल नहीं पसीजा। उससे कहा गया कि अगर वह अपनी जान बचाना चाहता है तो उसे ये करना होगा। इसके बाद उसे रस्सियों से बांधकर कार की बोनट पर लेटा दिया। इस दौरान वह लगातार प्रार्थना कर रहा था। उसने बताया कि उसे ऐसा लग रहा था कि यह उसका अंतिम पल है। हालांकि गनीमत रही कि दोनों की जान बच गई।
आईडीएफ ने माना- हमारे जवानों से गलती हुई
उधर, फिलिस्तीनी युवकों को कार की बोनट पर लेटाकर परेड कराने के मामले में इजरायली सेना की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी आलोचना हो रही है। आईडीएफ ने इस मामले में बयान दिया है कि यह करतूत वाकई गलत है और आईडीएफ इस तरह के कृत्य को कभी बढ़ावा नहीं देता है। आईडीएफ ने मामले में जांच शुरू कर दी है।