धूम्रपान की लत लगने वालों के लिए लंबी यात्रा करना कठिन होता है। ट्रेन में भी धूम्रपान मना है, लेकिन कई लोग ट्रेन के शौचालय में जाकर सिगरेट या बीड़ी पीते हैं। हालांकि, फ्लाइट में आप ऐसी गलती नहीं कर सकते। इस बात की जागरूकता होना बहुत जरूरी है, वर्ना आप भी इस तरह की मुसीबत में फंस सकते हैं।
एक शख्स ने फ्लाइट के टॉयलेट में बीड़ी पीने के आरोप में गिरफ्तार हो गया है। इस शख्स की आयु 56 वर्ष है और वह अहमदाबाद से बेंगलुरु की यात्रा कर रहा था, जो एक अकासा एयरलाइंस की फ्लाइट थी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस आरोपी का नाम एम प्रवीण कुमार है और वह राजस्थान के पाली जिले के मारवाड़ का निवासी है। उन्हें मंगलवार दोपहर को केम्पेगौड़ा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर गिरफ्तार किया गया। यह पहली बार लगता है जब किसी को बेंगलुरु हवाई अड्डे पर बीड़ी पीने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। पूछताछ में, आरोपी ने अपने बीड़ी पीने के कारण को जो बताया है, सुनकर आप उन्हें “नादान” कह सकते हैं।
‘ट्रेन में पी लेता था तो यहां भी पी ली’
आरोपी ने बताया कि उन्हें ट्रेन में आमतौर पर बीड़ी पीने की आदत होती है, लेकिन यह फ्लाइट उनकी पहली यात्रा थी और उन्हें यह जानकारी नहीं थी कि यहां बीड़ी पीना ट्रेन की तरह आम बात नहीं है। प्रवीण कुमार ने पुलिस को बताया कि वे नियमित रूप से ट्रेन से यात्रा करते हैं और इस दौरान शौचालय में धूम्रपान करते हैं। उन्हें यही सोचकर लगा कि वे फ्लाइट में भी बीड़ी पीने शुरू कर सकते हैं।
हवाई अड्डे पर मौजूद अधिकारी ने बताया कि प्रवीण कुमार मारवाड़ में एक मजदूर हैं और वह एक बुजुर्ग व्यक्ति के साथ रिश्तेदार की तेरहवीं में शामिल होने के लिए जा रहे थे। आरोपी कुमार को चालक दल के सदस्यों ने शौचालय के अंदर धूम्रपान करते हुए पकड़ा। दोपहर करीब 1:10 बजे बेंगलुरु में उतरने पर एयरलाइन के ड्यूटी मैनेजर विजय थुलुरु ने कुमार के खिलाफ केआईए पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार, आरोपी को एक हफ्ते तक न्यायिक हिरासत में रखना होगा। यह इसलिए क्योंकि फ्लाइट में धूम्रपान करना किसी भी व्यक्ति की जान को जोखिम में डालता है।
प्रवीण कुमार पर प्लेन में बीड़ी जलाने के आरोप में केस दर्ज किया गया है। हालांकि, इस मामले में जांच की आवश्यकता है क्योंकि यह सवाल उठता है कि फ्लाइट के अंदर उसने बीड़ी कैसे लाई। इसके साथ ही सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल उठते हैं क्योंकि यह विमान में बैठे सभी लोगों को जोखिम में डाल सकता था। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार, सुरक्षा जांच के दौरान सिगरेट या बीड़ी का पता लगाने में विफलता एक गंभीर चूक है। इसे आसानी से पता चलाया जा सकता है। इस घटना ने स्पष्ट रूप से दिखाया है कि जांच में बड़ी चूक हुई है।
जब फ्लाइट में माचिल लाइटर जैसी चीजें लेकर जा ही नही सकते तो फिर बीड़ी जलाया कैसे ? क्या पत्थर लेकर गया था जिसे रगड़ने आग निकल आई और उसने बीड़ी जला लिया ??
फ्लाइट में माचिस लाइटर जैसी चीजें ले जाने को सामान्यतः मना किया जाता है, ताकि यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित रह सके। इसलिए, लोगों के मन में यह सवाल है कि बीड़ी को कैसे जलाया गया था, जब माचिस लाइटर नहीं था। हो सकता है यात्री ने एक माचिस की तिल्ली रख ली हो और उसे घिसने ने माचिस के डब्बा का कागज़। इसे आसानी से नहीं पकड़ा जा सकता है
एक मजदूर के रूप में काम करने वाले आरोपी प्रवीण कुमार ने पुलिस को बताया कि वह प्राइवेट नौकरी करता है। वह जीवन में पहली बार फ्लाइट की यात्रा कर रहा था। जांच अधिकारी ने बताया कि कुमार ने दावा किया है कि यह उसकी पहली उड़ान थी और उसे धूम्रपान निषेध नियम की जानकारी नहीं थी।