नई दिल्ली: भारत में संपत्ति के विभाजन को लेकर कई तरह के नियम बनाये गए हैं। ताजा रिपोर्ट के मुताबिक अगर दादा, पिता, और भाई पैतृक संपत्ति में हिस्सेदार हैं, तो बेटे-बेटियों को भी उसमें हिस्सा मिलेगा।पैतृक संपत्ति में हिस्से का अधिकार जन्म के साथ ही मिल जाता है।
बाप-दादा की संपत्ति पर इन लोगों का अधिकार।
बेटा और बेटी: पिता की संपत्ति पर बेटों और बेटियों दोनों का समान अधिकार है। यह अधिकार पिता की मृत्यु के बाद उत्पन्न होता है।
दादा की संपत्ति: दादा की संपत्ति पर पिता का अधिकार होता है, और पिता के बाद बेटों का अधिकार होता है। इसको लेकर कानून बनाये गए हैं।
नाती-नातिन: नाती-नातिन का अधिकार तब होता है जब दादा या पिता की संपत्ति का बंटवारा हो और उनके माता-पिता का हिस्सा उनके लिए उत्तराधिकार का आधार बनता है।
संपत्ति के प्रकार:
स्वतंत्र संपत्ति: यदि संपत्ति व्यक्तिगत है (जैसे, बाप – दादा ने खुद खरीदी), तो वे अपनी इच्छा के अनुसार इसे बांट सकते हैं।
संयुक्त परिवार की संपत्ति: ऐसी संपत्ति पर सभी सदस्यों का संयुक्त अधिकार होता है। इसे पुश्तैनी संपत्ति भी कहा जाता हैं।
वसीयत: यदि दादा या पिता ने किसी संपत्ति की वसीयत बनाई है, तो संपत्ति के बंटवारे का पालन वसीयत के अनुसार किया जाएगा।