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बासी रोटी खाने से शरीर पर होता है ये असर, आप भी जान लें!..

बासी रोटी खाने से शरीर पर होता है ये असर, आप भी जान लें!..

आपके घर में भी किचन में कई  बार रात की रोटी (leftover roti )बच जाती हैं। ऐसे में कुछ लोग उसे बासी रोटी समझकर फैंकना चाहते हैं क्योंकि उन्हें डर रहता है कि कहीं बासी रोटी (basi roti) शरीर को नुकसान ना कर दे। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि ताजी रोटी के साथ साथ बासी रोटी भी सेहत के लिए कई तरह से फायदेमंद साबित होती है। आइए खबर में आपको बताते है की बासी रोटी खाने के फायदे और नुकसानों के बारे में विस्तार से।

बासी रोटी खाने से शरीर पर होता है ये असर, आप भी जान लें!..

नाश्ता पूरे दिन का ऐसा मील होता है जो यह तय करता है कि आपका पूरा दिन कितना एनर्जेटिक होने वाला है। नाश्ते में कुछ लोग पोहा खाना पसंद करते हैं तो कुछ लोग उपमा, पास्ता या इडली जैसी चीजें खाते हैं। 

अलग-अलग तरह के नाश्ते के शौकीन कई लोगों ने यह नोटिस किया होगा कि कुछ लोग नाश्ते के समय बासी रोटी (Basi Roti) ही खाना पसंद करते हैं, जबकि कुछ लोग बासी रोटी देखते ही खाना छोड़ देते हैं। आमतौर पर, बासी खाना खाने की सलाह नहीं दी जाती क्योंकि ये सेहत के लिए अच्छा नहीं होता। 

इसकी जगह भले ही लोग परांठा खा लेंगे लेकिन बासी रोटी नहीं खाएंगे। लेकिन, बासी रोटी असल में सेहत को एक नहीं बल्कि कई फायदे देती है।

कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स

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रोटी जब बासी हो जाती है तब उसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स काफी घट जाता है। उसकी वजह है रोटी का तापमान। रोटी ठंडी होने के बाद उसके कार्बोहाइड्रेट के स्ट्रक्चर में परिवर्तन आ जाता है जिसका असर यह होता है कि शुगर का कन्वर्जन होने का रेट कम होता जाता है जिससे शरीर में ब्लड शुगर धीरे-धीरे रिलीज होता है।

पाचन के लिए फायदेमंद

रोटी बनती है तो गर्म-गर्म खाना नुकसानदायी हो सकता है। हालांकि, रोटी गर्म ही अधिकांश लोग खाना पसंद करते हैं। लेकिन, रोटी ठंडी होती है तो उसके कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट्स कम होने लगते हैं जिससे इसका डाइजेशन (Digestion) आसान हो जाता है। बासी रोटी में ग्लूटन की मात्रा भी कम होती है जिसकी वजह से ये डाइजेस्टिव हो जाती है।

फर्मेंटेशन प्रोसेस का फायदा

फर्मेंटेशन के बारे में आप सभी जानते ही होंगे। इसी प्रोसेस से दूध का दही बनता है। इसी प्रोसेस से इडली और डोसे का बैटर तैयार होता है जिसे आम भाषा में कहा जाता है खमीर उठाना। ऐसा कह सकते हैं कि फर्मेंटेशन के प्रोसेस (Process of fermentation) से गुजरने के बाद किसी भी खाद्य पदार्थ का पाचन आसान हो जाता है। फर्मेंटेशन के बाद कोई भी फूड सुपरफूड बन जाता है। रोटी के साथ भी यही प्रक्रिया होती है। 

रात की रोटी में फर्मेंटेशन का प्रोसेस होता है और वो प्रोबायोटिक हो जाती है। यानी कि पाचन के लिए फायदेमंद हो जाती है। उसमें ऐसे कपाउंड बन जाते हैं जो पेट की सेहत (Stomach Health) के लिए फायदेमंद होते हैं। कुछ गुड बैक्टीरिया भी पनपते हैं जिनकी वजह से डाइजेशन मजबूत होता है। ऐसी रोटी डाइजेशन के साथ-साथ न्यूट्रिएंट्स के मामले में फायदेमंद होती है और इम्यून सिस्टम को भी मजबूत करती है।

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