बरसात के दिनों में आसमानी बिजली अकसर जानलेवा साबित होती है। खेतों में काम करने वाले, पेड़ों के नीचे पनाह लेने वाले, तालाब में नहाते समय बिजली चमकने के अलावा मोबाइल फोन सुनने वाले व्यक्ति पर इसके गिरने का खतरा और बढ़ जाता है। यहां तक कि हाथ में मोबाइल फोन होने पर खतरा बना रहता है। साइंटिस्टों की मानें तो मोबाइल से अल्ट्रावायलेट किरणें निकलती हैं, जो आसमानी बिजली को अपनी ओर खींचती हैं। हाल ही में प्रकाशित एक मेडिकल जर्नल के मुताबिक 15 युवतियों की मौत बिजली गिरने के समय मोबाइल का इस्तेमाल करने से दिल का दौरा पड़ने से हुई। इस दौरान मोबाइल को स्विच ऑफ कर देना चाहिए। ऐसा न करने पर कई दफा मोबाइल फटने का खतरा रहता है। इसके अलावा अगर बादल गरज रहे हों, और आपके रोंगटे खड़े हो रहे हैं तो ये इस बात का संकेत है कि बिजली गिर सकती है।
मौसम विभाग के साइंटिस्ट शिवेन्दर सिंह कहते हैं कि वैसे तो सभी तरह के इलेक्ट्रिक उपकरण टीवी, रेफ्रिजरेटर, कंप्यूटर-लैपटाॅप की तरफ भी आसमानी बिजली तेजी से पहुंचती है। इसलिए ऐसा मौसम जब भी हो तो ऐसे उपकरण बंद कर देने चाहिए। 15 अगस्त को सुखना लेक पर बिजली गिरने से डेराबस्सी की तैयबा उर्फ तमन्ना की मौत हल्की बूंदाबांदी होने और दस पर गिरी आसमानी बिजली की वजह से हुई।
बिजली के खंभे कंडक्टर का काम करते हैं: आसमान में अपोजिट एनर्जी के बादल हवा से टकराते हैं। ये विपरीत दिशा में टकराने से इससे होने वाले घर्षण से बिजली पैदा होती है इन्हें कंडक्टर की तलाश होती है। जमीन की ओर आने पर इन्हें बिजली के ऊंचे खंभे कंडक्टर मुहैया करवाने का काम करते हैं। इसलिए ज्यादातर बिजली के खंभों के आसपास बिजली ज्यादा गिरती है। दूसरा ऊंचे पेड़ों पर भी बिजली गिरने की संभावना ज्यादा रहती है। हालांकि मान्यता है कि फलदार वृक्षों पर बिजली गिरने के संभावना ज्यादा रहती है। लेकिन साइंटिस्ट इस बात से ज्यादा इत्तफाक नहीं रखते।
मौसम विभाग के अनुसार बिजली जहां गिरती है उसकी जांच की जाती है कि तूफानी हवाओं और बारिश की वजह से ही बिजली गिरी है तो मौसम विभाग इसका आंकलन कर भविष्य में इसका पूर्वानुमान भी जारी करेगा।
खुले मैदान में कोई शैल्टर न मिले तो हाथों से कान और सिर ढंक लें: अगर आप खुले मैदान में खड़े हैं और आसपास कोई शैल्टर नहीं हैं तो जमीन पर बैठ जाएं और अपने हाथों से अपने सिर और कानों को ढंक लें इससे आप बिजली के प्रकोप से बच सकते हैं। इसके अलावा किसी भी पेड़ या बिजली के खंभे के नजदीक न खड़े हों। बिजली से संचालित उपकरणों से दूर रहें, तार वाले टेलीफोन का उपयोग नहीं करना चाहिए। खिड़कियां व दरवाजे बंद कर दें बरामदे और छत से दूर रहें। इसके अलावा ऐसी वस्तुएं जो बिजली से चलती हैं उनसे दूर रहना चाहिए। नल, फव्वारा, वाश बेसिन आदि के संपर्क से दूर रहना चाहिए।
झटका लगे तो यह उपाय करें… आसमानी बिजली का झटका लगने पर व्यक्ति को सीपीआर, कार्डियो पल्मोनरी रेसिटेंशन यानि कृत्रिम सांस देनी चाहिए। अगर किसी पर बिजली गिरी है तो फौरन उनकी नब्ज जांचे और अगर आप प्रथम उपचार देना जानते हैं तो ज़रूर दें । बिजली गिरने से अकसर दो जगहों पर जलने की आशंका रहती है- वो जगह जहां से बिजली का झटका शरीर में प्रवेश किया और जिस जगह से उसका निकास हुआ जैसे पैर के तलवे। बिजली गिरने के बाद तुरंत बाहर न निकलें अधिकांश मौतें तूफान गुज़र जाने के 30 मिनट बाद तक बिजली गिरने से होती हैं ।