बिहार में हो रही थी दाह संस्कार की तैयारी, तभी शव पर दिखा कुछ ऐसा कि प्रशासन से लेकर अस्पताल तक मचा हड़कंप

बिहार में हो रही थी दाह संस्कार की तैयारी, तभी शव पर दिखा कुछ ऐसा कि प्रशासन से लेकर अस्पताल तक मचा हड़कंप

बेगूसराय: बेगूसराय में जिला परिषद सदस्य की मौत के बाद पोस्टमार्टम पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। जन सुराज पार्टी के नेता शिवचंद्र महतो का शव शुक्रवार शाम को सड़क किनारे मिला था। पुलिस ने इसे हादसा माना था। लेकिन दाह संस्कार के समय परिजनों ने शव में छेद देखे। उन्होंने दोबारा पोस्टमार्टम की मांग की। परिजनों को शक है कि यह हत्या है। इस मामले में पुलिस और डॉक्टरों की लापरवाही पर भी सवाल उठ रहे हैं।

सड़क किनारे पड़ा मिला था शिवचंद्र महतो का शव
शिवचंद्र महतो का शव शुक्रवार देर शाम तेघड़ा थाना क्षेत्र के पिढ़ौली कुश्ती ढाला के पास सड़क किनारे मिला। स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचित किया, जिसके बाद पुलिस ने शव को तेघड़ा अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। प्रारंभिक तौर पर इसे सड़क हादसा बताया गया, लेकिन परिजनों ने हत्या की आशंका जाहिर की।

अंतिम संस्कार की थी तैयारी, तभी शव पर दिखे गोली के दो छेद
शव का पोस्टमार्टम रात में मेडिकल बोर्ड की देखरेख में कराया गया और शव परिजनों को सौंप दिया गया। लेकिन जब परिजन अंतिम संस्कार के लिए सिमरिया घाट पहुंचे, तो शव पर गोली के दो छेद देखकर आक्रोशित हो गए। इसके बाद चिता से शव उठाकर पुनः सदर अस्पताल लाया गया।

परिजनों और नेताओं का आरोप
मृतक के पुत्र सोनू कुमार ने आरोप लगाया कि उनके पिता की हत्या अपराधियों और पुलिस की मिलीभगत से की गई है। उन्होंने कहा कि उनके पिता विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे। इसी के चलते उन्हें राजनीतिक षड्यंत्र के तहत मारा गया है। सोनू ने पोस्टमार्टम और पुलिस प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि डॉक्टरों ने सही तरीके से जांच नहीं की और जल्दबाजी में शव सौंप दिया।

मौके पर मौजूद जन सुराज पार्टी और अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं ने भी पोस्टमार्टम और पुलिस जांच प्रक्रिया पर सवाल उठाए। भाजपा नेता अमरेंद्र कुमार अमर और जिला परिषद अध्यक्ष सुरेंद्र पासवान ने इसे हत्या का मामला बताते हुए दोषियों पर कार्रवाई की मांग की।

मामले पर क्या कहना है जिला प्रशासन का?
तेघड़ा डीएसपी रविंद्र मोहन प्रसाद ने परिजनों और नेताओं से बातचीत की और मजिस्ट्रेट की निगरानी में दोबारा पोस्टमार्टम कराने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि यह मामला जांच का विषय है, और पोस्टमार्टम रिपोर्ट से सच सामने आएगा। सिविल सर्जन डॉ. प्रमोद कुमार सिंह ने लापरवाही के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट के बाद ही आगे की कार्रवाई होगी।

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