उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के एक गांव में अंधविश्वास से जुड़ा ऐसा मामला सामने आया, जिसे जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे। हुआ कुछ यूं कि नौहझील थाना क्षेत्र के एक गांव में सर्पदंश के चलते किशोर की हालत बिगड़ गई। परिवार के लोग उसे उपचार के लिए डॉक्टर के पास लेकर गए। यहां डॉक्टर ने किशोर को मृत घोषित कर दिया। इसके बाद भी परिवार के लोगों ने हार नहीं मानी। गांव में एक बायगीर को बुला लिया गया। बायगीर ने दावा किया कि वो किशोर को जीवत कर देगा। इलाज के नाम पर उसने किशोर की लाश को गोबर से ढक दिया, लेकिन किशोर जिंदा नहीं हो सका। जिसके बाद उनका सारा भ्रम टूट गया कि वो अब जीवित हो सकता है।
जानकारी अनुसार क्षेत्र के गांव मिट्ठोली में बीती रविवार की रात घर में सो रहे 11 वर्षीय किशोर मयंक पुत्र प्रमोद कुमार सांप ने काट लिया था। गहरी नींद के चलते किशोर को पता नहीं चला। सुबह होने पर उसकी हालत बिगड़ गई। ये देख परिजन उसे निजी चिकित्सक के यहां ले गए। चिकित्सक द्वारा किशोर का उपचार किया गया, मगर हालत में सुधार नहीं हुआ। चिकित्सक ने हाथ खड़े कर दिए और कही बाहर शहर ले जाने के लिए कहा।
परिजन किशोर को अलीगढ़ स्थित मेडिकल अस्पताल में ले गए, जहां डाक्टरों ने किशोर को सर्पदंश का हवाला देते हुए मृत घोषित कर दिया। परिजनों ने जिस कमरे में किशोर सोया था, उसमें सर्प होने की आशंका जताई और सांप को खोजना प्रारंभ किया। सांप को पकड़ भी लिया गया।
ग्रामीणों ने परिजनों को वायगीरों को दिखाकर किशोर के जिंदा होने की बात कही। परिजनों का अंधविश्वास कहें या जिंदा होने की आशा। वे किशोर को गांव नीमगांव ले गए जहां वायगीरों ने झाड़ फूंक कर उपचार किया मगर सफलता नहीं मिली।
इधर गांव में भी कुछ वायगीर बुलाये गए, जिन्होंने किशोर को जिंदा करने के लिए किशोर की लाश को गोबर में गाढ़वा दिया। किशोर को करीब ढ़ाई से तीन घंटे तक गोबर में गाढ़ कर रखा गया, जहां कारनामे को देखने के लिए ग्रामीणों की भीड़ उमड़ पड़ी। गोबर में गढ़े होने के बाद भी वायगीरों को कोई सफलता हाथ नहीं लगी। अब परिजन उसे जेवर निवासी किसी वायगीर के यहां ले गए हैं।