नई दिल्ली। भारत में स्कैम कभी खत्म नहीं हो सकता है, सिर्फ तरीके बदल सकते हैं। एक बार फिर से एक बुजुर्ग को ऑनलाइन स्कैम का शिकार बनाया गया है। मामला कोलकाता का है। 83 साल के एक रिटायर्ड सरकारी ऑफिसर के पास बैंक से नो योर कस्टमर (केवाईसी) के लिए कॉल आया था जिसके बाद खाते से 2.5 लाख रुपये निकल गए। पीड़ित बुजुर्ग का नाम एस. पी. सिन्हा है।
क्या है मामला?
ठगी का यह ताजा मामला कोलकाता के ठाकुरपुकुर का है, जहां रहने वाले एस. पी. सिन्हा के पास एक कॉल आया। कॉल करने वाले ने बताया कि वह टेबल नंबर 3 बैंक ब्रांच से बात कर रहा है। उसने कहा कि उनके पेंशन अकाउंट के लिए केवाईसी कराना जरूरी है, नहीं तो पेंशन बंद हो जाएगी। कॉल के कटने के बाद सिन्हा बैंक ब्रांच गए तो वहां के अधिकारियों ने कहा है कि हां केवाईसी जरूरी है। बैंक वालों ने कहा कि ऑनलाइन केवाईसी के लिए कॉल करने वाले शख्स के निर्देश को फॉलो करें।
बैंक की मिलीभगत से हो रही ठगी?
उसके बाद 11 नवंबर को सिन्हा के पास एक कॉल आया। कॉल करने वाले ने बताया कि वह बैंक से केवाईसी के लिए बोल रहा है। कॉल करने वाले ने अकाउंट नंबर भी बताया जो कि सही था। जब सिन्हा ने उसे कहा कि दिवाली के कारण आज बैंक बंद है तो फोन पर बात करने वाले शख्स ने कहा कि केवाईसी सेक्शन ओपन है और ऑनलाइन केवाईसी हो जाएगी।
इसके बाद सिन्हा ने कॉलर से बात करने के लिए अपने पोते को फोन दे दिया। उन्होंने सोचा कि बच्चों को टेक्नोलॉजी के बारे में अधिक जानकारी है। बाद में जब उन्होंने फोन चेक किया तो उनके होश उड़ गए। उनके खाते से 2,57,650 रुपये निकल चुके थे। इसके अलावा फिक्स डिपॉजिट और रिकरिंग डिपॉजिट खाते में वे लॉगिन भी नहीं कर पा रहे थे।
यदि आपके पास भी या घर के किसी सदस्य के पास इस तरह के KYC के लिए कॉल आते हैं तो कॉल कट कर दें। केवाईसी के लिए बैंक में जाएं या फिर खुद बैंक के पोर्टल पर लॉगिन करके केवाईसी करें। किसी अन्य के साथ अपने बैंक अकाउंट की जानकारी शेयर ना करें। इस पूरे मामले को देखें तो इसमें बैंक की लापरवाही तो दिख ही रही है और मिलीभगत की भी संभावना है।