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भांजे ने मामा से मांगा प्रॉपर्टी में हिस्सा, हाई कोर्ट ने दिया अहम फैसला…

भांजे ने मामा से मांगा प्रॉपर्टी में हिस्सा, हाई कोर्ट ने दिया अहम फैसला…
भांजे ने मामा से मांगा प्रॉपर्टी में हिस्सा, हाई कोर्ट ने दिया अहम फैसला…

High Court : संपत्ति के नियमों और कानून के बारे में जानकारी के अभाव के कारण आए दिन कोर्ट में कई मामले सामने आते रहता है। संपत्ति में अक्सर विवाद मामले चलते रहते हैं। क्योंकि लोग ना तो नियमों और कानून से वाकिफ होती हैं और ना ही अपने अधिकारों से परिचित होते हैं।

बता दे कि अभी हाल ही में संपत्ति से संबंधित ऐसा ही मामला सामने निकल कर आ रहा है। संपत्ति विवाद में सुनवाई करते हुए। दिल्ली की एक अदालत ने अपने शब्दों में काहे की बेटी की मृत्यु हो जाने पर दामाद और नतीयों का पिता की संपत्ति में अधिकतर माने जाएंगे। बता दे की कोर्ट ने अगले आदेश तक दूसरे पक्ष को प्रॉपर्टी की बिक्री या किसी अन्य तरह के अधिकार पर रोक लगा दिए हैं। ऐसे में लिए जानते हैं नीचे की खबर में क्या है पूरा मामला।

High Court : भांजे ने प्रॉपर्टी के लिए अपने मामाओ के खिलाफ की याचिका दायर

आप लोगों को बता दें कि मामले के अनुसार दिल्ली के साकेत स्थित नरेश कुमार लाकार की कोर्ट में प्रॉपर्टी विवाद पर सुनवाई हुए थे। बता दें कि इस दौरान कोर्ट ने ये आदेश दिए थे। दरअसल मामले में भांजे ने अपने दो मामू के खिलाफ हाई कोर्ट याचिका दायर किए थे। जिसमें मामा द्वारा नाना की प्रॉपर्टी में अधिकार न दिए जाने की बात कहे हैं। इसमें भांजे ने अपने अधिकार को लेकर कोर्ट में अपील किए हैं।

High Court : बेटी के पति और उसके बच्चों का उसके पिता की प्रॉपर्टी में क्या है अधिकार

बता दे कि जब यह मामला कोर्ट में आया तो इस मामले पर कोर्ट ने चल रहे सुनवाई के दौरान कहे की बेटी की अगर मृत्यु हो गया है। तो उसके पति और उसके बच्चों का उसके पिता की प्रॉपर्टी में अधिकार है। बता दें कि इस स्थिति में दूसरा पक्ष प्रॉपर्टी में हिस्से का निर्धारण होने तक प्रॉपर्टी बेच नहीं सकते हैं। कोर्ट ने लेकर सख्त हिदायत भी दिए हैं।

High Court : संपत्ति बेचने पर हाईकोर्ट ने लगाया रोक

इतना ही नहीं मामले के अनुसार याचिकाकर्ता की मां अपने पिता की प्रॉपर्टी के उत्तराधिकारी थे। ऐसे में एक तिहाई हिस्से पर उसका भी अधिकार है। वही कोर्ट ने मामले की अगली दिनांक तक सभी संपत्तियों का संबंधित कार्यालय द्वारा मूल्यांकन करने का निर्देश दिए हैं। वहीं अगले आदेश तक प्रॉपर्टी को बेचने पर भी रोक लगा दिए हैं। जब तक मामले का फैसला नहीं सामने निकलकर आ जाते हैं। तब तक प्रॉपर्टी को बेचने पर प्रतिबद्ध है।

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