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भारत के इन रेलवे स्टेशन पर भूलकर भी ना जाए अकेले, वहां जाने से पहले खरीद लें हनुमान चालीसा, जानिए ऐसा क्यों?

भारत के इन रेलवे स्टेशन पर भूलकर भी ना जाए अकेले, वहां जाने से पहले खरीद लें हनुमान चालीसा, जानिए ऐसा क्यों?

भारत समेत दुनिया भर में भूत पिशाच से संबंधित कई कहानियां व घटनाएं सुनने को मिलती हैं। कभी-कभी ऐसा भी होता है की कुछ अजीब से अनुभव स्वयं भी हो जाते हैं जो सामान्य जीवन में देखने को नहीं मिलते। भूत, प्रेत और चुड़ैलों को मानने वाले लोगों के अनुसार आधी रात में ये भूतिया चीजें ज्यादा ताकतवर होने के कारण दिखाई देती हैं।

भारत के इन रेलवे स्टेशन पर भूलकर भी ना जाए अकेले, वहां जाने से पहले खरीद लें हनुमान चालीसा, जानिए ऐसा क्यों?

इसी संदर्भ में आज आपको बताने जा रहे हैं देश के कुछ ऐसे रेलवे स्टेशनों के विषय में जिन्हें भूतिया घोषित कर दिया गया है। वहां रहने वालों ने अपने निजी अनुभव के कुछ ऐसे किस्से बयान किए जो बेहद असामान्य और भयाक्रांत कर देने वाले हैं।
आइए जानते हैं उन भूतिया रेलवे स्टेशनों के विषय में –

बड़ोग रेलवे स्टेशन, सोलन (हिमाचल प्रदेश)

हिमाचल प्रदेश का सोलन जिला बहुत ही सुंदर प्राकृतिक नजारों से लैस है। लेकिन आपको बता दें कि यहां एक रेलवे स्टेशन प्रेत बाधित है। क्योंकि लोगों की माने तो शाम होते ही यहां अजीबोगरीब घटनाएं घटित होने लगती हैं। जैसा कि कहा जाता है कि ब्रिटिश इंजीनियर कर्नल बड़ोग ने बड़ोग सुरंग को बनाया था और उसी सुरंग में उसने आत्महत्या कर ली थी जिसके बाद से लोगों का मानना है कि कर्नल बड़ोग की आत्मा इस रेलवे स्टेशन पर आज भी भटकती है।

रवीन्द्र सरोवर मेट्रो स्टेशन, कोलकाता

इस भूतिया मेट्रो स्टेशन के विषय में कहा जाता है कि यहां पर कई लोगों ने आत्महत्या की है। इस मेट्रो स्टेशन को “Paradise of Suicide” कहा जाता है। यहां के निवासियों की मानें तो उन्होंने आधी रात को यहां पर कई साए स्टेशन पर चलते दिखते हैं और कइयों ने यह भी बताया कि उन्होंने डरावनी चीखें भी सुनी हैं। इसलिए रात होते ही स्टेशन पर सन्नाटा छा जाता है।

बेगुनकोडोर रेलवे स्टेशन, पश्चिम बंगाल

अजीबोगरीब नाम वाला यह रेलवे स्टेशन काफी चर्चित व प्रसिद्ध है क्योंकि यहां के लोगों ने अपने अनुभव बयान करते हुए कहा है कि उन्होंने रेलवे ट्रैक पर सफेद साड़ी में एक महिला को अक्सर चलते देखा है। लोगों का मानना है कि इस महिला की मौत इसी ट्रैक पर हुई थी। इसी कारण उसकी प्रेतात्मा यहां आज भी भटकती है। आगे चलकर एक स्टेशन मास्टर की मौत का कारण भी वही प्रेतात्मा मानी जाती है। इस घटना के बाद यह स्टेशन 42 वर्षों तक बंद रहा। अब पुन: 2009 में इसे ट्रेन स्टॉपेज के लिए खोल दिया गया है।

डोबिवली रेलवे स्टेशन, मुंबई

डोबिवली रेलवे स्टेशन मुंबई के सबसे ज्यादा व्यस्त और भीड़भाड़ वाले स्टेशनों में से एक है। यह स्टेशन भटकती आत्माओं के कारण और की चर्चित माना जाता है। यहां के लोगों की माने तो हर रात यहां एक महिला अपने ट्रेन की प्रतीक्षा में खड़ी दिखाई देती है। कुछ लोगों के अनुसार एक बार एक व्यक्ति ट्रेन पकड़ने के लिए प्लेटफार्म पर आता है तो वहां एक महिला को उसने रोते हुए देखा।

उस व्यक्ति ने जब उससे रोने का कारण पूछा तो उसने बताया कि वह अपनी ट्रेन नहीं पकड़ पा रही है, उस आदमी को खुद ट्रेन पकड़ने के लिए देर हो रही थी इसलिए वह जल्दी में चला गया। लेकिन अगले दिन जब वह उसी प्लेटफार्म पर अपने दोस्त के साथ आया तो वही महिला उसे पुनः दिखाई दे रही थी पर उसके दोस्त ने नकारते हुए कहा कि उसे ऐसा कुछ भी नहीं दिख रहा है।

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