Bharat main sabse saste makhane: सर्दियों की आहट शुरू हो चुकी है. इस मौसम में इम्यूनिटी बनाए रखने और ठंड से मुकाबले के लिए सूखे मेवों का सेवन करना बेहतर माना जाता है. मेवों की बात करें तो मखानों का कोई मुकाबला नहीं है. तमाम गुणों से भरे मखाने यूं तो काफी महंगे मिलते हैं, लेकिन भारत में एक जगह ऐसी है जहां आप बेहद कम दामों थैला भरकर मखाने अपने घर ला सकते हैं. आइए उस जगह के बारे में आपको बताते हैं.
मखाने खाने से दूर होती है ठंड
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सबसे पहले मखानों की खूबियों की बात कर लेते हैं. सफेद रंग के मखाने न केवल एनर्जी लेवल को बूस्ट करते हैं बल्कि शरीर में गर्मी पैदा कर ठंड से निपटने की ताकत भी देते हैं. मखानों के सेवन से हड्डियां मजबूत होती हैं और मांसपेशियों को ताकत मिलती है.
सर्दियों में बढ़ जाती है डिमांड
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मखानों को घी में रोस्ट करके खाना या दूध मिलाकर पीना बहुत अच्छा लगता है. इसकी खूबियों की वजह से यूं तो साल भर ही मखाने खूब बिकते हैं लेकिन सर्दियों में इनकी डिमांड कई गुना बढ़ जाती है. हालांकि देश में एक जगह ऐसी है, जहां महज आधी कीमत में ही आप थैला या बोरी भरकर मखाने ला सकते हैं.
देशभर में मखानों की आम कीमत
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दुकानदारों के मुताबिक देशभर में मखाने का 200 ग्राम का पैकेट 400-500 रुपये में मिलता है. अगर आप एक किलो मखाना लेते हैं तो 1800-2000 रुपये लागत पड़ जाती है. आम लोगों के लिए यह कीमत काफी ज्यादा है और हर कोई इस खर्च को वहन नहीं कर पाता, जिसके चलते वे इसे नहीं खरीद पाते.
भारत में सबसे सस्ते मखाने कहां मिलते हैं?
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हालांकि अगर आप बिहार के मधुबनी जिले में जाएंगे तो मखानों की कीमत जानकर हैरान रह जाएंगे. वहां पर उम्दा क्वालिटी की मखाने आप यहां की दुकानों या रेहड़ी पटरी पर आसानी से खरीद सकते हैं. आप यहां पर महज 900- 1000 रुपये किलो में मखाने खरीदकर ले जा सकते हैं.
मखानों पर ऐसी डील कभी ठुकराना नहीं चाहेंगे
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अगर आप सूखे मेवों की दुकान करते हैं या अपने रिश्तेदारों को भी सूखे मेवे गिफ्ट करना चाहते हैं तो मधुबनी में अच्छी बार्गेनिंग के साथ मखाने खरीद सकते हैं. ऐसे में आपको मखाने 1000 रुपये किलो से भी काफी कम कीमत मिल जाएंगे. यह एक अच्छी डील रहेगी, जिसे आप कभी ठुकराना नहीं चाहेंगे.
बिहार मधुबनी में सस्ते मखाने मिलने की वजह?
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बिहार के मधुबनी में इतने सस्ते मखाने मिलने की सबसे बड़ी वजह ये है कि यहां पर इसकी बड़े पैमाने पर खेती की जाती है. उत्पादन के बाद किसान इन मखानों को बेहद सस्ते में आम दुकानदारों को बेच देते हैं. वे दुकानदार अपना सामान्य मुनाफा काटकर उस मखाने को देशभर में सप्लाई कर देते हैं.