भौंती हाईवे के पास सोमवार सुबह करीब 9:05 बजे तेज रफ्तार डंपर ने ब्रेक लगाया तो पीछे से पीएसआईटी के छात्रों के लेकर कॉलेज जा रही वैगनआर कार उसमें जा घुसी। इससे पहले कि कोई कुछ समझ पाता तब तक कार के पीछे से सरिया लादकर आ रहे ट्रॉला ने भी उसमें जोर की टक्कर मार दी। ट्रॉला की टक्कर इतनी तेज थी कि उसका अगला हिस्सा डंपर से जा मिला और दोनों के बीच फंसी कार लोहे का टुकड़ा बनकर रह गई।
हादसे में कार सवार चार छात्रों व चालक की मौत हो गई। मरने वालों में दो छात्र व दो छात्राएं थीं। पनकी व सचेंडी थानों की पुलिस और दमकल कर्मियों ने करीब सवा घंटे की मशक्कत के बाद शवों को बाहर निकाला। हादसे के कारण हाईवे पर करीब तीन घंटे जाम लगा रहा।
पुलिस ने बताया कि डंपर और ट्रॉला के चालकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज उनकी तलाश की जा रही है। चकेरी के सनिगवां रोड निवासी स्कूल संचालक राजेश सिंह का बेटा प्रतीक उर्फ अनूप सिंह (22) सचेंडी स्थित पीएसआईटी (प्राणवीर सिंह इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नालॉजी) में बीटेक फोर्थ ईयर (ईसी) का छात्र था।
मौसेरे भाई प्रिंस ने बताया कि सोमवार सुबह प्रतीक मोहल्ले में ही रहने वाले पीएसआईटी के ही सहपाठी बीटेक (डेटा साइंस) थर्ड ईयर के छात्र सतीश सिंह (21), बीटेक फर्स्ट ईयर कंप्यूटर साइंस की छात्रा आयुषी पटेल (18), बीटेक (कंप्यूटर साइंस थर्ड ईयर) की छात्रा गरिमा त्रिपाठी (19) के साथ रोज की तरह विजय साहू (54) की कार से पीएसआईटी जा रहे थे।
कॉलेज से करीब डेढ़ किलोमीटर पहले ही डंपर के ब्रेक लगाने से छात्रों की कार उसमें पीछे से जा घुसी और तब तक पीछे से ट्रॉला भी आ गया। हादसे में पांचों की मौके पर ही मौत हो गई। प्रत्यक्षदर्शी जुगराजपुर निवासी विश्वास शुक्ला ने बताया कि हादसा होते ही कार में फंसे चालक विजय साहू और चारों छात्र की चीख पुकार सुनकर राहगीरों ने किसी तरह डंपर को धकेलकर आगे किया।
तब तक पुलिस भी पहुंच गई। कार में खून से सने बैग और यूनीफार्म देखकर पीएसआईटी प्रबंधन को सूचना दी गई। इसके बाद शवों को पोस्टमार्टम हाउस पहुंचाया गया।