बरौनी में रेलवे कर्मी की मौत मोहम्मद सुलेमान की गलती से हुई, लेकिन राहुल गाँधी सरकार पर निशाना साधकर इसका राजनीतिकरण कर रहे हैं।
बिहार के बेगूसराय स्थित बरौनी रेलवे स्टेशन पर 9 नवंबर को 35 वर्षीय एक रेलवे कर्मचारी की इंजन और कोच के बीच दबने से मौत हो गई।
यह दुखद घटना शंटिंग ऑपरेशन के दौरान हुई है। पीड़ित की पहचान पॉइंट्समैन अमर कुमार राउत के रूप में हुई है। वह व्यक्ति इंजन और कोच के साइड बफ़र्स से कुचला गया था।
रिपोर्ट्स के अनुसार, यह घटना तब हुई जब वह बरौनी जंक्शन पर लखनऊ-बरौनी एक्सप्रेस के टर्मिनेशन के बाद उसका इंजन अलग किया जा रहा था। अमर सेंटर बफर कपलर को बंद करने के लिए इंजन और कोच के बीच में घुसे हुए थे। अचानक लोको पायलट ने इंजन को बैक किया तो अमर साइड बफर्स के बीच में दब गए। इसमें एक रेलवेकर्मी की लापरवाही सामने आई है।
हालाँकि, रायबरेली से कॉन्ग्रेस के लोकसभा सांसद राहुल गाँधी ने इस घटना के लिए सरकार को दोषी ठहराया है। राहुल गाँधी ने X (पूर्व में ट्विटर) पर अपने पोस्ट में लिखा, “आम लोग कब safe होंगे, मोदी जी? आप तो बस ‘एक’ अडानी को safe करने में लगे हुए हैं। ये भयावह तस्वीर और खबर भारतीय रेल की लंबी लापरवाही, उपेक्षा और जान बूझकर की गई कम भर्तियों का परिणाम है।”
भारतीय जनता पार्टी (BJP) आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने राहुल गाँधी की टिप्पणी पर उनकी आलोचना की है। उन्होंने अपनी सोशल मीडिया हैंडल X (पूर्व में ट्विटर) के एक पोस्ट में लिखा, “किसी की दुर्घटना में दुखद मृत्यु पर इस तरह की घटिया राजनीति इस देश के नेता प्रतिपक्ष के कद को छोटा करती है। इस घटना की जाँच हो गई है।”
मालवीय ने आगे कहा, “जाँच में यह निष्कर्ष निकला है कि मृतक के सहकर्मी मोहम्मद सुलेमान की गलती और लापरवाही की वजह से कांटावाला अमर कुमार की जान गई। अगर समझ और संवेदना शून्य नहीं हुए तो इस वीभत्स पोस्ट को डिलीट करो और अमर कुमार के परिवार से माफी माँगो।” इसके साथ ही उन्होंने जाँच की रिपोर्ट में शेयर की है।
BJP नेता मालवीय द्वारा साझा की गई जानकारी के अनुसार, “रेलवे अधिकारियों ने अपनी जाँच में पाया है कि ‘पॉइंट्समैन मोहम्मद सुलेमान और पॉइंट्समैन अमर कुमार राउत के बीच उचित समन्वय और सामंजस्य की कमी के कारण भ्रम की स्थिति पैदा हो गई और मोहम्मद सुलेमान ने लोको पायलट को गलत संकेत दे दिया, जिससे दुर्घटना हुई।”
ऐसा है घटनाक्रम
इस घटना को लेकर पूर्व मध्य रेलवे के महाप्रबंधक छत्रसाल सिंह ने एक जाँच दल गठित की थी। इस जाँच दल द्वारा दी गई रिपोर्ट में घटनाक्रम के बारे में विस्तार से बताया गया है। जाँच रिपोर्ट के मुताबिक, 9 नवंबर 2024 को सुबह 08:10 बजे ट्रेन संख्या 15204 (लखनऊ-बरौनी एक्सप्रेस) बरौनी स्टेशन पर लाइन संख्या 06 पर पहुँची।
इसके बाद स्टेशन मास्टर नागमणि ने पॉइंट्समैन मोहम्मद सुलेमान और अमर कुमार राउत को इंजन को अलग करने का निर्देश दिया। सुबह 8:12 बजे तक लोको शंटर राकेश रौशन ने इंजन को अपने नियंत्रण में ले लिया और 8:15 बजे ट्रेन को उसके लोड के साथ पावर कार में ईंधन भरने के लिए फ्यूलिंग पॉइंट पर ले जाया गया।साभार: Incognito_qfs/X
लगभग 08:27 बजे पॉइंट्समैन मोहम्मद सुलेमान ने बफर के लिए संकेत दिया और हाथ के इशारे से लोको शंटर को आगे बढ़ने का संकेत दिया। कुछ ही समय बाद 08:28 बजे सुलेमान ने फिर से हाथ के इशारे से इंजन को पीछे की ओर बढ़ने का संकेत दिया। फिर, लगभग 8:29 बजे सुलेमान वापस भागा और इंजन को आगे बढ़ने के लिए तत्काल संकेत दिया।
इसको देखते हुए कई लोग इंजन की ओर दौड़ पड़े, उन्हें लगा कि कुछ गड़बड़ हो गई है। 10:15 बजे तक इंजन और पावर कार को अलग करके अमर कुमार का शव निकाला गया, जो इंजन और कोच (LWLRRM) के बीच फँसा हुआ था। 11:10 बजे शव को ट्रैक से हटाया गया और बाद में 12:15 बजे एंबुलेंस के जरिए पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।
सीसीटीवी फुटेज, गवाहों के बयान और उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर जाँच में यह निष्कर्ष निकला कि पॉइंट्समैन मोहम्मद सुलेमान और पॉइंट्समैन अमर कुमार के बीच समन्वय और सामंजस्य की कमी के कारण भ्रम की स्थिति पैदा हुई। इसके कारण सुलेमान ने लोको शंटर को गलत संकेत दिया, जिसके कारण दुर्घटना हुई। इस हादसे का जिम्मेदार मोहम्मद सुलेमान को बताया गया है।
हालाँकि, मोहम्मद सुलेमान ने एक बयान में इस बात से इनकार किया है कि वह इस घटना के लिए जिम्मेदार है। उसने इसके लिए शंटिंग पायलट को दोषी ठहराया है। उसका दावा है कि लोको पायलट ने इंजन को हिला दिया, जबकि उसने हाथ के इशारों या सीटी से कोई संकेत नहीं दिया था। सुलेमान ने कहा कि घटना के समय वह शंटर के सामने इंजन के पास खड़ा था।