मध्यप्रदेश से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसके बारे में सुनकर आपको भी एक बार भरोसा नहीं होगा. क्या आप सोच सकते हैं मक्खियां किसी मर्डर केस को सुलझा सकती हैं. मक्खियों को हम अपने आसपास फटकने भी नहीं देते. लेकिन मध्य प्रदेश पुलिस के लिए ये मक्खियां किसी खबरी से कम नहीं निकली. जिस केस को पुलिस कई दिन से नहीं सुलझा पा रही थी. मक्खियों की मदद से उसने इस केस को सुलझाकर कातिल का पता लगा लिया.
दीवाली से एक दिन पहले 30 अक्तूबर को चाचा-भतीजे शराब पीने के लिए घर से बाहर गए. इसके बाद 26 साल का मनोज ठाकुर घर वापस नहीं लौटा, जबकि उसका भतीजा धरम सिंह वापस लौट आया. मनोज ठाकुर के परिवार ने उसके लापता होने की खबर पुलिस को दी. पुलिस ने FIR दर्ज करने के बाद जब इस केस की पड़ताल शुरू की तो. तो उसे एक दिन बाद उसका शव एक खेत में पड़ा मिला.
भतीजे ने की चाचा की हत्या
मनोज ठाकुर को आखिरी बार उसके भतीजे धरम सिंह के साथ देखा गया था. इसी वजह से पुलिस ने उससे पूछताछ की. हालांकि उन्होंने उसे संदिग्ध मानने के बावजूद छोड़ दिया क्योंकि उन्हें कोई सबूत नहीं मिला. उसकी मौत के साथ उसका कोई सीधा संबंध साबित नहीं हो पा रहा था.जबलपुर के एडिशनल एसपी सोनाली दुबे ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि मनोज ठाकुर की हत्या का उसका भतीजा मुख्य संदिग्ध था. लेकिन उसने पूछताछ में कुछ नहीं बताया.
मक्खियों ने सुलझाया केस
पुलिस के हाथ जब कुछ नहीं लगा तो पुलिस ने मनोज ठाकुर के भतीजे से दोबारा पूछताछ की. इस समय कुछ अजीब चीजों ने मामले की जांच कर रहे पुलिसवालो का ध्यान खींचा. 19 साल के धरम सिंह के आसपास लगातार मक्खियां भनभना रहीं थी. उसने कई बार उन्हें भगाने की कोशिश की लेकिन वो उसके चारों तरफ मंडराती रही. इसके बाद चारगांव पुलिस स्टेशन के इंचार्ज अभिषेक प्यासी ने धरम सिंह से उसकी शर्ट उतरवा दी और इसकी जांच करने का फैसला किया.
फॉरेंसिक लैब में मिले खून के धब्बे
शर्ट को जब फॉरेंसिक लैब भेजा गया तो उसकी शर्ट में खून के धब्बे मिले. जो कि खुली आंखो से नहीं दिखाई दे रहे थे. इसके बाद जब पुलिस ने आरोपी भतीजे से कड़ाई से पूछताछ की तो उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया. उसने बताया कि शराब पीने के बाद उसके चाचा उससे शराब पीने और खाने के ज्यादा पैसे मांग रहे थे. इसी को लेकर उनकी हाथापाई हुई और इसी में उसके कहने चाचा का कत्ल हो गया. उसकी शिनाख्त पर पुलिस ने वो लकड़ी का