प्याज का व्यापार करने वाले कारोबारियों का कहना है कि अभी सावन मास के चलते दाम में थोड़ी गिरावट आ गई थी। लेकिन अब फिर प्याज के दाम बढ़ गए है। बारिश के चलते ट्रकों की आवाजाही पर असर पड़ा है। मंडियों में ट्रक समय से पहुंच नहीं पा रहे हैं। इसलिए आने वाले दिनों में इनकी कीमतों में और इजाफा देखने को मिल सकता है।
केंद्र सरकार के तमाम कोशिशों के बावजूद प्याज के दाम काबू में नहीं आ रहे है। राजधानी दिल्ली समेत देश के कई राज्यों में प्याज के रेट कम होने का नाम नहीं ले रहे है। खुदरा बाजार में अभी भी प्याज के दाम 70 से 80 रुपये किलो के आसपास बने हुए हैं, जबकि कुछ राज्यों में इसका न्यूनतम भाव 27 रुपये प्रति किलो चल रहा है। ऐसे में देशभर में प्याज की औसत कीमत 49.98 रुपये किलो के आसपास बनी है।
केंद्र सरकार ने एक सप्ताह पहले आम आदमी की परेशानी को देखते हुए प्याज को कम रेट पर बेचने का फैसला लिया था। इसमें दिल्ली-एनसीआर, मुंबई में 35 रुपए किलो के हिसाब से आम लोगों को प्याज उपलब्ध करवाने का निर्णय लिया था। बावजूद इसके बाजार में प्याज के दाम कम होने का नाम नहीं ले रहे है। राजधानी दिल्ली में बीते 10 दिनों में 5 से 7 रुपए का इजाफा देखने को मिल चुका है। जबकि अन्य राज्यों में ये बढ़ोत्तरी 3 से 5 रुपए प्रति किलो के हिसाब से देखी गई है। 31 अगस्त को प्याज की कीमतें 55 रुपए प्रति किलोग्राम थी। जो 10 सितंबर तक् 58-60 रुपए प्रति किलोग्राम पर पहुंच चुकी हैं।
प्याज का व्यापार करने वाले कारोबारियों का कहना है कि अभी सावन मास के चलते दाम में थोड़ी गिरावट आ गई थी। लेकिन अब फिर प्याज के दाम बढ़ गए है। बारिश के चलते ट्रकों की आवाजाही पर असर पड़ा है। मंडियों में ट्रक समय से पहुंच नहीं पा रहे हैं। इसलिए आने वाले दिनों में इनकी कीमतों में और इजाफा देखने को मिल सकता है।
हालांकि, आगामी महीनों में प्याज की उपलब्धता अच्छी रहने की उम्मीद है। क्योंकि खरीफ बुवाई क्षेत्र में इस साल 102 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है। उपभोक्ता मामलों के विभाग की तरफ से जुटाए गए आंकड़ों के मुताबिक, प्याज का अखिल भारतीय औसत मूल्य मंगलवार को 49.98 रुपये प्रति किलोग्राम रहा जबकि इसका प्रचलित भाव 50 रुपये प्रति किलोग्राम है।
अभी सरकार के पास है इतना स्टॉक
जानकारी के अनुसार, सरकार के पास प्याज के अभी भी 4.7 लाख टन भण्डार है। सरकारी एजेंसियों नाफेड और एनसीसीएफ सस्ते प्याज बेच रही है। ये एजेंसियां मोबाइल एप के जरिये प्याज की बिक्री कर रही है। अगर भविष्य में भी ऐसे ही कम दाम पर प्याज बेचना जारी रखेगी तो प्याज के दामों में कमी आ सकती है। एजेंसियों के पास अभी 4.7 लाख टन प्याज का सुरक्षित भंडार है।
हाल ही में उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे ने पिछले सप्ताह कहा था कि आने वाले महीनों में प्याज की उपलब्धता और कीमतों का पूर्वानुमान सकारात्मक बना हुआ है। खरीफ सत्र में प्याज की बुवाई का रकबा पिछले महीने तक तेजी से बढ़कर 2.9 लाख हेक्टेयर हो गया जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह 1.94 लाख हेक्टेयर था। खरे ने कहा था कि किसानों और व्यापारियों के पास अब भी करीब 38 लाख टन प्याज का भंडार मौजूद है।
पूरे देश में सस्ते प्याज देने की ये है तैयारी
खाद्य वितरण एवं उपभोक्ता मामलों के केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सस्ते प्याज उपलब्ध करवाने वाले स्कीम की शुरुआत करते हुए कहा था कि पहले चरण में दिल्ली-एनसीआर और मुंबई के लोगों को सस्ते भाव पर प्याज उपलब्ध कराया जा रहा है। दूसरे चरण में राज्यों की राजधानियों में इसकी शुरुआत की जाएगी। दूसरा चरण इसी सप्ताह से शुरू हुआ है। दूसरे चरण में कोलकाता, गुवाहाटी, हैदराबाद, चेन्नई, बेंगलुरु, अहमदाबाद, रायपुर जैसे शहर कवर किए जाएंगे। जबकि तीसरे चरण में देश भर में सस्ते भाव पर प्याज की बिक्री की जाएगी। ये तीसरा चरण सितंबर महीने के तीसरे सप्ताह से शुरू होगा।