महिलाओं की सफलता की कहानी
गोबर से आजकल लोग लाखों रुपए कमा रहे हैं। जी हां आपको बता दे की गोबर की बनी कई तरह की चीज आजकल ऑनलाइन, ऑफलाइन बिक रही है और उनकी कीमत भी अच्छी खासी मिल रही है। पढ़े लिखे युवा भी गोबर का बिजनेस कर रहे हैं।
इसी तरह आज हम आपको ऐसी महिलाओं की जानकारी देने जा रहे हैं जो की गोबर से सालाना 20 से 25 लाख की कमाई कर रही है। वह भी खर्च निकालने के बाद।
दरअसल हम बात कर रहे हैं उत्तर प्रदेश के जालौन जिला की, यहां पर एक संस्था है जिसमें महिलाएं काम करती हैं और गाय के गोबर से प्रोडक्ट बनाकर उनकी बिक्री करती हैं।
इस संस्था की अध्यक्ष है विनीता पांडे है। आपको बता दे कि यहां पर गाय के गोबर और गोमूत्र का इस्तेमाल करके सारी चीज बनाई जाती है।
इन्हें सरकारी योजना के तहत एक गाय का महीने का 1500 भी मिलता है।
तब चलिए जानते हैं कि यह गोबर से क्या-क्या बनाती है, कौन सी सरकारी योजना का यह लाभ उठा रही है, और सालाना कैसे 25 लाख तक कमा रहे हैं।
गोबर से बनने वाले सामान
यह गाय के गोबर और गोमूत्र का इस्तेमाल करके राम मंदिर का मॉडल यानी की मूर्तियां बनाती है और राखी भी बनाती हैं।
इसके अलावा दिया, शुभ लाभ, भगवान की मूर्तियां और स्मृति चिन्ह के अलावा 200 से अधिक इको फ्रेंडली प्रोडक्ट बनाती हैं।
जिनकी अच्छी कीमत में मिलती है और बाजार में डिमांड भी रहती है। चलिए आपको उस योजना के बारे में बताते हैं जिससे इन्हें एक गाय का ₹1500 हर महीने मिलता है।
सरकारी योजना का लिया लाभ
उत्तर प्रदेश में गायों के संरक्षण के लिए कई तरह की सरकारी योजनाएं भी चलाई जा रही है। जिसमें से एक योजना है मुख्यमंत्री सहभागिता योजना।
इस योजना के अंतर्गत निराश्रित गोवंश के संरक्षण और उनके भरण पोषण के लिए राशि दी जाती है। जिसमें एक व्यक्ति अगर एक गाय रखता है तो उसे हर दिन का ₹50 यानी कि महीने का ₹1500 दिया जाता है।
ताकि वह उस गाय का पालन पोषण करें और अपने पास रखें। इसी तरह इन लोगों ने भी रखा हुआ है और एक गाय से वह ₹1500 भी प्राप्त कर रहे हैं और उसका गोबर भी इस्तेमाल करके प्रोडक्ट बना रहे हैं और कमाई कर रहे हैं।इसे भी जरूर पढ़ें –
चलिए अब बताते हैं उनकी कमाई इतनी ज्यादा कैसे हो रही है, खर्चा कैसे निकल रहा है।
सालाना 25 लाख की कमाई
महिलाएं हर साल 20 से 25 लाख रुपए गाय के गोबर और गोमूत्र से बने प्रोडक्ट से कमा रही है। जिसमें उन्होंने बताया कि गोमूत्र और गोबर खरीदने भी हैं। जिसमें ₹5 लीटर गोमूत्र और ₹20 किलो गोबर खरीदने हैं।
इसके अलावा गोवंश का संरक्षण किया है तो वहां से भी उन्हें गोबर और गोमूत्र मिल जाता है। साथ ही उन्होंने बताया कि 2013 से उनकी यह संस्था स्वदेशी के रूप में काम कर रही है।
इको फ्रेंडली के नारे की वजह से उन्हें अलग पहचान मिली और उनके सामान की इज्जत है और कीमत भी अच्छी मिलती है।