बिहार के भोजपुर जिले से एक अजीबो गरीब मामला सामने आया है। जिस महिला को 4 साल पहले दहेज हत्या के मामले में मृत मान लिया गया था। अब वो जिंदा मिली है। किसी और के साथ सात फेरे भी ले चुकी है।
दो बच्चे भी हो गए हैं। महिला के पिता ने सुसराल वालों पर हत्या और दहेज का मुकदमा दर्ज कराया था। महिला को पिता ने मृत बता दिया था। जिससे महिला के पति, ससुर जेल चले गए। जेल की सजा काटने के बाद जब बाहर आए तो ससुर को एक मेले में बहू दिख गई। इसके बाद ससुर ने पुलिस को जानकारी दी।
फिर इसके बाद सच की एक – एक परत खुलने लगी। सच सामने आने पर कोई हैरान रह गया। यह पूरा मामला भोजपुर जिले के चौरी थाना क्षेत्र के जनकपुरिया गांव का है। यहां के रहने वाले अवध बिहारी सिंह की बेटी धर्मशीला देवी की शादी साल 2015 में बहुआरा छपरा गाव के दीपक सिंह से हुई थी। शादी के कुछ समय तक सब ठीक चल रहा था। फिर पति-पत्नी में झगड़ा होने लगा। पत्नी का कहना है कि पति बेहरमी से मारपीट करता था।
पिता की बेटी पर थी गंदी नजर
जीवित मिली महिला ने बताया कि पति से तंग आकर वो अपने मायके आ गई। इसके कुछ दिनों बाद उसकी मां का निधन हो गया। फिर उसके पिता की गंदी नजर उस पर पड़ने लगी। धर्मशीला ने बताया कि रात को सोते समय पिता उसके बिस्तर पर आ जाते थे। उसे गलत तरीके से छूने लगते थे। इससे धर्मशीला दुखी हो गई। कोई ठिकाना नजर नहीं आया। इससे धर्मशीला ने आत्महत्या करने का फैसला किया फिर धर्मशीला आत्महत्या के लिए घर से निकल पड़ी। ट्रेन के सामने खड़ी हो गई। तभी एक राहगीर की नजर पड़ गई। उसने ट्रेन के आने के पहले ही महिला को काल के गाल से बचा लिया।
अनजान राही को महिला ने सुनाई आपबीती
फिर धर्मशीला की जिसने जान बचाई, उसने आत्महत्या का कारण पूछा। धर्मशीला ने सब कुछ सच-सच बता दिया। इसके बाद उस राहगीर ने महिला से गांगी पर मौजूद विश्वकर्मा मन्दिर में शादी कर ली। वो दोनों आरा में ही रहने लगे। धर्मशिला ने बताया कि उसके एक बेटा और एक बेटी दो बच्चे भी हैं।
धर्मशिला के पिता ने दर्ज कराया दामाद पर हत्या का मुकदमा
पिता अवध बिहारी अपनी बेटी की खोज में जुट गए। धर्मशिला के नहीं मिलने पर उसने धर्मशिला के पति दीपक, ससुर प्रमोद सिंह और भैंसुर रविशंकर पर हत्या का केस दर्ज करा दिया। पुलिस को इसी दौरान 31 अक्टूबर 2020 को थाना क्षेत्र के सोन नदी के किनारे से एक महिला का शव मिला था। जिसकी पहचान अवध बिहारी सिंह ने अपनी पुत्री धर्मशीला देवी के रूप में किया था। जिसके बाद पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम भी सदर अस्पताल में करा दिया। हत्या के आरोप में पुलिस ने धर्मशीला देवी के पति दीपक को जेल भी भेज दिया था।
दीपक ने कहा – पत्नी मायके से भाग गई
इधर पीड़ित पति दीपक ने बताया कि मेरी शादी 3 मई 2015 धर्मशीला के साथ हुई थी। शादी के एक साल बाद बेटा हुआ, लेकिन पत्नी की लापरवाही से उसकी अस्पताल में मौत हो गई। 2016 में सास तेतरा देवी की मौत के बाद मेरे पूरे परिवार ने पैसा इकट्ठा कर श्राद्ध कर्म कराया था। मेरी पत्नी का कोई भाई नहीं है। वो मायके अपने पिता के पास चली गई। ससुर मेरी पत्नी को मारते-पीटते थे। ससुर ने पत्नी को डरा धमका कर मेरे परिवार के खिलाफ महिला थाने में दहेज प्रताड़ना का केस करवा दिया। रिश्तेदार भी जान से मारने की धमकी देते थे। पीड़ित पति ने बताया कि एक दिन पत्नी मायके से भाग गई और फिर वो काफी दिनों तक नहीं मिली।
4 साल महिला जिंदा मिली
हत्या के मामले में पति, ससुर को जमानत मिल गई थी। इस केस का ट्रायल कोर्ट में चल ही रहा था। एक दिन ससुर को अचानक धर्मशीला एक मेले में दिख गई। बहु को जिंदा देखते ही ससुर के पैरों तले जमीन धंस गई। उन्होंने फौरन पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने सत्यापन कर महिला को पकड़ लिया। महिला धर्मशीला देवी सहार प्रखंड की रहने वाली है। धर्मशीला देवी को पुलिस ने बरामद कर 164 का बयान कोर्ट में कराने के बाद मेडिकल जांच सदर अस्पताल में कराया है। 17 अक्टूबर 2024 को टाउन थाना की पुलिस ने धर्मशीला देवी मीरगंज मुहल्ला से बरामद कर चौरी थाना को सुपुर्द कर दिया है।
पुलिस के लिए सिर चकराने वाला मामला
इस मामले में पुलिस अधिकारी कृष्ण कुमार सिंह ने बताया कि एक मामला सामने आया है। जिसमें विवाहिता की हत्या के बाद उसके ससुर और पति को जेल भेजा गया था। लेकिन वह जिंदा बरामद कर ली गई है। पुलिस आगे की कार्रवाई में जुट गई है। पुलिस का कहना है कि धर्मशीला के बयान के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। अब सवाल यह उठता है कि जिस लावारिश शव की पहचान धर्मशीला के रुप में हुई थी, आखिर वो कौन थी।