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यहां घूमने जाओगे तो पूप बैग में वापस लानी होगी अपनी पॉटी, नहीं तो खानी पड़ेगी जेल की हवा

यहां घूमने जाओगे तो पूप बैग में वापस लानी होगी अपनी पॉटी, नहीं तो खानी पड़ेगी जेल की हवा

 

यहां घूमने जाओगे तो पूप बैग में वापस लानी होगी अपनी पॉटी, नहीं तो खानी पड़ेगी जेल की हवा

Mount Everest Facts: इन दिनों लोग घूमने फिरने में काफी रुचि ले रहे हैं। हर कोई दूर दूर नई नई जगहों को देखना चाहता है, समंदर को पार करना चाहता है पहाड़ों पर चढ़ना चाहता है और हवाओं की शैर पर निकलना चाहता है। किसी भी ट्रिप में एक बात कॉमन होती है कि पहले एक हॉटल लो और फिर वहीं से फ्रेश वगैरह होकर आसपास की जगहों पर घूमने निकल जाओ। लेकिन क्या हो अगर आप ऐसी जगह जाएं जहां से होटल कई दिनों की दूरी पर हो और जहां आप जा रहे हैं उस जगह पर पॉटी करना एक जुर्म हो जिसकी वजह से आपको पूप बैग में पॉटी करके उसे वापस लाना पड़े। ये जरूर सुनने में काफी अजीब लग रहा होगा लेकिन सचमुच ऐसी जगह भी है जहां पर सैलानियों को पॉटी पू बैग में ही करनी होती है।

Mount Everest Facts

दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट (Mount Everest Facts) की चढाई करने के लिए लोग सालों साल तैयारी करते हैं। ये यात्रा काफी लंबी और खतरनाक होती है जिसकी वजह से ट्रैकर्स अपनी जरूरत का सामान अपने कंधों पर लादकर चलते हैं। सफर के दौरान हर पल बढ़ रही ठंड के साथ साथ उन्हें एक और समस्या का सामना करना पड़ता है और वो समस्या है पॉटी की समस्या। दरअसल चढ़ाई करते हुए रास्ते में किसी भी तरह का शौचालय नही बनाया गया है ऐसे में यात्रियों के सामने समस्या उतपन्न होती है कि आखिर वो टॉयलेट जाएं तो जाएं कहां। वहीं प्रशासन ने भी नियम बनाए हुए है कि पहाड़ पर चढ़ते समय बाहर खुले में मल त्याग नहीं किया जा सकता।

ऐसे में क्या आपने सोचा है कि ट्रैकर्स कैसे मैनेज करते होंगे? दरअसल  2014 में माउंट एवरेस्ट पर जाने वालों के लिए एक कानून बनाया गया था, कानून के अनुसार ट्रैकर्स को पहाड़ पर उनके द्वारा फैलाई गई गंदगी को अपने साथ ही वापस लाना होता है । यानी की ट्रैकर्स को पूप बैग में ही पॉटी करनी होगी एवं अगर कोई अपनी पॉटी को वहां पर छोड़कर आता है तो उसको जेल जाना पड़ सकता है।

क्यों बनाया गया ये अजीब कानून

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि माउंट एवरेस्ट (Mount Everest Facts) पर खून जमा देने वाली ठंड होती है। और इतनी ठंड में अगर कोई पॉटी करता है तो वो बर्फ में ही जम जाती है। ठंड के कारण जमी हुई पॉटी पत्थर में तब्दील नहीं होती बल्कि बर्फ पिघलने पर पॉटी का सैलाब आने का खतरा बन जाता है। इसकी वजह से यात्रियों को खतरा हो सकता है। माउंट एवरेस्ट पर हर साल हजारों लोग चढ़ाई करते हैं, और 2014 से पहले वहां शौच के ढेर जमा हो गए थे। इस समस्या को देखते हुए ये नियम बनाया गया, ताकि पहाड़ की सफाई बनी रहे और पर्यावरण भी सुरक्षित रहे।

पहाड़ पर जमा है टनों मल

जैसे-जैसे लोग माउंट एवरेस्ट (Mount Everest Facts) की चढ़ाई करते हैं, उन्हें गड्ढा खोदकर उसमें शौच करना पड़ता है। लेकिन कई जगहों पर बर्फ कम होती है, जिससे उन्हें खुले में ही शौच करना पड़ता है। प्रशासन के अनुसार, बहुत कम लोग अपनी गंदगी वापस साथ ले जाते हैं, जिससे पहाड़ पर गंदगी एक बड़ी समस्या बन गई है। हालांकि कोई आधिकारिक आंकड़े नहीं हैं, लेकिन गैर सरकारी संस्था सागरमथा पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी के अनुसार, एवरेस्ट के तल के कैंप 1 से लेकर कैंप 4 तक लगभग 3 टन इंसानी मल जमा हो चुका है। इसे भी जरूर पढ़ें –

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