युवक ने ड्रिल मशीन से अपने दिमाग में किया छेद, जाने फिर क्या हुआ

युवक ने ड्रिल मशीन से अपने दिमाग में किया छेद, जाने फिर क्या हुआ

रूस में एक चौंका देने वाला मामला सामने आया है। यहा एक युवक ने घर में रखी ड्रिल मशीन से अपने दिमाग में छेद कर दिया। युवक की सिर से खूून की धारा बहने लगी औऱ हालत गंभीर हो गई। इसपर युवक ने कुछ हिम्मत कर छेद में एक चिप इंप्लांट कर दी। युवक ने ऐसा क्यों किया यह जानेंगे तो आपके होश उड़ जाएंगे।

10 घंटे मौत के मुंह में रहा
रूस का यह युवक माइकल अपने सपनों को कंट्रोल करना चाहता था। वह चाहता था कि उसे उसके मुताबिक सपने आएं और इसी लिए उसने अपने दिमाग की खुद ही सर्जरी करने की सोची और ड्रिल मशीन से दिमाग में छेद किया। इसके बाद खुद ही उसमें एक चिप भी इंप्लांट की। इस खतरनाक खेल में वह 10 घंटे तक वह जिंदगी और मौत के बीच झूलता रहा।

सपनों को कंट्रोल करने के लिए लिया रिस्क
अपनी ही दिमाग की सर्जरी करने वाले रूसी युवक माइकल रडुगा के मुताबिक उसे न्यूरोसर्जरी का कोई अनुभव नहीं था। दिमाग तक ड्रिल मशीन चलाना और फिर उसमें चिप इम्प्लांट करना आसान नहीं था। उसका काफी खून बह गया था। जान तक जाने की नौबत आ गई थी। दस घंटे वह लगभग बेसुध पड़ा था और खून भी बह रहा था। घंटों बाद उसने अपने ब्रेन में एक चिप इंप्लांट की। इसक जरिए वह एक दिन अपने सपनों को कंट्रोल कर लेगा।

हार्डवेयर स्टोर से खरीदी थी ड्रिल मशीन
माइकल ने बताया कि न्यूरोसर्जरी से संबंधित कोई योग्यता उसके पास नहीं है। उसने हार्डवेयर स्टोर से एक ड्रिल मशीन खरीद कर सिर में छेद किया और त्वचा के कुछ हिस्सों को पेपर क्लिप की मदद से पकड़कर चिप को इंप्लांट किया। माइकल ने कहा कि शुरू में डर लग रहा था, बेहोशी की हालत हो गई थी। बहुत खून बह गया था।

5 सप्ताह बाद निकाल दी चिप
माइकलने कहा कि नए तरीकों का टेस्ट करके वह बेहद खुश है। माइकल ने सर्जरी के 5 हफ्ते बाद चिप हटा दी, क्योंकि लंबे समय तक चिप दिमाग में रखने पर उसे नुकसान हो सकता था। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के सलाहकार न्यूरोसर्जन एलेक्स ग्रीन ने कहा कि ऐसा कुछ भी घर पर बिल्कुल नहीं आजमाना चाहिए क्योंकि यह खतरनाक है।

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