गोरखमुंडी को आयुर्वेद में गुणकारी पौधा माना गया है और दवा बनाने में इसका खूब प्रयोग किया जाता है। इसमें एंटी बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं, जो कि कई तरह के बैक्टीरिया से शरीर की रक्षा करते हैं। ये पौधा अधिकतर नम जगहों पर उगता है और जुलाई से अगस्त महीने में ही पाया जाता है। बरसात के मौसम में इस पौधे पर फूल खिलते हैं, जिनका प्रयोग भी दवा बनाने में किया जाता है।
इस पौधे का वैज्ञानिक नाम Sphaeranthus Indus है। इस पौधे की जड़ छाल, पत्ते और फूल आदि का उपयोग आयुर्वेद में किया जाता है। कई बड़े से बड़े रोगों को गोरखमुंडी का प्रयोग कर सही किया जा सकता है।
गोरखमुंडी के फायदे
आंखों के लिए फायदेमंद
गोरखमुंडी को आंखों के लिए लाभकारी माना जाता है और इसकी मदद से आंखों से जुड़ी कई समस्याओं से निजात मिल जाती है। गोरखमुंडी का चूर्ण दूध के साथ खाने से आंखों को फायदा पहुंचता है और आंखों की रोशनी सही बनीं रहती है। इसलिए जिन लोगों को चश्मा लगा है और जिन लोगों की आंखों की रोशनी कम है, वो लोग इसका चूर्ण जरूर खाएं।
गोरखमुंडी का चूर्ण इसकी जड़ से बनाया जाता है। इसकी जड़ को काटकर साफ किया जाता है। फिर धूप में सूखा कर इसका चूर्ण को प्राप्त किया जाता है। नियमित रूप से इसका सेवन करने से आंख पर लगे चश्मे तक को हटाया जा सकता है।
कुष्ट रोग में लाभकारी
गोरखमुंडी की मदद से चर्म रोगों को भी सही किया जा सकता है। कोढ़ होने पर इसका लेप लगाना फायदेमंद होता है। इसका अलावा गोरखमुंडी का सेवन करने से भी कुष्ट रोग सही हो जाते हैं। ये रोग होने पर नीम की छाल के पाउडर के साथ गोरखमुंडी के पाउडर का सेवन करें। इन एक साथ खाने से चर्म रोग सही हो जाएगा।
खुजली दाद करे दूर
गर्मी के मौसम में कई लोगों को दाद और खुजली की समस्या हो जाती है। त्वचा से जुड़ी इस परेशान को भी गोरखमुंडी से दूर किया जा सकता है। गोरखमुंडी के बीज में पाए जाने वाले तत्व खुजली दाद को एकदम सही कर देते हैं। दाद व खुजली होने पर आप बस इसके बीजों का पेस्ट तैयार कर लें और इसे प्रभावित जगह पर लगा लें। आपको आराम मिल जाएगा।
गोरखमुंडी के बीज का लेप बनाना बेहद ही आसान है। आप बस गोरखमुंडी के बीज को साफ करके कूटकर इसे बारीक पीस लें। फिर इसे नियमित तौर पर दूध या पानी के साथ मिलाकर लगा लें। आप चाहें तो इसे दूध के अंदर डालकर पी भी सकते हैं।
मोटापा करे दूर
गोरखमुंडी का सेवन करने से मोटापे को भी दूर किया जा सकता है। मोटापा होमे पर इसके चूर्ण का सेवन दूध के साथ करें। इस दूध के साथ खाने से भूख कम लगती है और ऐसा होने पर वजन कम होन लग जाता है। इसलिए जो लोग मोटापे से ग्रस्त हैं, वो इसका सेवन करना शुरू कर दें, उन्हें एक महीने के अंदर ही असर दिखने लग जाएगा।