रसोई में खून ही खून…बाहर पड़े थे मांस के चीथड़े; रिश्तेदार भी अंदर जाने की न जुटा पाए हिम्मत

रसोई में खून ही खून…बाहर पड़े थे मांस के चीथड़े; रिश्तेदार भी अंदर जाने की न जुटा पाए हिम्मत

अंबाला : अंबाला के नारायणगढ़ के रतोर गांव में बड़े बेटे ने परिवार के छह लोगों की हत्या कर दी। इस हत्याकांड ने ग्रामीणों और रिश्तेदारों को झकझोर कर रख दिया। छोटे भाई के साथ ही उसकी पत्नी और बच्चों की हत्या के बाद आरोपी ने मां को भी मार डाला। वहीं पिता को जख्मी कर दिया। पूरा विवाद दो एकड़ जमीन को लेकर था। जमीन विवाद में एक रिटायर्ड फौजी ने पत्नी व रिश्तेदारों के साथ मिलकर अपने छोटे भाई के पूरे परिवार की गला रेतकर कर दी। इस दौरान बीचबचाव करने आई मां को भी मार डाला, जबकि पिता ने भागकर जान बचाई। मरने वालों में छोटे भाई की पत्नी के अलावा उनके तीन मासूम बच्चे भी थे। हत्या के बाद आरोपी ने सभी के शवों को भी जलाने का प्रयास किया।

मृतकों की पहचान छोटे भाई हरीश (35), भाभी सोनिया (32), मां सरोपी (65), भतीजी यशिका (5) और छह माह के भतीजे मयंक के रूप में हुई। दूसरी भतीजी परी (8) ने हौदी में छिपकर जान बचाई, लेकिन बाद इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। पुलिस ने आरोपी 42 वर्षीय भूषण को गिरफ्तार कर लिया है। वह सेना में नायक पद से रिटायर्ड हुआ है, जबकि अभी एनिमल अटेंडेंट के रूप में कार्यरत है।

घटना रविवार देर रात नारायणगढ़-रायपुरानी सीमा स्थित रतौर गांव में हुई। पुलिस की प्राथमिक जांच के अनुसार, एक ही घर में दोनों भाइयों ने बंटवारा कर रखा था। दो साल से उनमें दो एकड़ जमीन को लेकर विवाद चल रहा था। पहले भी कई बार दोनों भाइयों के बीच मारपीट हो चुकी थी। रविवार रात भूषण ने पत्नी और ससुरालवालों के साथ मिलकर छोटे भाई के परिवार को खत्म करने की योजना बनाई।

रात करीब 10 बजे तेजधार हथियारों से उन्होंने घर के भीतर ही उन पर हमला कर हत्या कर दी। हत्या के बाद लकड़ी की बल्लियों पर सभी के शव रखकर डीजल डालकर आग लगा दी। पिता ओम प्रकाश पर भी धारदार हथियार से दो वार किए।

उन्होंने जख्मी हालत में घर से भागकर जान बचाई। पिता की शिकायत पर पहुंची पुलिस ने जख्मी परी और ओमप्रकाश को अस्पताल पहुंचाया। वहां से परी को चंडीगढ़ रेफर कर दिया गया, जहां उपचार के दौरान उसने दम तोड़ दिया।

नारायणगढ़ थाना पुलिस ने घायल पिता ओम प्रकाश के बयान पर बड़े बेटे भूषण, उसकी पत्नी पूनम, बेटे मक्खन, प्रिंस, दो साले टोनी, जोनी तथा साली बॉबी पर हत्या सहित विभिन्न धाराओं में केस दर्ज कर जांच पड़ताल शुरू कर दी है। उनको हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।

पिता ने दोस्त की मदद से आग बुझाई
पिता ने पुलिस को बताया कि छह लोगों की हत्या के बाद आरोपियों ने सुबूत मिटाने के लिए शटरिंग की बल्लियों पर शवों को रख आग लगा दी। उन्होंने अपनी पड़ोसी मित्र की मदद से आग को बुझाया। इस दौरान उन्होंने देखा कि घायल पोती परी पानी की हौद में छिपकर रो रही है। उसको भी आरोपियों से बचाया। इलाज के दौरान घायल पोती की मौत हो गई।

एक ही चिता पर मां-बेटे और पोते-पोतियों का अंतिम संस्कार
सोमवार की रात आठ बजे के करीब सभी छह शवों का एक ही चिता पर अंतिम संस्कार कर दिया गया। यह चिता भी हरीश की जमीन में तैयार की गई थी। सुबह से मुखाग्नि देने को लेकर रिश्तेदारों में चर्चा चलती रही। आखिर में मृतका के मौसेरे भाई जीवन ने मुखाग्नि दी। उसने बताया कि उसने ही हरीश के साथ सोनिया की शादी करवाई थी।

बता दें कि वारदात वाली शाम को भी हरीश अपने परिवार के साथ हंसी खुशी घर पर था। पत्नी रसोई में खाना बना रही थी और हरीश अपने बच्चों को खिलौनों से खिला रहा था। तभी रात को करीब 10 बजे आरोपी भूषण के सिर पर खून सवार हो गया और उसने परिवार के छह लोगों की हत्या कर दी। सोमवार की दोपहर को घर का ऐसा मंजर था कि देखने वालों की आंखें खुली की खुली रह गईं।

बेड पर खिलौने बिखरे हुए थे। रसोई में पत्नी जो बच्चों के लिए रोटी बना रही थी वो भी अधजली चकला पर पड़ी हुई थी। दूसरी गैस पर पतीले में दूध था जो कि जल गया था। शायद जिस समय हमला हुआ उस समय दूध भी सोनिया ने बच्चों को पिलाने के लिए चूल्हे पर चढ़ाया होगा।

बाहर बरामदे में बच्चों के जले हुए कपड़े व मास के चीथड़े पड़े हुए थे। रसोई के दरवाजे पर भी पड़ा खून वारदात की भयावहता बयां कर रहा था। कयास लगाए जा रहे हैं कि शोर सुनने के बाद जैसे ही छोटे भाई की पत्नी सोनिया रसोई से बाहर आई होगी तो उसकी गर्दन पर कुल्हाड़ी या गंडासी से वार कर दिया होगा।

पशु भी बरामदे में भूखे प्यासे बंधे थे। रिश्तेदार भी घर में भीतर जाने से कतरा रहे थे। बाहर जो शटरिंग वाली बल्लियों का ढेर लगा हुआ था, उसमें से कुछ अधजली थी। उसमें भी मांस के चीथड़े लगे हुए थे। बताया जाता है कि करीब छह माह पहले ही मकान बनाने का काम शुरू किया गया था। पैसे कम होने पर बिना खिड़की, दरवाजों व बिना प्लस्तर की दीवारों के ही चार कमरों व एक रसोई में जीवन यापन कर रहे थे।

हत्याकांड की अनुमानित टाइमलाइन
रविवार रात्रि 9.30 बजे- दोनों भाइयों में चल रहा था विवाद
9. 45 बजे – मां पर पहला हमला
9.47 बजे- पिता पर हमला
9.55 बजे- 25 कदम की दूरी पर छोटे भाई के परिवार पर हमला
10.50 बजे- ग्रामीणों और पुलिस को वारदात का चला पता
11.30 बजे- सोनिया का मौसेरा भाई व अन्य परिजन मौके पर पहुंचे
12 बजे – फोरेंसिक टीम सहित अन्य आक अधिकारी पहुंचे
रात्रि 1 बजे- नारायणगढ़ से परी की हालत को देखते हुए चंडीगढ़ रेफर किया
सोमवार सुबह 7 बजे- अम्बाला छावनी के नागरिक अस्पताल में पहुंचे शव
सुबह 8 बजे- मृतक के पिता को चंडीगढ़ रेफर किया गया
सुबह साढ़े 8 बजे- नारायणगढ़ थाने में पहुंचे मृतका सोनिया के परिजन, की गिरफ्तारी की मांग
1.30 बजे- एसपी अंबाला ने पत्रकार वार्ता ने आरोपियों की गिरफ्तारी की बात बताई।
शाम 5 बजे- अंबाला छावनी के नागरिक अस्पताल में चिकित्सकों के बोर्ड ने किया पोस्टमार्टम
8 बजे- परिजनों ने सभी मृतकों के अंतिम संस्कार की तैयारी की
8.30 बजे- मृतका के मौसेरे भाई जीवन ने मुखाग्नि दी।

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