Rahul Gandhi: सोमवार को बजट पर बोलते हुए जब नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने अपना भाषण शुरू किया तो उन्होंने एक बार फिर सरकार को पानी पी पीकर कोसा। राहुल ने इस बार बेरोजगारी या फिर अग्निवीर योजना के सहारे नहीं बल्कि सरकार को जाति जनगणना और अल्पसंख्यकों के मुद्गे को लेकर घेरने का प्रयास किया। संसद में राहुल का भाषण सुन वित्तमंत्री सीतारमण ने तो खुद अपना माथा तक पीट दिया।
सरकार ने 23 जुलाई को बजट पेश किया है और अब संसद में इस पर चर्चा की जा रही है। सोमवार को जब इस मुद्दे पर राहुल गांधी ने बोलना शुरू किया तो उन्होंने सरकार पर कई जुबानी तीर चलाए। इस दौरान राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने अल्पसंख्यकों का मुद्दा उछालते हुए और हलवा सेरेमनी की तस्वीर दिखाते हुए कहा कि- “इस तस्वीर में एक भी ओबीसी, दलित, जनजाती या अल्पसंख्यक अधिकारी शामिल नहीं है, देश में हलवा बंट रहा है और उसमें देश के 73 प्रतिशत ही लोग शामिल नहीं है। इस बजट को कुल 20 अफसरों ने तैयार किया था जिसमें एक अल्पसंख्यक और एक ओबीसी अधिकारी शामिल हैं, लेकिन इस तस्वीर में तो उन्हें भी जगह नहीं मिली”।
Rahul Gandhi के बयान पर वित्त मंत्री ने पीटा अपना माथा
हलवा सेरेमनी की तस्वीर दिखाकर जो मुद्दा राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने सदन में उठाने का प्रयास किया भले ही वो इंडिया गंठबंधन के लिए एक अहम मुद्दा रहा हो लेकिन भाजपा ने विपक्ष के अन्य मुद्दों की तरह इस मुद्दे को भी हल्के में लिया। संसद में राहुल ने जब अल्पसंख्यक अधिकारियों की गैरमौजूदगी का मुद्दा उठाते हुए इसे जातीय जनगणना से जोड़ा तो वित्तमंत्री सीतारमण हंसने लगी और उन्होंने हंसते हंसते अपना माथा पीटा।
राहुल ने कहा कि “देश के 90 से 95 फीसदी लोग जातिगत जनगणना के पक्ष में हैं। सभी लोगों को पता होना चाहिए की आखिर देश में उनकी भागीदारी कितनी है। बांटता कौन है 2-3 प्रतिशत लोग और फायदा किसे होता है उन्हें 2-3 फीसदी लोगों को” इस दौरान जब वित्त मंत्री हंसने लगी तो राहुल ने उन्हें टोकते हुए कहा कि- “वित्त मंत्री जी हंस रही हैं, ये हंसने वाली बात नहीं है मैडम”।
जेपी नड्डा Rahul Gandhi को दे चुके हैं जवाब
सोमवार को पहली बार ऐसा नहीं हुआ था जब राहुल (Rahul Gandhi) ने अल्पसंख्यकों, दलितों और जनजाती का मुद्दा सदन में उठाया है। दरअसल इससे पहले भी राहुल ने इस तरह के मुद्दों को सदन के सामने रखने का पूरा जोर लगाया है, सोमवार को भले ही इस मुद्दे पर सरकार की तरफ से कोई जवाब नहीं दिया गया हो लेकिन भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पिछले ही सप्ताह राहुल गांधी को इस मुद्दे का जवाब दिया था।
बजट पर चर्चा के दौरान अल्पसंख्यकों, दलितों और ओबीसी अधिकरी की गैरमौजूदगी पर जेपी नड्डा ने कहा था कि “राहुल गांधी को तथ्यों की जरा भी जानकारी नहीं है। आज जो लोग मुख्य सचिव जैसे बड़े पदों पर हैं उन्होंने आपके ही कार्यकाल में नौकरी पाई है। फिलहाल 1992 बैच के अधिकारी इस लेवल पर हैं, इसलिए राहुल गांधी को ये सवाल हमसे नहीं बल्कि पूर्व की कांग्रेस सरकारों से पूछना चाहिए”।