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राहुल गांधी पर टूट पडी मुसीबत! दिल्ली हाईकोर्ट ने लिया बडा फैसला

राहुल गांधी पर टूट पडी मुसीबत! दिल्ली हाईकोर्ट ने लिया बडा फैसला
राहुल गांधी पर टूट पडी मुसीबत! दिल्ली हाईकोर्ट ने लिया बडा फैसला

नई दिल्ली. कांग्रेस सांसद राहुल गांधी नई मुसीबत में घिरते नजर आ रहे हैं. उनकी नागरिकता को लेकर दायर जनहित याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है और सीबीआई ने इसकी जांच शुरू कर दी है. दिल्ली हाईकोर्ट को आज यह जानकारी दी गई.

राहुल गांधी की नागरिकता की जांच की मांग से जुड़ी याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि एक ही मामले में दो अलग-अलग अदालतों में सुनवाई नहीं हो सकती है. इस मामले की सुनवाई के दौरान दिल्ली हाई कोर्ट ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में याचिकाकर्ता विग्नेश शिशिर को दो सप्ताह में हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है.

इस मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता विग्नेश शिशिर ने कहा था कि इलाहाबाद हाई कोर्ट में मामले की सुनवाई एडवांस स्टेज पर हैं. केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई से इस मामले की तफ्तीश के लिए खत लिखा गया था.

दरअसल इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाखिल याचिका में राहुल गांधी के खिलाफ FIR दर्ज करने और संसद की सदस्यता रद्द करने की भी मांग की गई है. इस मामले में विदेश मंत्रालय ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में सील कवर में एक रिपोर्ट दाखिल की है.

6 दिसंबर को अगली सुनवाई
राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता मांग वाली याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट में 6 दिसंबर को अगली सुनवाई होगी. इस मामले में एक याचिकाकर्ता सुब्रमण्यम स्वामी भी हैं. दिल्ली हाईकोर्ट में इस मामले की सुनवाई के दौरान उनकी तरफ से कहा गया, ‘हमारी याचिका इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाखिल याचिका से बिल्कुल अलग है. अभी सीबीआई जांच का कोई आदेश नहीं हुआ है. 29 अप्रैल साल 2019 को उन्होंने गृह मंत्रालय को एक पत्र लिखा था, लेकिन उसका कोई जवाब नहीं मिला था.

क्या बोले सुब्रमण्यम स्वामी
स्वामी ने दोनों याचिकाओं के बीच अंतर बताते हुए दलील दी कि शिशिर की याचिका में आपराधिक अभियोजन शुरू करने का आग्रह किया गया है, जबकि उनकी याचिका में केवल यह कहा गया है कि राहुल गांधी भारत के नागरिक नहीं, बल्कि ‘ब्रिटेन के नागरिक’ हैं. स्वामी ने कहा, ‘यह मत कहिए कि अनुरोध एक जैसे हैं. यह साफ है कि वह (राहुल) दो देशों के नागरिक नहीं हो सकते, हमने दस्तावेजों के जरिये इसे साबित कर दिया है, जिनमें वह ब्रिटेन के साथ-साथ भारत का भी नागरिक होने का दावा करते हैं.’

इससे पहले, इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने केंद्र से पूछा था कि क्या इसने नागरिकता अधिनियम 1955 के तहत शिशिर की ओर से दायर अभिवेदन पर कोई निर्णय लिया है. शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने राहुल गांधी के ब्रिटिश नागरिक होने की ‘विस्तृत जांच’ की और कई नयी जानकारी सामने आई.

वहीं, दूसरी ओर स्वामी ने दावा किया कि कांग्रेस नेता ने भारतीय नागरिक होने के नाते संविधान के अनुच्छेद 9 का उल्लंघन किया, जिसे भारतीय नागरिकता अधिनियम के साथ पढ़ा जाए. स्वामी ने कहा कि उन्होंने मंत्रालय को कई अभिवेदन भेजे थे लेकिन न तो कोई कार्रवाई की गई, ना ही उन्हें कोई सूचना मिली.

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