लक्ष्‍मी जी को प्र‍िय हैं ये यंत्र, घर में रखने और पूजा मात्र से दूर ही जाएगी दरिद्रता

वैसे बता दें की यंत्र भी कई प्रकार के होता है और इनमें से किसी भी यंत्र की पूजा करके धन-धान्य से सम्पन्न बना जा सकता है और ये यंत्र इतने ताकतवर होते हैं कि इनकी पूजा करने से कुछ ही समय में आर्थिक स्थिति में साफ फर्क नजर आने लगता है। इतना ही नहीं हम सिर्फ श्री यंत्र की बात करें तो यह दो आकृतियों में आता है। जिसमें एक उर्ध्वमुखी होता है तो दूसरा अधोमुखी। यहाँ उर्ध्वमुखी का मतलब होता है ऊपर की ओर और अधोमुखी का अर्थ होता है नीचे की ओर। वहीं शास्त्रों में उर्ध्वमुखी श्री यंत्र को ज्यादा मान्यता दी गई है।

नवग्रह यंत्र…

LAXMI YANTRA

यह यंत्र 9 ग्रहों यानी की सूर्य, चंद्रमा, मंगल, शनि, बुध, गुरु, शुक्र, राहु और केतु को दर्शाता है। वहीं इस यंत्र की पूजा करने से जातकों के सभी ग्रहों से संबंधित दुष्प्रभाव कम हो जाते है और वे शुभ फल देने लगते हैं। नवग्रह यंत्र की पूजा करने मात्र से व्यक्ति को तरक्‍की की राह दिखने लगती है और धन प्राप्ति आदि में आ रहीं सभी रुकावटें खत्‍म होती हैं और जल्‍द ही व्‍यक्ति की सेहत, पारिवारिक जीवन आदि बेहतर हो जाता है। ऐसे में व्यक्ति को शुभ मुहूर्त में नवग्रह यंत्र लाकर घर में स्थापित करना चाहिए और उसकी रोज पूजा करनी चाहिए।

श्री यंत्र…

LAXMI YANTRA

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, श्री यंत्र का प्रयोग अलग-अलग इच्छाओं के लिए अलग-अलग तरीके से किया जाता है। अगर आपको श्री यंत्र का प्रयोग आर्थिक समस्या को दूर करने के लिए करना है तो आपको स्फटिक पिरामिड वाले श्री यंत्र की स्थापना करनी चाहिए और इस श्री यंत्र को एक गुलाबी कपड़े में लपेटकर किसी पूजा की चौकी पर स्थापित करें और इस यंत्र की पूजा करने से सालों पुराना आर्थिक संकट भी खत्‍म हो जाता है।

महालक्ष्मी यंत्र…

LAXMI YANTRA

यदि आपके घर में हमेशा दरिद्रता बनी रहती है और आपकी किस्मत आपका साथ नहीं देती। ऐसे में अपने घर या ऑफिस में श्री महालक्ष्मी यंत्र (Mahalaxmi Yantra) की स्थापना करनी चाहिए। इस यंत्र को सर्व सिद्धिदाता, धनदाता या श्रीदाता कहा जाता है। इसके अलावा प्रचलित मान्यता है कि इस यंत्र को स्थापित करने से देवी कमला की प्राप्ति होती है और जीवनभर के सभी कष्टों से मुक्ति मिल जाती हैं।

वहीं इस यंत्र से जुड़ी एक पौराणिक कथा भी है, जिसके अनुसार एक बार लक्ष्मी जी पृथ्वी से बैकुंठ धाम चली गईं थी, जिसके बाद पृथ्वी पर संकट आ गया था। ऐसे में महर्षि वशिष्ठ ने महालक्ष्मी को धरती पर वापस लाने के लिए और प्राणियों के कल्याण के लिए श्री महालक्ष्मी यंत्र को स्थापित किया और उसकी साधना की। ऐसे में घर में इस यंत्र की विधि-विधान से स्‍थापना करते ही पैसा स्वतः ही खिंचा चला आता है और धन-संपत्ति बढ़ती है। इसके अलावा दांपत्‍य जीवन भी बेहतर होता है।

धन वर्षा यंत्र…

प्राचीन काल से भारत में श्रीयंत्र की पूजा उपासना और प्रयोग प्रचलित है और धन वर्षा यंत्र की आधिपति मां लक्ष्‍मी हैं। ऐसे में इस यंत्र में मां लक्ष्‍मी की प्रतिमा होती है जिसे अपने घर अथवा दुकान में स्‍थापित करने से धन प्राप्‍त होता है। आय के स्रोत बढ़ते हैं और रुका हुआ धन भी प्राप्‍त होता है। इसे भी जरूर पढ़ें –