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लड़कों को शादी के लिए संस्कारी लड़की ही क्यों पसंद आती है?!

लड़कों को शादी के लिए संस्कारी लड़की ही क्यों पसंद आती है?!

लड़कों को शादी के लिए संस्कारी लड़की ही क्यों पसंद आती है?!

विवाह के लिए वर्षों से चले आ रहे परंपरागत मानदंड जैसे कि सुंदरता (Beautiful), सुशीलता, और गोरी त्वचा अब बदल रहे हैं.

boys changing marriage prefrences: विवाह के लिए वर्षों से चले आ रहे परंपरागत मानदंड जैसे कि सुंदरता (Beautiful), सुशीलता, और गोरी त्वचा अब बदल रहे हैं. हाल ही में बेंगलुरू में किए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार, युवा पीढ़ी अब ऐसे साथी की तलाश में है जो स्मार्ट (Smart) कामकाजी (Working Professionals), और संवेदनशील (Sensitive) हो. यह परिवर्तन न केवल विवाह के विज्ञापनों में दिखाई दे रहा है बल्कि युवाओं की सोच में भी स्पष्ट रूप से नजर आ रहा है.

युवाओं की नई परिभाषाएँ और विवाह के लिए उनकी अपेक्षाएँ

युवा पीढ़ी का मानना है कि विवाह के लिए उनके साथी में आत्मनिर्भरता (Self-reliance) और बोल्डनेस जैसे गुण होने चाहिए. वे ऐसे साथी की तलाश कर रहे हैं जो स्वतंत्र रूप से निर्णय ले सके और जो जीवन के प्रति खुली सोच रखता हो. इस बदलाव का मुख्य कारण यह है कि युवा वर्ग अब पारंपरिक सामाजिक निर्धारणों से ऊपर उठकर व्यक्तित्व और संगति को महत्व दे रहा है.

नई पीढ़ी के प्राथमिकताएँ और स्वतंत्रता

विवाह और करियर को लेकर युवा पीढ़ी की प्राथमिकताएँ भी बदल रही हैं. इस सर्वेक्षण में शामिल 46 प्रतिशत युवतियों ने बताया कि उनके लिए शादी से ज्यादा उनका करियर (Career) महत्वपूर्ण है. यह दर्शाता है कि आर्थिक स्वतंत्रता (Economic Independence) और व्यक्तिगत विकास आज के युवाओं के लिए अत्यधिक जरूरी हैं.

कार्यस्थल पर महिलाओं का अनुभव और तनाव

महिलाओं के कार्यस्थलीय अनुभवों पर किया गया एक अन्य सर्वेक्षण यह बताता है कि कामकाजी महिलाएं (Working Women) अक्सर अधिक तनाव (Stress) का सामना करती हैं. यह सर्वेक्षण कार्यस्थल पर समानता और मानसिक स्वास्थ्य सहायता के महत्व को उजागर करता है. इससे स्पष्ट होता है कि समाज को महिलाओं की सहायता और समर्थन में और अधिक प्रयास करने की आवश्यकता है.इसे भी जरूर पढ़ें –

खान-पान की आदतों में बदलाव और स्वास्थ्य

खाने की आदतों पर किए गए एक अन्य सर्वेक्षण के अनुसार लोग जितनी मात्रा में फल और सब्जियां (Fruits and Vegetables) खरीदते हैं, उनमें से कई उतना नहीं खा पाते. यह दिखाता है कि स्वस्थ खान-पान के प्रति जागरूकता अभी भी कई लोगों में पूरी तरह से विकसित नहीं हुई है. इसका मुख्य कारण व्यस्त जीवनशैली और खाने के प्रति अज्ञानता हो सकती है.

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