हेल्थ डेस्क: लिंग की नसें इलियोइंगुइनल नसों, पेरिनेल नसों, पृष्ठीय लिंग तंत्रिका और पुडेंडल नसों में प्रवेश करती हैं। ये अभिवाही तंतु रीढ़ की हड्डी में समाप्त होते हैं। पैरासिम्पेथेटिक और सिम्पेथेटिक तंतु पुडेंडल नसों के साथ मिलकर चलते हैं।इन नसों में ताकत होगा पुरुषों के लिए बहुत जरुरी हैं।
बता दें की लिंग की धमनियां, रक्त को लिंग तक ले जाती हैं। ये धमनियां, लिंग में रक्त प्रवाह बढ़ाने के लिए फैलती हैं। लिंग में रक्त प्रवाह, लिंग के स्तंभन में मदद करता है। वहीं, इसकी नसों में रक्त प्रवाह में कमी से इरेक्टाइल डिसफ़ंक्शन हो सकता है।
लिंग की नसों में आ जाएगी फौलादी ताकत, जानिए?
शतावरी : शतावरी को यौन क्षमता को बढ़ाने में प्रभावी जड़ी-बूटी माना जाता हैं। इसके सेवन से कामेच्छा की भावना बढ़ती है तथा लिंग में रक्त का प्रभाव भी बढ़ता हैं। जिससे लिंग में फौलादी ताकत आती हैं। इससे सिकुड़न और ढीलापन की समस्या भी दूर होती हैं।
शतावरी के फायदे।
1 .शतावरी का नियमित सेवन सेक्सुअल ऑर्गन्स को सक्रिय करता है।
2 .शतावरी का सेवन करने से तनाव कम होता है, जिससे कामेच्छा बढ़ती है।
3 .शतावरी के सेवन से नपुंसकता और शीघ्रपतन की समस्या भी ठीक होती हैं।
4 .शतावरी से पुरुषों में लो स्पर्म काउंट की समस्या ठीक होती है और स्पर्म काउंट बढ़ता है.
5 .शतावरी से शरीर की मांसपेशियां भी मज़बूत होती हैं, जिससे शारीरिक कमज़ोरी दूर होती है।