संघ लोकसेवा आयोग (UPSC) की सेवाओं में लेटरल एंट्री के ज़रिए एक्सपर्ट्स की भर्ती के मामले में केंद्र सरकार को फैसला वापस लेना पड़ा है. विपक्ष के साथ-साथ कई सहयोगी दल भी मोदी सरकार के इस फैसले के विरोध में नज़र आ रहे थे. मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर कार्मिक विभाग ने यूपीएससी को पत्र लिखकर 45 भर्तियों के विज्ञापन को वापस लेने के लिए कहा. सरकार के यूटर्न पर अब कांग्रेस सांसद और विपक्ष के नेता राहुल गांधी का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा है कि हम हर कीमत पर सविंधान और आरक्षण की रक्षा करेंगे.
राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पहले ट्विटर) पर एक पोस्ट शेयर कर लिखा, “संविधान और आरक्षण व्यवस्था की हम हर कीमत पर रक्षा करेंगे. भाजपा की लेटरल एंट्री जैसी साजिशों को हम हर हाल में नाकाम कर के दिखाएंगे.” राहुल ने अपने पोस्ट में एक बार फिर 50 फीसदी आरक्षण सीमा को तोड़ने का ज़िक्र किया. उन्होंने कहा, “मैं एक बार फिर कह रहा हूं- 50 फीसदी आरक्षण सीमा को तोड़ कर हम जातिगत गिनती के आधार पर सामाजिक न्याय सुनिश्चित करेंगे.”
संविधान और आरक्षण व्यवस्था की हम हर कीमत पर रक्षा करेंगे।
भाजपा की लेटरल एंट्री जैसी साजिशों को हम हर हाल में नाकाम कर के दिखाएंगे।
मैं एक बार फिर कह रहा हूं – 50% आरक्षण सीमा को तोड़ कर हम जातिगत गिनती के आधार पर सामाजिक न्याय सुनिश्चित करेंगे।
जय हिन्द।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 20, 2024
अखिलेश ने बताया पीडीए की जीत
समाजवादी पार्टी के मुखिया और सांसद अखिलेश यादव भी लेटरल एंट्री के मामले में लगातार केंद्र सरकार को घेर रहे थे और आरक्षण खत्म करने का आरोप लगा रहे थे. केंद्र सरकार के फैसले को वापस लेने के बाद अखिलेश ने एक्स पर एक पोस्ट लिखा, जिसमें उन्होंने कहा कि पीडीए की एकता ने सरकार को झुका दिया है. उन्होंने लिखा, “यूपीएससी में लेटरल एंट्री के पिछले दरवाज़े से आरक्षण को नकारते हुए नियुक्तियों की साज़िश आख़िरकार पीडीए की एकता के आगे झुक गई है. सरकार को अब अपना ये फैसला भी वापस लेना पड़ा है.”
अखिलेश यादव ने सरकार के इस फैसले को पीडीए की जीत बताते हुए कहा, “भाजपा के षड्यंत्र अब कामयाब नहीं हो पा रहे हैं, ये पीडीए में आए जागरण और चेतना की बहुत बड़ी जीत है. इन परिस्थितियों में समाजवादी पार्टी लेटरल भर्ती के खिलाफ 2 अक्टूबर से शुरू होने वाले आंदोलन के आह्वान को स्थगित करती है.”
उन्होंने कहा, “साथ ही ये संकल्प लेती है कि भविष्य में भी ऐसी किसी चाल को कामयाब नहीं होने देगी और पुरज़ोर तरीके से इसका निर्णायक विरोध करेगी. जिस तरह से जनता ने हमारे 2 अक्टूबर के आंदोलन के लिए जुड़ना शुरू कर दिया था, ये उस एकजुटता की भी जीत है.” अखिलेश यादवे ने कहा कि लेटरल एंट्री ने भारतीय जनता पार्टी का आरक्षण विरोधी चेहरा उजागर कर दिया है.