चिराग ने आगे कहा, ऐसे कई राज्यों के उदाहरण हैं जिनका नाम मैं नहीं लेना चाहूंगा। लेकिन जब आप स्पीकर और डिप्टी स्पीकर के पद की बात करते हैं, तो कई राज्य ऐसे हैं जहां पर स्पीकर और डिप्टी स्पीकर का पद भी आप ही के पास है। वहां एनडीए का कोई घटक दल सरकार नहीं चला रहा है। विपक्ष के दल सरकार चला रहे हैं। ऐसे में इस उम्मीद के साथ अगले 5 साल आपका नेतृत्व, मार्गदर्शन उतनी ही खूबसूरती से मिलता रहेगा, जैसे पहले पांच साल में मिला।
राहुल-अखिलेश के वार के बाद बोले चिराग
चिराग पासवान का यह बयान राहुल गांधी और अखिलेश यादव के संबोधन के बाद था। चिराग पासवान ने अपने बयान में राहुल गांधी की उस मांग की ओर इशारा किया, जिसमें उन्होंने सरकार से डिप्टी स्पीकर पद की मांग की थी। चिराग ने उसी संदर्भ में सदन में यह बात कही। साथ ही अपने संबोधन में उन्होंने अखिलेश को भी बिना नाम लिए टारगेट किया।
अखिलेश यादव ने क्या कहा?
अखिलेश ने लोकसभा स्पीकर से विपक्ष के साथ-साथ सत्ता पक्ष पर अंकुश लगाने की बात कही थी। अखिलेश ने ओम बिरला को बधाई देते हुए कहा था कि आप जिस पद पर बैठे हैं, उससे कई गौरवशाली परंपराएं जुड़ी हुई हैं। हम उम्मीद करते हैं कि आप निष्पक्ष रहकर आप हर सांसद की बात सुनेंगे। आप लोकतंत्र के न्यायाधीश के रूप में बैठे हैं। आपका अंकुश विपक्ष के साथ ही सत्ता पक्ष भी रहे। आपके इशारे पर सदन चले, इसका उल्टा न हो। हम आपके हर न्यायसंगत फैसले के साथ खड़े हैं।
‘इस बार मेरी पार्टी में भी युवाओं और महिलाओं की तादाद’
ओम बिरला के दोबारा स्पीकर चुने जाने पर चिराग पासवान ने कहा कि 18वीं लोकसभा में जिस तरीके से पुन: आपको यह जिम्मेदारी मिली है, हम सबका 17वीं लोकसभा का अपना एक अनुभव है। उस वक्त जिस तरह से महिलाओं और युवाओं को, ऐसे सांसद जो पहली बार चुनकर आए, आपने उनको प्रोत्साहित करने का काम किया। इस बार मेरी पार्टी में भी युवाओं और महिलाओं की तादाद है। उम्मीद रखता हूं कि आप उनको भी उसी तरीके से मौका देंगे। मेरे पिता रामविलास पासवान के विचारों को लेकर हमारी पार्टी आगे बढ़ने का काम कर रही है। पिछले 5 साल में आपने तमाम विचारों को सदन में रखने का मौका दिया। इस बात को कहने में मुझे कोई संकोच नहीं है। आपके द्वारा जो पिछले 5 साल में फैसले लिए गए हैं, उसने संविधान की मर्यादा को बढ़ाने और लोकतंत्र को मजबूती देने का काम किया है।
उन्होंने आगे कहा कि हम चुनाव लड़कर आ गए हैं। मैं तमाम साथियों से यही आग्रह करना चाहता हूं कि जहां चुनाव लड़ना था, हम लोग लड़ चुके। अब हम सबकी जिम्मेदारी है कि अपने-अपने क्षेत्रों के मुद्दों को यहां पर रखें और अपने देश को आगे लेकर जाने की जिम्मेदारी के साथ हम लोग यहां पर कार्य करने का प्रयास करें।