Bank Loan Rules: आज के युग में जहाँ एक ओर तकनीकी उपकरणों से लेकर व्यक्तिगत वस्त्रों तक हर चीज खरीदने के लिए लोन की सुविधा मिल रही है वहीं तीन प्रमुख प्रकार के लोन—पर्सनल, होम और कार लोन—जीवन के विभिन्न चरणों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं.
इन लोनों के नियम विशेषताएं और इनकी ईएमआई को समझना हर व्यक्ति के लिए जरूरी हो गया है जो इस तरह के लोन का उपयोग करने जा रहा है या कर चुका है.
मृत्यु के बाद लोन की जिम्मेदारी
अक्सर यह सवाल उठता है कि अगर लोन लेने वाले की मृत्यु हो जाती है तो उसके बकाया लोन का भुगतान कौन करेगा? इस स्थिति में विभिन्न लोनों (loan repayment after death) के लिए बनाई गई नीतियां और नियम अलग-अलग होते हैं. कुछ लोन ऐसे होते हैं जहाँ उत्तराधिकारी या सह-उधारकर्ता को बकाया राशि का भुगतान करना पड़ता है, वहीं कुछ में बैंक या वित्तीय संस्था स्वयं नियमों के अनुसार भुगतान की व्यवस्था करती है.
होम लोन के नियम
होम लोन (home loan rules) लेने पर आवासीय संपत्ति गिरवी रखी जाती है. अगर लोन लेने वाले की मृत्यु हो जाती है, तो सह-उधारकर्ता या उत्तराधिकारी के पास लोन की राशि को चुकाने या संपत्ति को बेचकर लोन चुकाने का विकल्प होता है. इसके अलावा, अधिकांश बैंक होम लोन पर इंश्योरेंस (home loan insurance) की सुविधा भी प्रदान करते हैं, जिससे मृत्यु की स्थिति में बैंक स्वयं बीमा के माध्यम से बकाया राशि को चुका सकता है.
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पर्सनल लोन की स्थिति में नियम
पर्सनल लोन (personal loan rules) और क्रेडिट कार्ड ऋण के मामले में, ये लोन सिक्योर्ड नहीं होते, इसलिए मृत्यु होने पर इन लोनों की बकाया राशि का भुगतान कोई अन्य व्यक्ति नहीं करता. यह लोन मृतक के साथ ही समाप्त हो जाते हैं, और उत्तराधिकारी पर इनका कोई बोझ नहीं पड़ता.
कार लोन और इसके नियम
कार लोन लेने की स्थिति में, यह लोन सिक्योर्ड होता है क्योंकि लोन लेने वाले की मृत्यु होने पर कार गिरवी रखी जाती है. इस स्थिति में बैंक या तो लोन का भुगतान परिवार से करने को कहता है या फिर कार को बेचकर अपनी राशि वसूल कर लेता है