लौकी जूस | Gourd Juice
- कई जगहों पर लौकी को घीया के नाम से भी जाना जाता है. लौकी की सबसे अच्छी बात ये है कि ये बेहद आसानी से मिल जाती है. इसके अलावा लौकी में कई ऐसे गुण होते हैं जो कुछ गंभीर बीमारियों में औषधि की तरह काम करते हैं। आमतौर पर लोग लौकी खाने से बचते हैं।
- कुछ को इसका स्वाद पसंद नहीं होता है तो कुछ को ये पता ही नहीं होता है कि ये कितनी फायदे चीज है. अगर आपको भी ये लगता है कि लौकी खाने से कोई फायदा नहीं है तो आपको बता दें कि ऐसा नहीं है। लौकी एक बेहद फायदेमंद सब्जी है, जिसके इस्तेमाल से आप कई तरह की बीमारियों से राहत पा सकते हैं।
- लौकी में पानी 96.1%; कार्बोहाइड्रेट 2.5%; प्रोटीन 0.2%; वसा 0.1%, रेशा 0.6%; होता है। लौकी के प्रति 100 ग्राम गूदे के मिश्रण में – सोडियम 1.8; मैग्नीशियम 5.0, पोटेशियम 87.0; कैल्शियम 20.2; ताँबा 0.3, लोहा 0.7; फॉस्फोरस 10, गंधक 10; विटामिन बी 1 0.03; विटामिन बी-5 0.2; विटामिन सी 6.0-ये प्रति 100 ग्राम में , मि.ग्रा. की मात्रा में पाये जाते हैं। तथा 100 ग्राम लौकी से 12 कैलोरी ऊर्जा मिलती है।
- सुबह जागने पर आप सबसे पहले क्या करते हैं? चाय पीते हैं या फिर कॉफी की तलब महसूस करते हैं? अगर आपसे कहा जाए कि अपनी आदत को बदलिये और रोज़ सुबह एक ग्लास लौकी का जूस पियें, तो? जी हां, बोरिंग सा लगने वाला ये लौकी जूस आपको सेहत के ढेर सारे उपहार दे सकता है। आइये जानते हैं लौकी के जूस को पीने से सेहत को होने वाले लाभ के बारे में।
लौकी का रस बनाने की विधि
- लौकी को धोकर छिलके सहित घियाकस से कस लें कसी हुई लौकी में 8 पत्ते तुलसी, और 6 पत्ते पुदीना के डालकर मिक्सी या सिलबट्टे पर पीस लें। पिसी हुई लौकी को किसी सूती पतले गीले कपड़े में डालकर, निचोड़ते हुए रस निकाल लें। इस तरह रस छना हुआ निकलेगा। इस छने हुए रस में चार पिसी हुई कालीमिर्च तथा एक ग्राम पिसा सेंधा नमक मिला लें | लौकी के रस की मात्रा 150 मि. ली. होनी चाहिए। इसमें बराबर का ही साफ पानी इसमें मिला लें, यानि लौकी का रस और पानी दोनों की कुल मात्रा 300 मि. ली. होनी चाहिए। याद रखें – हर बार ताजा रस बनाकर ही पियें।
लौकी का रस प्रयोग करने की विधि
- अगर लौकी का स्वाद कड़वा लगे तो इसको कभी ना पियें | सबसे पहले लौकी के जूस को थोडा सा चखें अगर यह कडवा लगे तो फेंक दें | दूसरी बार फिर से जूस बनाकर पियें | भोजन के पौन घंटे (45 मिनट) पहले या भोजन के एक घंटे बाद प्रतिदिन तीन बार प्रात:, दोपहर, रात्रि में सोते समय पियें। लौकी का सेवन ठण्डक देने वाला है। अत: जिन लोगों को जुकाम या नजले की समस्या हो वे लौकी का रस सर्दियों में ना पियें, पीना ही चाहें तो सोंठ और कालीमिर्च डालकर पियें। जिनको लौकी के रस किसी भी प्रकार की हानि पंहुचती है, वे लौकी के रस में अंगूर या अनार का रस मिलाकर पी सकते हैं।
लौकी के जूस फायदे | Benefits of Gourd Juice
- वर्कआउट के बाद पीना फायदेमंद : आप वर्कआउट के बाद जिस प्रोटीन शेक को पीते हैं, उसकी जगह लौकी के जूस को पीकर देखिये। लौकी के जूस में मौजूद नैचुरल शुगर न सिर्फ ग्लाइकोजीन (glycogen) स्तर को बनाए रखती है बल्कि वर्कआउट के दौरान शरीर में कार्बोहाइड्रेट की जो कमी पैदा होती है उसे भी पूरा करती है। इसमें प्रोटीन काफी मात्रा में होता है इसलिए ये मांसपेशियों की क्षमता भी बढ़ाता है।
- यूटीआई से निपटने में मदद करे : अगर आपको यूरीन के दौरान जलन या दर्द महसूस होता है तो आपको ज़रूरत है हर सुबह लौकी का जूस पीने की। क्योंकि ऐसा यूरीन में एसिड की मात्रा बढ़ने पर होता है और लौकी के जूस से मिलने वाली ठंडक एसिड के असर को कम कर देती है।
- शरीर को डीटॉक्स करे : खाली पेट एक ग्लास लौका का जूस पीने से आपको ताज़गी और एनर्जी दोनों महसूस होती है। इस जूस में 98% पानी और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो शरीर से टॉक्सिन्स बाहर निकाल देते हैं। इसे पीने से शरीर को ठंडक भी मिलती है।
- वज़न घटाने में मददगार : क्या आपको मालूम है कि लौकी के जूस में कैलोरी और फैट बहुत कम होता है? इसलिए जो लोग वज़न घटाना चाहते हैं उनके लिए ये बहुत फायदेमंद साबित होता बै। इसमें मौजूद फाइबर देर तक आपको भूख नहीं लगने देती।
- सनटैन से छुटकारा दिलाए : अगर आप चाहते हैं कि आप सनटैन से बचे रहें, तो भी लौकी का जूस आपके काम आ सकता है। इसके नेचुरल ब्लीचिंग तत्व टैन त्वचा को लाइट करते हैं। साथ ही ये अच्छा मॉश्चराइज़र भी है। दिन में 3-4 बार टैनिंग वाले स्थान पर लौकी का जूस लगाने से लाभ मिलता है।
- बाल झड़ने से रोके : अगर आप बाल झड़ने की समस्या से निपटने के लिए सब कुछ ट्राई कर चुके हैं, और तब भी फायदा नहीं हो रहा तो लौकी का जूस ट्राई करें। इसे तिल के तेल के साथ मिलाकर स्कैल्प पर लगाने से बाल झड़ना और गंजापन जैसी समस्याओं से राहत मिल सकती है। आयुर्वेद में ये बाल सफेद होने से बचाने के लिए भी एक अच्छा नुस्खा माना जाता है।
- ह्रदय का सुरक्षा कवच : ह्रदय रोगियो के लिए लौकी का जूस किसी अमृत से कम नही क्योंकि यह कोलेस्ट्रॉल को कम करता है जिससे धमनियों में ब्लॉकेज नही बनते और ह्रदय सुरक्षित रहता है।
- पेट की चर्बी गलाएँ : कुछ ही लोगों को ये पता होगा कि लौकी खाने से वजन कम होता है. आपको शायद इस बात पर यकीन न हो लेकिन किसी भी दूसरी चीज की तुलना में लौकी ज्यादा तेजी से वजन कम करती है. आप चाहें तो लौकी का जूस नियमित रूप से पी सकते हैं. इसके अलावा आप चाहें तो इसे उबालकर, नमक डालकर भी इस्तेमाल में ला सकते हैं।
- नेचुरल ग्लो के लिए : लौकी में नेचुरल वॉटर होता है. ऐसे में इसके नियमित इस्तेमाल से प्राकृतिक रूप से चेहरे की रंगत निखरती है. आप चाहें तो इसके जूस का सेवन कर सकते हैं या फिर उसकी कुछ मात्रा हथेली में लेकर चेहरे पर मसाज कर सकते हैं. इसके अलावा लौकी की एक स्लाइस को काटकर चेहरे पर मसाज करने से भी चेहरे पर निखार आता है।
- मधुमेह रोगियों के लिए : मधुमेह के रोगियों के लिए लौकी किसी वरदान से कम नहीं है. प्रतिदिन सुबह उठकर खाली पेट लौकी का जूस पीना मधुमेह के मरीजों के लिए बहुत फायदेमंद होता है।
- पाचन क्रिया को दुरुस्त रखने के लिए : अगर आपको पाचन क्रिया से जुड़ी कोई समस्या है तो लौकी का जूस आपके लिए बेहतरीन उपाय है। लौकी का जूस काफी हल्का होता है और इसमें कई ऐसे तत्व होते हैं जो कब्ज और गैस की समस्या में राहत देने का काम करते हैं।
- पोषक तत्वों से भरपूर : लौकी में कई तरह के प्रोटीन, विटामिन और लवण पाए जाते हैं. इसमें विटामिन ए, विटामिन सी, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम पोटेशियम और जिंक पाया जाता है. ये पोषक तत्व शरीर की कई आवश्यकताओं की पूर्ति करते हैं और शरीर को बीमारियों से सुरक्षित भी रखते हैं।
- कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने के लिए : लौकी का इस्तेमाल करना दिल के लिए बेहद फायदेमंद होता है. इसके इस्तेमाल से हानिकारक कोलेस्ट्रॉल कम हो जाता है. कोलेस्ट्रॉल की मात्रा अधिक होने से दिल से जुड़ी कई बीमारियों के होने का खतरा बढ़ जाता है।
- पानी को कमी : उल्टी, दस्त, तेज बुखार के कारण शरीर में पानी की कमी होने पर समान मात्रा में नारियल का पानी और लौकी का रस (Lauki Juice) मिलाकर हर 20 मिनट में आधा-आधा कप पीते रहने से पानी की कमी दूर हो जाती है तथा आगे भी पानी की कमी नहीं होती।
- पेट के रोग : एक कप लौकी का रस (Lauki Juice) सुबह खाली पेट प्रतिदिन पीने से पेट के सभी सामान्य रोग व कब्ज ठीक हो जाते हैं। लम्बे समय तक इसी प्रकार लौकी का रस पीने से पेट ठीक रहेगा। लौकी की खिचड़ी भी खा सकते हैं।
- पैर के तलवों की जलन : लौकी या घीया को काटकर इसका पेस्ट पैर के तलवों पर मलने से पैरों की गर्मी, जलन, दूर होती है। लौकी का रस (Lauki Juice) भी लगाया जा सकता है।
- दस्त : लौकी का रायता दस्तों में लाभप्रद है। लौकी को कद्दूकस करके थोड़ा पानी डालकर उबालें। फिर दही को अच्छी तरह मथकर उसमें उबली हुई लौकी को हल्का सा निचोड़ कर मिला दें और फिर उसमें सेंधा नमक, भुना जीरा, कालीमिर्च का चूर्ण मिलाकर दिन में 3 बार खाएँ। बार-बार दस्त जाना बन्द हो जायेगा। दस्त होने पर शरीर में पानी की कमी हो जाती है, ऐसी हालत में रोगी को लौकी का रस देने से लाभ होता है।
- मानसिक तनाव : आधा कप लौकी का रस दो चम्मच शहद मिलाकर सोते समय पीने से मानसिक तनाव कम होता है। सिर में लौकी का तेल लगायें। जब तनाव बढ़े उस समय Lauki Juice का एक छोटा गिलास पीने से तनाव और क्रोध से राहत मिलती है। लौकी से बहुत लाभ होता है। अन्न, दालें, फल-सब्जियाँ छिलकों सहित खायें। ठंडी प्रकृति वाली सब्जियाँ जैसे लौकी, कद्दू, तोरई, टिन्डा, भीगे हुए बादाम और अंजीर, गेहूँ का दलिया क्षार प्रधान होते हैं। ये चीजें भोजन में शामिल करें इससे तनाव कम होता है। चाय-कॉफी, शराब, मैदा की चीजें, तला हुआ भोजन, डिब्बा बन्द भोजन आदि से परहेज रखें, नहीं खायें।
- गला दर्द : एक गिलास Lauki Juice में दो चम्मच शहद या शक्कर मिलाकर पीने से लाभ होता है।
- गठिया : लौकी के 100 मि.ली. रस में 3 ग्राम सोंठ का चूर्ण मिलाकर पीने से गठिया की सूजन तथा दर्द से आराम मिलता है।
- गर्भावस्था : लौकी गर्भाशय संबंधी विकारों में लाभदायक है। इसलिए जिन स्त्रियों को बार-बार गर्भस्राव या गर्भपात हो जाता है, उन्हें कुछ दिनों तक लौकी का सेवन सब्जी या रस के रूप में अवश्य करना चाहिए। इससे गर्भाशय मजबूत होगा और गर्भस्राव से छुटकारा मिल जाएगा। गर्भवती महिला को Lauki Juice ताकत देता है। लौकी का रस या सब्जी, खिचड़ी खाते रहने से गर्भस्थ शिशु का पोषण होता है, शिशु स्वस्थ और सही वजन का जन्म लेता है। गर्भवती महिला का भी पोषण होता है।
- दाँत-दर्द के लिए : लौकी या घीया 75 ग्राम, लहसुन 20 ग्राम, दोनों को पीसकर एक लीटर पानी में उबालें। पानी आधा रह जाने पर छानकर कुल्ले करने से दाँत-दर्द ठीक होता है।
- सिरदर्द : लौकी को पीसकर माथे पर लेप करने से गर्मी के प्रभाव से होने वाला सिरदर्द ठीक हो जाता है। लौकी का तेल सिर में नित्य लगायें। सिरदर्द दूर हो जायेगा, रात को सिर की लौकी के तेल से मालिश करके सोयें। नींद अच्छी आयेगी |
- बुखार : तेज बुखार होने पर घबरायें नहीं, तेज ज्वर होने पर पैर के तलवों पर पानी के छींटे मारते हुए लौकी का गूदा (पीसी हुई लौकी का पेस्ट) रगड़ें। इससे बुखार की तेज गर्मी कम हो जाती है। ज्वर हल्का हो जाता है। इससे तलवों की जलन भी कम हो जाती है।
- जलन, चर्मरोग : लौकी के रस का प्रभाव ठंडा होता है अत: जिन रोगों में जलन, अधिक प्यास लगती है, उनमें लौकी का रस पीना लाभदायक होता है। एक कप लौकी के रस में एक चम्मच शहद (Honey) मिलाकर पीने से शरीर की गर्मी , अम्लपित्त (एसिडिटी), पेट की जलन, आँखों की जलन, रक्तविकार, फोड़े-फुन्सी, आदि रोगों में लाभ होता है।
- रक्तस्राव : शरीर के किसी अंग से अगर रक्त बह रहा हो तो लौकी के छिलकों को बारीक पीसकर उस स्थान पर लगाकर पट्टी बाँध देने से रक्त का बहना बंद हो जाता है। साथ ही लौकी का छिलकों सहित रस निकालकर पीना चाहिए।
- यूरिन संबंधी रोगों तथा गुर्दे के दर्द में : यूरिन संबंधी रोगों तथा गुर्दे के दर्द में लौकी का आधा कप रस निकाल कर उसमें चुटकी भर सेंधा नमक और नींबू का रस मिलाकर सुबह पीने से यूरिन खुलकर आता है |
- पेशाब की जलन : एक गिलास Lauki Juice में स्वादानुसार नींबू निचोड़ कर पीने से पेशाब की जलन ठीक हो जाती है। लौकी उबाल कर मथकर रस निकालें और रोजाना चार बार एक-एक गिलास पियें। इससे भी पेशाब खुलकर आयेगा।
- पित्ती : पित्ती निकलने पर शरीर में जहाँ-जहाँ पित्ती निकली हो, लौकी का रस लगायें तथा लौकी की सब्जी खायें।
- नकसीर : नकसीर बह रही हो तो लौकी के रस में रुई भिगोकर, हल्की-सी निचोड़कर माथे पर लगा कर रखें इससे तरावट आयेगी और नाक से रक्तस्राव भी बन्द हो जायेगा। लेकिन ध्यान रहे, रस आँखों में बह कर न जाने पाए |
- सौंदर्यवर्धक : लौकी के ताजा छिलके पीसकर चेहरे पर लगाये त्वचा खिल उठेगी। तथा लौकी का गूदा रगड़ने से काले दाग मिट जाते हैं।
- आँखें दुखना, दर्द : लौकी को पीसकर लुगदी पतले कपड़े में रखकर ऑंखें बन्द करके पोटली ऊपर रखकर चालीस मिनट सोयें। शीघ्र लाभ होगा।
- फुन्सियाँ : लौकी जूस प्रतिदिन तीन बार लगाने से लाभ होता है।