श्राद्ध हिंदू धर्म में किया जाने वाला एक प्रमुख कार्य है. यह लोग अपने पितरों के लिए करते हैं. श्राद्ध या पितृ पक्ष पितरों या पूर्वजों को याद करने का एक निमित्त है. इस अवधि में लोग अपने पितरों को याद कर उन्हें भोजन कराते हैं. धार्मिक मान्यता के अनुसार श्राद्ध के दिनों में सभी के पितृ धरती पर भ्रमण के लिए आते हैं और ऐसे में उनकी भावी पीढ़ी उन्हें भोजन कराती है.
बताया जाता है कि श्राद्ध पितरों को खुश रखने के लिए किया जाता है. गौरतलब है कि श्राद्ध की अवधि के दौरान हमे कई बातों का ध्यान रखना होता है. कई लोग अपने घरों में अपने पितरों की तस्वीरें भी लगाते हैं और ऐसे में कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना भी आवश्यक है. श्राद्ध के दौरान इसका जिक्र होना स्वाभाविक भी है. वास्तु शास्त्र के अनुसार अपने पूर्वजों की तस्वीर को कहां लगना चाहिए और कहां नहीं. वहीं इससे संबंधित और भी ध्यान रखने योग्य क्या बातें है. आइए इन सभी पर एक नज़र डालते हैं.
– वास्तु शास्त्र कहता है कि हमें अपने पूर्वजों की तस्वीर को भूलकर भी अपने बेडरूम, सीढ़ियों वाले स्थान और रसोई घर में जगह नहीं देना चाहिए. ये सभी स्थान पितरों की तस्वीर के लिए ठीक नहीं बताए गए हैं. यदि फिर भी कोई ऐसा करता है तो यह घर-परिवार के लिए परेशानी का सबब बन सकता है.
– आप अपने घर के बीचों-बीच वाले स्थान पर भी पितरों की तस्वीर को स्थान न दे. बताया जाता है कि ऐसा करने पर वहां रहने वाले लोगों को मान-सम्मान में हानि का सामना करना पड़ सकता है.
– वास्तु शास्त्र ने पितरों की तस्वीर लगाने के लिए घर में उचित स्थान के बारे में भी बताया है. वास्तु शास्त्र की माने तो हॉल या मुख्य बैठक वाले कमरे की दक्षिण-पश्चिम या पश्चिम दीवार की तरफ पितरों की तस्वीर लगाना शुभ रहेगा.
– ऐसी जगह पर पितरों की तस्वीरों को स्थान न दें जहां पर बार-बार घर के लोगों की नजर पड़ती हो. ऐसा होने पर आप अपने पितरों को देखकर निराश हो सकते हैं. अतः इस स्थिति से बचने के लिए इससे दूरी बनाना ही बेहतर है.
– वास्तु शास्त्र ने यह भी बताया है कि घर के जीवित लोगों और पितरों की तस्वीरों को एक साथ न लगाए. यानी कि दोनों तस्वीरें पास-पास में न हो. इस बात का विशेष रूप से ध्यान दें. ऐसे में जीवित व्यक्ति को जीवन में नकारात्मक प्रभाव से गुजरना पड़ सकता है. कहा यह भी जाता है कि जीवित व्यक्ति की ऐसे में आयु भी कम होती है.
– आप तस्वीर लगाने के दौरान ध्यान देने योग्य बातों को भी समझ लें. पितरों की तस्वीर लगाने के दौरान तस्वीर के नीचे किसी लकड़ी आदि का सपोर्ट लें. इससे तस्वीर लटकेगी या झूलेगी नहीं. साथ ही आगे भी कोई परेशानी नहीं आएगी.
– समय-समय पर अपने पितरों की तस्वीरों की साफ़-सफाई करते रहे. उन पर जाले या धूल-मिट्टी न रहने दें.
– हर किसी के लिए उनके पितरों की तस्वीर काफी मायने रखती है. क्योंकि वे फिर हमेशा उसी में अपने पितृ को देखते हैं. ऐसे में उसकी देखभाल ठीक से करें. तस्वीर को पूरा सम्मान प्रदान करें. कुछ ऐसा न करें जिससे कि पितरों को कोई पीड़ा पहुंचे.