India News (इंडिया न्यूज), DK Panda Second Radha: पूरी दुनिया राधा-कृष्ण की भक्ति में डूबी हुई है। हर कोई राधे-राधे, राधे कृष्ण का नाम जप रहा है। लेकिन अगर कोई कृष्ण की भक्ति में इतना खो जाए कि खुद को दूसरी राधा कहने लगे तो इसे आप क्या कहेंगे।
ऐसा ही एक मामला यूपी से सामने आया। जब ओडिशा के यूपी कैडर के आईपीएस अधिकारी और यूपी में आईजी डीपी पांडा खुद को राधा मानने लगे। उन्होंने अपना भेष भी बदल लिया। आज हम उन्हीं आईपीएस डीपी पांडा की कहानी बताएंगे…
उस समय उत्तर प्रदेश के तत्कालीन आईजी रहे डीके पांडा मूल रूप से ओडिशा के रहने वाले हैं। उनका पूरा नाम देवेंद्र किशोर पांडा है। डीके पांडा के दो बेटे भी हैं। 1971 बैच के आईपीएस डीके पांडा ने साल 2005 में कृष्ण की दूसरी राधा बनकर खूब सुर्खियां बटोरी थीं। खुद को कृष्ण की प्रेमिका बताते हुए उन्होंने यह भी ऐलान किया था कि वह एक महिला हैं।
सपने में आए थे भगवान कृष्ण
पूर्व आईजी डीके पांडा के अनुसार, 1991 में एक बार भगवान कृष्ण उनके सपने में आए और कहा कि वह पांडा नहीं बल्कि उनकी प्रेमिका राधा हैं। इसके बाद 1991 से 2005 तक पांडा का राधा रूप गुप्त रूप से चलता रहा। 2005 के बाद पांडा ने अपने हाव-भाव और पहनावे को सार्वजनिक कर दिया। जिसके बाद हर तरफ पुलिस विभाग की आलोचना होने लगी। उन्होंने बताया कि जिस दिन उन्हें सपना आया, उसी दिन वह राधा बन गए।
दुल्हन की तरह सजते थे
आईजी डीके पांडा नवविवाहिता की तरह सजते थे। मांग में सिंदूर, माथे पर बड़ी बिंदी, हाथों में मेहंदी, कोहनी तक रंग-बिरंगी चूड़ियां, कानों में बालियां और नाक में नथ, पीला सलवार कुर्ता, पैरों में घुंघरू और हर पल कृष्ण भक्ति में भजन नृत्य उनकी पहचान बन गई थी।
वर्दी के साथ 16 श्रंगार
आईजी डीके पांडा का कृष्ण प्रेम बढ़ता गया और तत्कालीन राज्य सरकार की फजीहत बढ़ती गई। एक समय ऐसा भी आया जब वे ड्यूटी के दौरान भी पुलिस की वर्दी पहनने लगे। इसलिए राज्य के सभी जूनियर और सीनियर पुलिसकर्मियों की ओर से अपने वरिष्ठ अधिकारियों और तत्कालीन सरकार को शिकायतें आने लगीं कि कैसे पांडा की वजह से लोग पूरे पुलिस प्रशासन का मजाक उड़ाने लगे हैं। इतना ही नहीं, पुलिस टीम जहां भी जाती थी, लोग उनका मजाक उड़ाते थे।
घर की नेम प्लेट पर लिखवा लिया था ‘दूसरी राधा’
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के गोमती नगर के विभूति खंड में पंडा ने अपने सरकारी आवास के बाहर अपने नाम की जगह ‘दूसरी राधा’ की नेम प्लेट लगवा ली थी, जो पुलिस के लिए शर्मिंदगी का कारण बन गई थी। आखिरकार उत्तर प्रदेश सरकार और पंडा के बीच लंबी खींचतान के बाद इस पुलिस अधिकारी ने इस्तीफा दे दिया। डीके पंडा को 2007 में रिटायर होना था, लेकिन इस विवाद के चलते उन्हें 2005 में ही वीआरएस लेना पड़ा था।
बाबा कृष्णानंद की नई पहचान
राधा का रूप छोड़कर डीके पंडा अब आम जिंदगी की तरह पुरुष रूप में आ गए हैं। हालांकि, जब उनसे पूछा गया कि आपने राधा का रूप छोड़ दिया है, तो वे कहते हैं, ‘अब मैं दोनों रूपों में हूं। (भगवान कृष्ण और राधा के रूप में) जिंदगी में मैं भगवान कृष्ण के सामने राधा के रूप में हूं और कृष्ण के रूप में। पूर्व आईजी ने बताया कि, ‘अब हम बाबा कृष्णानंद के रूप में हैं। अब तक मैं दूसरी राधा का रूप था, अब मेरा भगवान कृष्ण से आंतरिक जुड़ाव है।’
डीके पांडा के खिलाफ पत्नी ने किया केस
पूर्व आईजी डीके पांडा की पत्नी वीना पांडा ने 2009 में गुजारा भत्ता के लिए उनके खिलाफ केस दर्ज कराया था। इसके बाद कोर्ट ने पांडा को अपनी पत्नी को संपत्ति में हिस्सा और गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया था। पूर्व आईजी गुजारा भत्ता के तौर पर अपनी पत्नी को दस हजार रुपये दे रहे थे, लेकिन पत्नी वीना ने बारह हजार की मांग की। पांडा के मुताबिक उनके दोनों बेटे कृष्ण के प्रति उनकी भक्ति को समझते हैं, लेकिन सार्वजनिक तौर पर परिवार ने उनसे दूरी बना रखी है।