शरद पवार को ‘जेड प्लस’ सिक्योरिटी, विधानसभा चुनावों से पहले केंद्र सरकार का बड़ा फैसला

शरद पवार को ‘जेड प्लस’ सिक्योरिटी, विधानसभा चुनावों से पहले केंद्र सरकार का बड़ा फैसला

जेड प्लस सिक्योरिटी की वजह
ऐसा माना जा रहा है कि राज्य में आरक्षण के मुद्दे पर मराठा और ओबीसी समुदाय के बीच काफी तनाव है। केंद्र सरकार ने विधानसभा चुनावों में शरद पवार के मूवमेंट को देखते हुए उनकी सुरक्षा बढ़ाई है। पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार केंद्रीय एजेंसियों द्वारा किए गए खतरे के आकलन की समीक्षा में 83 वर्षीय महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री को उच्चतम श्रेणी के सशस्त्र वीआईपी सुरक्षा कवर की सिफारिश की गई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) से पवार को भी जेड प्लस सुरक्षा कवर देने को कहा है।

55 जवानों की टीम नियुक्त
केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद सीआरपीएफ के 55 सशस्त्र जवानों की एक टीम को नियुक्त किया गया है। केंद्र ने उन्हें सीआरपीएफ वीआईपी सुरक्षा विंग द्वारा संरक्षित जेड प्लस कवर दिया है। सूत्रों ने पीटीआई को बताया कि सीआरपीएफ की एक टीम पहले से ही इस कार्य को करने के लिए महाराष्ट्र में है। वीआईपी सुरक्षा कवर का वर्गीकरण उच्चतम Z से शुरू होता है, उसके बाद Z, Y, Y और X आते हैं। शरद पवार महाविकास आघाडी (एमवीए) के प्रमुख नेताओं में हैं। सुरक्षा मामलों की येलो बुक के अनुसार जेड प्लस कैटेगरी की सुरक्षा में 10 आर्म्ड स्टैटिक गॉर्ड, 6 पीएसओ एक समय में राउंड द क्लॉक, 24 जवान 2 एस्कॉर्ट में राउंड द क्लॉक, 5 वाचर्स 2 शिफ्ट में रहते हैं। एक इंस्पेक्टर या सब इंस्पेक्टर इंचार्ज के तौर पर तैनात रहता है। वीआईपी के घर में आने-जाने वाले लोगों के लिए छह फ्रीस्किंग और स्क्रीनिंग करने वाले तैनात रहते हैं। इसके साथ ही राउंड द क्लॉक ट्रेंड छह ड्राइवर भी होते हैं। इसे भी जरूर पढ़ें –

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