26 जुलाई 2024 की सुबह तकरीबन 6 बजे का वक्त था। उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात में पड़ने वाले मनकापुर इलाके में कुछ लोगों की नजर सड़क किनारे एक लाश पर पड़ती है। लाश के ऊपर एक बाइक भी टिकी हुई थी। मामले की सूचना पुलिस को दी जाती है और पता चलता है कि ये लाश गांव के ही गुरुचरन नाम के आदमी की है। गुरुचरन को शराब की लत थी, इसलिए शुरुआत में लगता है कि नशे की हालत में उसका एक्सीडेंट हुआ और उसकी जान चली गई। लोश के ऊपर चोट का कोई निशान भी नहीं था। पुलिस पंचनामा करती है और लाश को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा देती है।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट से मिला सुराग
इस बीच गुरुचरन का बड़ा भाई राजकुमार पुलिस थाने पहुंचता है और आरोप लगाता है कि उसके भाई की मौत हादसा नहीं, बल्कि उसकी हत्या की गई है। ये सुनकर पुलिस अधिकारियों के भी होश उड़ जाते हैं। अगले दिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट आती है, तो गुरुचरन के भाई का शक यकीन में बदल जाता है। गुरुचरन की हत्या गला घोंटकर की गई थी। अब पुलिस केस दर्ज करती है और मामले की तफ्तीश में जुट जाती है। राजकुमार अपनी शिकायत में आरोपी के तौर पर गुरुचरन की पत्नी पूजा और तीन अन्य लोगों गुलाब सिंह, शिवम और विष्णु के नाम लिखवाता है।
पूजा के पास मिला खुफिया सिम कार्ड
केस की तफ्तीश में जुटी पुलिस सबसे पहले पूजा और बाकी तीन आरोपियों की कॉल डिटेल चेक करती है। तहकीकात में पता चलता है कि गुलाब सिंह के फोन पर हर दिन एक नंबर से लगातार लंबी बात होती थी। पुलिस अब इस नंबर की डिटेल खंगालती है और जब सच्चाई खुलती है तो बेहद चौंकाने वाली जानकारी सामने आती है। ये नंबर गुरुचरन की पत्नी पूजा के नाम पर था। यहां एक और दिलचस्प बात निकलती है। दरअसल, इस नंबर को पूजा ने सबकी नजरों से छिपा रखा था। इस सिम को पूजा तभी इस्तेमाल करती थी, जब उसे गुलाब सिंह से बात करनी होती थी।
शिवम के साथ दो महीने बाहर रही पूजा
अब पुलिस गुलाब सिंह और पूजा को हिरासत में लेकर पूछताछ करती है। सख्ती करते ही दोनों टूट जाते हैं और इसके बाद गुरुचरन के कत्ल की खौफनाक कहानी सामने आती है। पुलिस पूछताछ में पूजा बताती है कि गुरुचरन से उसकी शादी करीब 12 साल पहले हुई थी। शादी के बाद से ही गुरुचरन शराब पीकर उसके साथ मारपीट करता था। इसी बीच पूजा की मुलाकात गांव में रहने वाले शिवम से हुई। धीरे-धीरे दोनों के बीच नजदीकी बढ़ने लगी और एक दिन पूजा घर छोड़कर उसके साथ महाराष्ट्र चली गई। यहां दोनों करीब 2 महीने तक साथ रहे और इसके बाद पूजा वापस गांव आ गई।
शिवम के बाद विष्णु और उसके बाद गुलाब सिंह
गांव लौटने के कुछ दिन बाद पूजा की जिंदगी में विष्णु नाम का एक दूसरा आदमी आता है। दोनों की बातचीत धीरे-धीरे अवैध संबंधों में बदल जाती है। कुछ महीने और बीतते हैं तो पूजा की नजदाकी अपने चचेरे देवर गुलाब सिंह से बढ़ जाती है। अब पूजा के तीन प्रेमी हो चुके थे। इसी बीच पूजा के पति को कहीं से पता चल जाता है कि उसकी बीवी के संबंध गुलाब सिंह के साथ हैं। गुलाब सिंह जब भी उसके घर के सामने से गुजरता तो गुरुचरन उसके साथ गाली गलौज करता। ऐसे में पूजा ने अपने तीनों प्रेमियों के साथ मिलकर पति को रास्ते से हटाने का फैसला कर लिया।
12 दिन में तैयार किया हत्या का प्लान
सबसे पहले पूजा ने एक नया सिम कार्ड खरीदा और पति से छिपकर इस नबंर से गुलाब सिंह के साथ बातें करने लगी। उसने गुलाब सिंह को अपने पति की हत्या करने के लिए तैयार किया और इस प्लान में बाकी दोनों प्रेमियों को भी शामिल कर लिया। पूजा के पति को शिवम और गुलाब सिंह के साथ उसके संबंधों की जानकारी थी, लेकिन विष्णु के बारे में उसे नहीं पता था। चारों ने मिलकर 12 दिनों में गुरुचरन की हत्या का प्लान तैयार किया। 25 जुलाई की शाम को विष्णु ने शराब पीने के बहाने से गुरुचरन को गांव के बाहर बुलाया और दोनों एक खेत के पास बैठकर शराब पीने लगे।
और खुल गई पूजा की पूरी साजिश
गुरुचरन को जब नशा हो गया तो वहां शिवम और गुलाब सिंह भी पहुंच गए। गुलाब को देखकर गुरुचरन भड़क गया और उसे गालियां देने लगा। इसी दौरान विष्णु ने पीछे से अपना गमछा गुरुचरन के गले में डाला और फंदा कसने लगा। गुरुचरन जब उसके काबू में नहीं आया तो गुलाब सिंह और शिवम ने मिलकर उसका गला गमछे से घोंट दिया। इसके बाद तीनों ने उसकी लाश को सड़क के किनारे डाला और उसके ऊपर बाइक गिरा दी। इनकी साजिश इस हत्याकांड को हादसे की शक्ल देने की थी। हालांकि कॉल डिटेल से पूजा की साजिश का पर्दाफाश हो गया और पुलिस इन चारों को गुरुचरन के कत्ल के आरोप में जेल भेज दिया।