Chankya Niti: शादी बहुत पवित्र रिश्ता होता है। शादी का फैसला लेने से पहले कई बार सोचना पड़ता है। कई बार हम जल्दबाजी में फैसला ले लेते हैं। जल्दबाजी में लिए गए फैसले का असर बाद में शादीशुदा जिंदगी पर पड़ता है। क्या आप जानते हैं कि शादीशुदा रिश्ते को लेकर चाणक्य नीति क्या कहती है। आइए जानते हैं इसके बारे में….
उम्र का ज्यादा फर्क नहीं होना चाहिए
चाणक्य के अनुसार, पति-पत्नी के बीच उम्र का ज्यादा फर्क नहीं होना चाहिए है। नहीं, तो रिश्ता पूरी तरह से बर्बाद हो जाता है। दोनों में कितनी भी मेलजोल हो, पारिवारिक जीवन अच्छा नहीं चलता है। पूरा परिवार तभी अच्छा होता है, जब पति-पत्नी खुश हों।
शादी से पहले विचार कर लें
शादी जीवन का एक बहुत ही महत्वपूर्ण फैसला होता है। एक बार शादी हो जाने के बाद हमें अपना पूरा जीवन उसी शख्स के साथ बिताना पड़ता है। इसलिए शादी से पहले सोच लें और अगर आपको लगता है कि आप उससे शादी करके खुश रहेंगे, तो ही शादी के लिए राजी हों।
पत्नी का कर्तव्य
चाणक्य नीति के अनुसार, पति-पत्नी का एक दूसरे पर हक होता है। ऐसे में पत्नी का यह कर्तव्य होता है कि जब उसका पति कभी परेशान हो, तो उसे अपने प्यार से उसे खुशियां देनी चाहिए। इससे दोनों के रिश्ते भी मधुर होते हैं।