CM Yogi : उत्तर प्रदेश में फिलहाल सीएम योगी (CM Yogi) आदित्यनाथ का राज चल रहा है. वह दूसरी बार राज्य के सीएम बने हैं. वह अपनी अनोखी कार्यशैली के चलते पूरे देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी प्रचलित हैं. वह अपराधी ही नहीं बल्कि हर छोटी से छोटी चीज्ज पर भी अपनी नजर रखते है जो उनके राज्य को या राज्य के लोगों को हानि पहुंचा सकती है. ऐसा ही कुछ मामला अभी सामने आया है. जब उन्होंने सरकारी कर्मचारियों को वेतन देने से मना कर दिया है. इससे राज्य के 2.44 लाख सरकारी कर्मचारियों के वेतन में कटौती की गई है.
यूपी सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को दिया आदेश
दरअसल सीएम योगी (CM Yogi) ने 31 अगस्त तक सभी कर्मचारियों को अपनी-अपनी प्रॉपर्टी की डिटेल बताए जाने का आदेश जारी किया था. जानी थे. लेकिन अभी तक इन कर्मचारियों के ओर से डिटेल नहीं बताए जाने पर सरकार ने कार्रवाई की है. मुख्य सचिव ने 31 अगस्त तक सभी सरकारी कर्मचारियों की संपत्तियों का विवरण साझा करने के लिए कहा था. सरकारी कर्मचारियों को चल और अचल संपत्ति का सूचीपत्र के निर्देश दिए गए थे. यह कच्चे माल को मानव संसाधन पोर्टल पर दिया जाना था. लेकिन इसके बाद भी केवल 71 प्रतिशत कर्मचारियों ने ही अपने चल और अचल संपत्ति का ब्योरा पोर्टल पर दिया था. जिसके बाद ये एक्शन लिया गया.
ब्योरा नहीं देने वाले 2.44 लाख कर्मचारियों का वेतन रोका
सीएम योगी कि ओर से निर्देश दिया गया था कि यदि ब्योरा नहीं दिया गया तो वेतन रोक दिया जाएगा. इसके बाद भी 6.02 लाख कर्मचारियों ने अपनी संपत्ति का खुलासा किया है. खबरों का कहना है कि अब भी जानकारी ना देने वाले कर्मचारियों पर विशेष कार्रवाई की जा सकती है. यूपी के सरकारी विभागों में आठ लाख 46 हजार 640 कर्मचारी काम करते हैं. मुख्य सचिव की ओर से जारी आदेश में कहा गया था कि सरकारी कर्मचारियों का ब्योरा लिया जाएगा और कर्मचारियों को अपनी संपत्ति का ब्योरा ऑनलाइन देना होगा.
31 अगस्त तक ब्योरा देने का दिया था आदेश
सीएम योगी (CM Yogi) के आदेशनुसार आईपीएस ऑफिसर जैसे कर्मचारियों को इसमें शामिल नहीं किया गया था. मुख्य सचिव के आदेश के बाद भी कर्मचारियों ने ब्योरा देने में ठिलाई दिखाई है. ब्योरा देने में टेक्स्टाइल, सैनिक कल्याण, ऊर्जा, खेल, कृषि और महिला कल्याण विभाग के कार्य आगे चल रहे हैं. शिक्षा विभाग के प्रशिक्षुओं को बुनियादी ढांचे (CM Yogi) में प्रशिक्षित किया जाता है. सबसे बड़ी फिसड्डी श्रेणी में शिक्षा, उच्च शिक्षा, चिकित्सा स्वास्थ्य, औद्योगिक विकास और राजस्व विभाग साबित हुए हैं. 17 अगस्त को जब यह आदेश जारी हुआ था.
71 फीसदी कर्मचारियों ने किया काम पूरा
मानव संसाधन पोर्टल पर प्रॉपर्टी विशेष रूप से रजिस्ट्री और पीसीएस विद्यार्थियों को ही मुक्त रखा गया है क्योंकि वे एक अलग पोर्टल पर अपनी संपत्ति का ब्योरा देते हैं. योगी (CM Yogi) के आदेश के पहले केवल 15 फीसदी राज्य सचिवालय ने ही पोर्टल पर अपनी संपत्ति दर्ज की थी. 20-31 अगस्त के बीच यह उछाल 71 प्रतिशत हो गया. शासन के एक उच्चपदस्थ अधिकारी ने बताया कि प्रॉपर्टी का ब्योरा ना देने वाले कर्मचारियों के वेतन रोकने का ऑर्डर पहले ही दिया जा चुका है. कर्मचारियों को सभी को दस्तावेज़ की सुरक्षा करना होगा.
सीएम योगी ने इन कर्मचारियों को दिया सख्त आदेश
सीएम योगी (CM Yogi) ने आदेश दिया था कि संपत्ति का ब्योरा देने पर वेतन जारी होगा. उच्च पद के अधिकारियों के अनुसार, अधिकारियों-कर्मचारियों का पिछले महीने का वेतन जारी किया जाएगा, जब वे संपति का ब्योरा दे देंगे. उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के सख्त निर्देश के बाद भी 2 लाख 45 हजार कर्मचारियों ने मानव संसाधन पोर्टल पर संपत्ति का मालिकाना हक नहीं दिया है. मिली रिपोर्ट (CM Yogi) के मुताबिक अब इन कर्मचारियों पर कार्रवाई की गई. विभाग ने इन कर्मचारियों पर कार्रवाई की तारीख तय कर दी है.
कर्मचारियों पर होगी सख्त कार्रवाई
डिपार्टमेंटल पोर्टल ने 31 अगस्त तक अनिवार्य रूप से मानव संसाधन से चल और अचल वस्तुओं का ब्योरा देने का निर्देश दिया था. इसके बावजूद सभी कर्मचारियों ने अपनी सम्पत्ति का विवरण नहीं किया. जानकारी के मुताबिक 71 प्रतिशत कर्मचारियों ने अपनी संपत्ति का ब्योरा पोर्टल जारी किया है. यूपी सरकार (CM Yogi) के कर्मचारियों के लिए संपत्ति का विवरण जमा करने की अंतिम तिथि एक माह बढ़ा दी गई है.